भूपेश बघेल का भाजपा पर बड़ा हमला
नालंदा में पटेल समाज द्वारा आयोजित पटेल जयंती समारोह के मंच से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बिहार में जेडीयू को समाप्त करने की साजिश रच रही है और गुजरात से बिहार की राजनीति को नियंत्रित करने की तैयारी कर रही है।
“बिहार को बिहारी चलाएगा, बाहरी नहीं”
बघेल ने कहा कि भाजपा बिहार के किसानों के हक़ का हनन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी समूह को मात्र एक रुपये में 1100 एकड़ भूमि दी गई है, जबकि किसानों को उनका उचित मुआवजा तक नहीं मिला। उन्होंने कहा —
“बिहार को गुजरात से चलाने की तैयारी है, लेकिन बिहार को बिहारी चलाएगा, कोई बाहरी नहीं।”
सरदार पटेल के आदर्शों से किया तुलना
पटेल जयंती समारोह में बोलते हुए बघेल ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की आज़ादी के बाद देशी रियासतों को एकजुट करने का ऐतिहासिक कार्य किया था।
उन्होंने कहा कि आज देश में ऐसे चार लोग हैं — “दो बेचने वाले और दो खरीदने वाले” — जो देश की आत्मा को कमज़ोर करने में लगे हैं।
“पटेल जी और गांधी जी ने देश को एकजुट करने में अपना खून-पसीना बहाया था, लेकिन आज के नेता उसी एकता की भावना को बेच रहे हैं।”
नीतीश कुमार पर भी साधा निशाना
भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा कि एक समय वे प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे और उन्होंने खुद कहा था कि “मोदी को बिहार में घुसने नहीं देंगे”, लेकिन अब वही मोदी के सामने झुक गए हैं।
उन्होंने तंज कसा —
“नीतीश जी को उम्र का असर हो गया है। भाजपा उन्हें सम्मान नहीं, अपमान दे रही है। छह बार के मुख्यमंत्री को भाजपा ने चुनाव में चेहरा तक घोषित नहीं किया, बस इतना कह दिया कि उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।”
कांग्रेस उम्मीदवार को जिताने की अपील
कार्यक्रम के अंत में भूपेश बघेल ने पटेल समाज से कांग्रेस उम्मीदवार कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया को नालंदा विधानसभा से जिताने की अपील की। उन्होंने कहा —
“मुखिया को विधानसभा भेजने का काम आप करिए, आगे की जिम्मेदारी हम संभालेंगे।”
बाइट:
भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़
“भाजपा बिहार में जेडीयू को खत्म करने की साजिश कर रही है। बिहार को बिहारी चलाएगा, बाहरी नहीं।”
भूपेश बघेल के इस बयान से बिहार की सियासत में एक बार फिर नया तापमान आ गया है। नालंदा की पटेल जयंती सभा में दिया गया यह भाषण चुनावी समीकरणों पर असर डाल सकता है, खासकर उस समय जब भाजपा-जेडीयू गठबंधन के भीतर नेतृत्व और दिशा को लेकर चर्चाएं तेज हैं।