बिहार मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल
बिहार सरकार ने मंत्रालयों के बड़े बंटवारे की घोषणा कर दी है। इस पुनर्वितरण में राजनीतिक संतुलन, प्रशासनिक दक्षता और आने वाले चुनावी परिदृश्य की झलक साफ दिखाई देती है। इस बार का सबसे बड़ा बदलाव यह है कि राज्य के इतिहास में पहली बार गृह विभाग भाजपा को मिला है, जिसे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी संभालेंगे। अब तक यह विभाग स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास रहता था, ऐसे में यह निर्णय राजनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सम्राट चौधरी के हाथ में गृह विभाग
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को गृह मंत्रालय सौंपे जाने से भाजपा की राजनीतिक भूमिका और अधिक मजबूत होती दिख रही है। कानून-व्यवस्था, पुलिस प्रशासन, आंतरिक सुरक्षा जैसे गंभीर विषय अब सीधे उनके अधीन होंगे। भाजपा इसे अपने संगठनात्मक विस्तार और शासन में बढ़ते प्रभाव का प्रतीक मान रही है।
वित्त, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य में भी नए समीकरण
जदयू के बिजेंद्र यादव को वित्त और वाणिज्यकर जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं। पहले यह विभाग भाजपा के पास था, लेकिन इस बार इसे जदयू ने अपने नियंत्रण में ले लिया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को उद्योग विभाग का भार दिया गया है, जिससे औद्योगिक वृद्धि और निवेश को गति देने की उम्मीद है।
स्वास्थ्य विभाग मंगल पांडेय को पुनः सौंपा गया है, जबकि शिक्षा विभाग सुनील कुमार के पास रहेगा।
कृषि, ग्रामीण विकास और श्रम विभागों में नई तैनाती
कृषि विभाग रामकृपाल यादव को दिया गया है, जिनसे उम्मीद है कि वे कृषि ढांचे और किसान कल्याण योजनाओं को गति देंगे।
ग्रामीण विकास से जुड़े विभाग श्रवण कुमार, अशोक चौधरी और दीपक प्रकाश के बीच बांटे गए हैं, जिससे ग्रामीण आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दिशा में नई पहल संभव है।
श्रम संसाधन विभाग संजय टाइगर को मिला है, जो श्रमबल प्रबंधन और रोजगार योजनाओं के लिए जिम्मेदार होंगे।
खेल, पर्यटन और सूचना प्रौद्योगिकी में युवा चेहरों को मौका
अरुण शंकर प्रसाद को पर्यटन एवं कला विभाग दिया गया है। बिहार की सांस्कृतिक विरासत को नए सिरे से प्रस्तुत करने में यह विभाग अहम भूमिका निभाएगा।
वहीं अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह को सूचना प्रौद्योगिकी और खेल विभाग दिया गया है, जिससे सरकार ने युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने का संकेत दिया है।
मंत्रियों और उनके विभागों की पूरी सूची (तालिका)
नीचे सरकार द्वारा घोषित सभी 22 मंत्रियों और उनके विभागों की तालिका प्रस्तुत है:
| क्र.सं. | मंत्री | विभाग/मंत्रालय |
|---|---|---|
| 1 | सम्राट चौधरी | गृह विभाग |
| 2 | दिलीप जायसवाल | उद्योग विभाग |
| 3 | अरुण शंकर प्रसाद | पर्यटन एवं कला मंत्रालय |
| 4 | मंगल पांडेय | स्वास्थ्य विभाग |
| 5 | सुनील कुमार | शिक्षा विभाग |
| 6 | लेशी सिंह | खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण |
| 7 | विजय चौधरी | जल संसाधन एवं भवन निर्माण विभाग |
| 8 | रामकृपाल यादव | कृषि विभाग |
| 9 | विजय कुमार सिन्हा | खान एवं भू-तत्व विभाग |
| 10 | नितिन नवीन | पथ निर्माण तथा नगर विकास एवं आवास विभाग |
| 11 | संजय टाइगर | श्रम संसाधन विभाग |
| 12 | मदन सहनी | समाज कल्याण विभाग |
| 13 | अशोक चौधरी | ग्रामीण कार्य |
| 14 | श्रवण कुमार | ग्रामीण विभाग |
| 15 | दीपक प्रकाश | पंचायती राज |
| 16 | संतोष सुमन | लघु जल संसाधन |
| 17 | नारायण प्रसाद | आपदा प्रबंधन |
| 18 | लखेंद्र पासवान | अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग |
| 19 | सुरेंद्र मेहता | पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग |
| 20 | रमा निषाद | पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग |
| 21 | प्रमोद चंद्रवंशी | सहकारिता तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग |
| 22 | श्रेयसी सिंह | सूचना प्रावैधिकी एवं खेल विभाग |
प्रशासनिक संतुलन और राजनीतिक संदेश
इस बार के फेरबदल में जदयू और भाजपा के बीच जिम्मेदारियों का ऐसा वितरण किया गया है, जो दोनों दलों के बीच आपसी समन्वय को दर्शाता है।
जहाँ जदयू को वित्त, जल संसाधन, शिक्षा जैसे बुनियादी विभाग मिले हैं, वहीं भाजपा को गृह, उद्योग, स्वास्थ्य और खान जैसे निर्णायक विभाग दिए गए हैं।
यह बंटवारा आने वाले राजनीतिक परिदृश्य में दोनों दलों की रणनीतिक भूमिका को स्पष्ट करता है।
भविष्य की दिशा और उम्मीदें
नई जिम्मेदारियाँ मिलने के बाद अब सभी मंत्रियों के सामने अपनी-अपनी प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने की चुनौती होगी।
कानून-व्यवस्था, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर इन विभागों के कार्य का सीधा प्रभाव जनता तक पहुंचेगा।
सरकार का उद्देश्य है कि यह बदलाव बेहतर प्रशासन, मजबूत अवसंरचना और तेज विकास का आधार बने।