बिहार चुनाव से पहले विकास का दम: नीतीश कुमार ने दिखाई राजनीतिक सक्रियता
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख़ों की घोषणा भले अभी बाकी हो,
लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी मोड में प्रवेश कर लिया है।
राज्यभर में वे लगातार कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं,
नई योजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं के बीच संवाद स्थापित कर रहे हैं।
सोमवार का दिन इसका बड़ा उदाहरण रहा जब नीतीश कुमार ने
एक ही दिन में पटना मेट्रो का उद्घाटन, महिला रोजगार योजना का लाभ वितरण,
और कई विभागीय परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
मुजफ्फरपुर में कार्यकर्ताओं से संवाद — चुनावी मोड में नीतीश
मुजफ्फरपुर के सकरा में आयोजित एनडीए कार्यकर्ता संवाद में
नीतीश कुमार ने पार्टी कैडर को संबोधित करते हुए कहा,
“राज्य सरकार ने हाल ही में कई ऐसे कदम उठाए हैं जिनसे
हर वर्ग को फायदा मिलेगा — चाहे वह किसान हो, महिला हो या युवा।”
उन्होंने पंचायत स्तर पर विवाह भवनों के निर्माण,
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में राशि वृद्धि,
और जीविका दीदियों के लिए नई सुविधाओं का विशेष रूप से ज़िक्र किया।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह संवाद
नीतीश कुमार के “ग्राउंड कनेक्शन रीबिल्ड” की कोशिश है,
जिससे वे चुनाव से पहले जनता से सीधा जुड़ाव दिखा सकें।
पटना मेट्रो का उद्घाटन — बिहार के लिए ऐतिहासिक दिन
दिन की सबसे बड़ी उपलब्धि रही — पटना मेट्रो के प्राथमिकता कॉरिडोर का उद्घाटन।
इस परियोजना के शुरू होने के साथ पटना अब
उन चुनिंदा भारतीय शहरों में शामिल हो गया है
जहां मेट्रो रेल परिचालन शुरू हो चुका है।
नीतीश कुमार ने कहा,
“यह परियोजना बिहार के शहरी विकास का नया अध्याय है।
अब राजधानी पटना की ट्रैफिक व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।”
इसके बाद उन्होंने रुकनपुरा से पटना जंक्शन तक भूमिगत मेट्रो स्टेशन के सुरंग निर्माण कार्य का
शिलान्यास भी किया। इससे यह स्पष्ट है कि सरकार
राजधानी की आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने में पूरी तरह सक्रिय है।
महिला रोजगार योजना — 21 लाख महिलाओं को मिला लाभ
चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री ने महिलाओं को सशक्त बनाने का बड़ा कदम उठाया।
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत
राज्य की 21 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपए की राशि अंतरित की गई।
कुल मिलाकर ₹2100 करोड़ रुपए की सहायता राशि का ट्रांसफर किया गया।
नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता
बिहार के विकास का सबसे मजबूत स्तंभ है।
उन्होंने ‘जीविका’ मॉडल को बिहार की सफलता की कहानी बताया
और कहा कि “महिलाओं की भागीदारी से ही राज्य आत्मनिर्भर बनेगा।”
करोड़ों की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास
नीतीश कुमार ने ऊर्जा, जल संसाधन, उद्योग, भवन निर्माण और पथ निर्माण विभाग
की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया।
मुख्य योजनाओं की सूची इस प्रकार रही —
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ऊर्जा विभाग — ₹5847.66 करोड़ की 264 योजनाओं का उद्घाटन और ₹3238.39 करोड़ की योजनाओं का कार्यारंभ।
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जल संसाधन विभाग — ₹4982.07 करोड़ की 14 बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास।
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उद्योग विभाग — ₹452.99 करोड़ की 37 योजनाओं का शिलान्यास।
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भवन निर्माण विभाग — 116 योजनाएँ, कुल लागत ₹1354 करोड़।
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पथ निर्माण विभाग — 15 योजनाएँ, कुल लागत ₹1083.01 करोड़।
राज्य सरकार का दावा है कि ये सभी परियोजनाएँ
“न्यू बिहार” के निर्माण की दिशा में ठोस कदम हैं।
राजनीतिक संकेत — विकास और सियासत का संगम
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि
नीतीश कुमार इन योजनाओं के माध्यम से
राज्य की जनता को यह संदेश देना चाहते हैं
कि उनकी प्राथमिकता अब भी विकास और सुशासन है।
चुनाव से पहले यह सक्रियता यह संकेत देती है कि
वे सत्ता विरोधी लहर को विकास योजनाओं के ज़रिए संतुलित करना चाहते हैं।
निष्कर्ष: चुनावी रण में विकास की चाल
बिहार चुनाव 2025 की घोषणा भले कुछ ही दिनों की बात हो,
पर नीतीश कुमार ने पहले ही यह साफ कर दिया है
कि वे मैदान में पूरी तैयारी के साथ उतरने वाले हैं।
विकास परियोजनाएँ, महिला सशक्तिकरण योजनाएँ
और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद —
इन तीन मोर्चों पर सक्रिय रहकर
मुख्यमंत्री ने यह संदेश दे दिया है
कि “बिहार का चुनाव अब सिर्फ सियासत नहीं, विकास की परीक्षा भी होगा।”