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NDRF और स्थानीय प्रशासन की चार दिवसीय अथक खोज के बावजूद बंद खदान में युवक का कोई सुराग नहीं

NDRF Rescue
NDRF Rescue: नवादा जिले की चितरकोली बंद खदान में युवक मनोज कुमार की खोज में एनडीआरएफ और प्रशासन की लगातार कोशिश
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एनडीआरएफ की निरंतर कोशिशें निराशाजनक रही

नवादा जिले के रजौली थाना क्षेत्र के चितरकोली गांव में चार दिन पूर्व बंद खदान में डूबे युवक मनोज कुमार की खोज अब तक विफल रही है। घटना की सूचना मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन ने तत्काल गोताखोर और पुलिस बल की मदद से युवक की तलाश शुरू की।

एनडीआरएफ की टीम बुधवार को बिहटा, पटना से पहुंची और खोज कार्य में जुट गई। टीम कमांडर ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेशानुसार रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी तत्परता दिखाई जा रही है। हालांकि, खदान की गहराई और जटिल स्थिति के कारण अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सक्रिय भागीदारी

रजौली थानाध्यक्ष राजेश कुमार एवं एएसआई जयप्रकाश चौधरी लगातार मौके पर मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय ग्रामीण और युवक के परिजन भी तलाश कार्य में लगे हुए हैं। चौथे दिन भी प्रशासन की ओर से किसी सफलता की सूचना नहीं मिली है, परन्तु प्रयास जारी हैं।

अनुमंडल पदाधिकारी स्वतंत्र कुमार सुमन ने बताया कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि गुरुवार को भी खोज कार्य जारी रहेगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि खदान में गोताखोरों की सहायता से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन खदान की असुरक्षित स्थिति एवं जलभराव के कारण रेस्क्यू कार्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

घटना का कारण और पृष्ठभूमि

जानकारी के अनुसार, मनोज कुमार (35) निवासी चितरकोली ने घरेलू विवाद और प्रेम प्रसंग से संबंधित तनाव के चलते खदान में कूदने का निर्णय लिया। परिजनों ने थाने में लिखित आवेदन देकर एक महिला पर आरोप लगाते हुए बताया कि युवक मानसिक दबाव में था। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि युवक की तलाश में स्थानीय गोताखोर भी कई दिनों से प्रयासरत हैं। एनडीआरएफ की टीम के आने से उम्मीद बढ़ी थी, लेकिन जटिल परिस्थितियों ने खोज को कठिन बना दिया।

गांव में मची शोक की लहर और सुरक्षा की मांग

घटना के बाद पूरे चितरकोली गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि बंद खदानों के आसपास सुरक्षा उपाय किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।

गांव के बुजुर्गों ने बताया कि खदान का क्षेत्र बहुत खतरनाक है और इसे समय-समय पर बंद करने के बावजूद सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने प्रशासन से तत्काल कदम उठाने की अपील की।

भविष्य की तैयारियां और प्रशासन की चेतावनी

जिला प्रशासन ने बताया कि खोज कार्य तब तक जारी रहेगा जब तक युवक का कोई सुराग नहीं मिल जाता। इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से खदान के पास न जाने की चेतावनी दी है। एनडीआरएफ टीम ने भी सुरक्षा उपकरणों और तकनीकी साधनों के साथ खोज कार्य को गति दी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं में समय का महत्व अत्यंत होता है। जल्द से जल्द कार्रवाई और तकनीकी सहायता ही युवक को सुरक्षित बाहर निकालने में सहायक हो सकती है।

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Aakash Srivastava

राष्ट्रभारत में लेखक एवं संपादक | राजनीतिक विश्लेषक | खेल और व्यवसाय की रिपोर्टिंग में विशेष रुचि | पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय से स्नातक।