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निजी क्लिनिक में मासूम की संदिग्ध मौत से मचा हंगामा, परिजनों ने किया जमकर तोड़फोड़

Child Death in Private Clinic
Child Death in Private Clinic – नालंदा के निजी अस्पताल में बच्चे की मौत से मचा बवाल
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घटना स्थल पर मचा अफरातफरी

नालंदा जिले के बिहार शरीफ से एक बड़ी और दुखद खबर सामने आई है। स्थानीय निजी क्लिनिक में इलाज के दौरान एक बच्चे की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। जैसे ही यह खबर परिजनों को मिली, पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। ग़म और गुस्से से भरे परिजनों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की। इस दौरान क्लिनिक में अफरातफरी का माहौल बन गया और कई उपकरणों को नुकसान पहुँचा।

सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस फिलहाल लोगों को समझाने-बुझाने में जुटी हुई है ताकि माहौल शांत रहे।


बच्चे की हालत बिगड़ने के बाद शुरू हुआ हंगामा

जानकारी के मुताबिक, बच्चे को बुखार और सांस लेने में परेशानी की शिकायत के बाद परिजन इलाज के लिए पास के एक निजी क्लिनिक में लेकर पहुंचे थे। क्लिनिक के डॉक्टरों ने बच्चे को इंजेक्शन लगाने और कुछ दवाइयां देने की बात कही। लेकिन इलाज के कुछ देर बाद ही बच्चे की हालत गंभीर हो गई।

परिजन दावा कर रहे हैं कि क्लिनिक कर्मियों द्वारा गलत इंजेक्शन लगाए जाने या इलाज में लापरवाही के कारण ही बच्चे की जान गई। वहीं, क्लिनिक के कर्मचारियों का कहना है कि बच्चे को अस्पताल लाए जाने से पहले ही उसकी स्थिति बेहद नाज़ुक थी।


परिजनों का आरोप — “डॉक्टरों की लापरवाही से गई जान”

मृत बच्चे के परिजनों ने मीडिया से बात करते हुए कहा,

“हमारा बच्चा ठीक था, सिर्फ हल्का बुखार था। डॉक्टरों ने कहा इंजेक्शन से ठीक हो जाएगा। लेकिन इंजेक्शन लगाते ही बच्चा तड़पने लगा और कुछ ही मिनटों में उसकी जान चली गई। हमें पूरी तरह विश्वास है कि लापरवाही हुई है।”

परिजनों का कहना है कि क्लिनिक प्रशासन ने मामले को दबाने की कोशिश की और शव को बिना पुलिस की सूचना दिए हटाने की तैयारी में था।


क्लिनिक कर्मी का पक्ष — “बच्चे की स्थिति पहले से ही गंभीर थी”

दूसरी ओर, क्लिनिक कर्मी पप्पू कुमार ने बताया कि बच्चे को जब अस्पताल लाया गया तब उसकी हालत पहले से ही बहुत खराब थी।

“हम लोगों ने अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश की, लेकिन बच्चा नहीं बच सका। डॉक्टर ने हर संभव प्रयास किया। किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई है।”


पुलिस की मौजूदगी में स्थिति नियंत्रित

घटना की जानकारी मिलते ही बिहार शरीफ थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने आक्रोशित भीड़ को समझाने की कोशिश की और स्थिति को नियंत्रित किया। फिलहाल पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

पुलिस ने बताया कि बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है ताकि मौत के असली कारणों का पता चल सके। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।


स्थानीय लोगों में आक्रोश, प्रशासन पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में कई ऐसे निजी क्लिनिक बिना पंजीकरण या उचित चिकित्सकीय सुविधा के चल रहे हैं। प्रशासन ऐसे अस्पतालों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा है।
लोगों की मांग है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जिला प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए और ऐसे क्लिनिकों की जांच की जानी चाहिए।


आगे की कार्रवाई

पुलिस ने इस मामले में क्लिनिक प्रशासन से पूछताछ शुरू कर दी है।
एसएचओ ने बताया कि,

“पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि बच्चे की मौत का असली कारण क्या था। अगर किसी तरह की लापरवाही साबित होती है तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”


निष्कर्ष

बच्चे की मौत से पूरा इलाका सदमे में है। एक ओर जहां परिवार के लोग न्याय की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर स्थानीय नागरिक अब प्रशासन से उम्मीद कर रहे हैं कि वह इस तरह के लापरवाह क्लिनिकों के खिलाफ सख्ती दिखाए।


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Aakash Srivastava

Writer & Editor at RashtraBharat.com | Political Analyst | Exploring Sports & Business. Patna University Graduate.