बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच महागठबंधन का घोषणापत्र जारी
राज्य ब्यूरो, पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक माहौल में जबरदस्त उबाल है। इसी क्रम में शुक्रवार को महागठबंधन ने अपना बहुप्रतीक्षित घोषणा-पत्र जारी किया, जिसका नाम रखा गया है “बिहार का तेजस्वी प्रण”। इस घोषणा-पत्र में युवाओं, किसानों, महिलाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों को केंद्र में रखकर नीतिगत वादे किए गए हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि यह केवल कागज पर लिखे शब्द नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य का खाका है।
युवाओं के लिए रोजगार का संकल्प
घोषणापत्र में सबसे अधिक जोर बेरोजगारी उन्मूलन पर दिया गया है। तेजस्वी यादव ने कहा, “हमारा पहला वादा है—बिहार में हर घर रोजगार।” उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार बनने के पहले कैबिनेट में 10 लाख स्थायी नौकरियों की घोषणा की जाएगी। राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने, नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास और स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए भी ठोस योजनाएँ प्रस्तुत की गईं।
किसानों की समृद्धि ही राज्य की प्रगति
महागठबंधन के घोषणापत्र में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा दोहराया गया है। इसके अंतर्गत सिंचाई के विस्तार, कृषि उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, और किसान ऋण माफी की संभावनाओं पर चर्चा की गई। तेजस्वी यादव ने कहा कि किसानों के पसीने की सही कीमत देना सरकार की पहली जिम्मेदारी होगी।
कृषि आधारित उद्योगों के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) विकसित करने का भी वादा किया गया है ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया जा सके।
महिलाओं को मिलेगा सम्मान और सशक्तिकरण
घोषणापत्र में महिलाओं के लिए कई जनोपयोगी योजनाएँ शामिल की गई हैं। इनमें महिला सुरक्षा बल का गठन, स्वरोजगार योजनाएँ, और महिलाओं की शिक्षा में समान अवसर सुनिश्चित करने के वादे शामिल हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि महिलाओं को निर्णय प्रक्रिया में समान भागीदारी दी जाएगी और पंचायत से लेकर विधानमंडल तक उनकी उपस्थिति को और मजबूत किया जाएगा।
शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार का रोडमैप
महागठबंधन ने शिक्षा और स्वास्थ्य को अपने घोषणापत्र का केंद्र बिंदु बताया है। शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालयों की गुणवत्ता सुधार, शिक्षकों की नियुक्ति और तकनीकी शिक्षा के विस्तार की बात कही गई है।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर हर जिले में मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल, मुफ्त दवाएँ और जांच सेवाएँ उपलब्ध कराने का वादा किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों की तैनाती भी प्रस्तावित की गई है।
बुनियादी ढाँचा और सुशासन का नया विज़न
घोषणापत्र में बिहार के बुनियादी ढाँचे के विकास को लेकर भी कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं। इसमें ग्रामीण सड़कों का चौड़ीकरण, शुद्ध पेयजल, और हर घर बिजली जैसी योजनाओं को प्राथमिकता दी गई है। साथ ही, भ्रष्टाचार और अपराध पर कठोर कार्रवाई की प्रतिबद्धता जताई गई है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार अब पिछड़ेपन से आगे बढ़कर “नए युग का बिहार” बनेगा—जहाँ विकास और समानता साथ-साथ चलें।
घोषणापत्र जारी करने का राजनीतिक महत्व
विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन का यह घोषणापत्र न केवल राजनीतिक दस्तावेज़ है, बल्कि जनता से जुड़ने का एक बड़ा प्रयास है। इसके ज़रिए विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले वर्षों में बिहार के विकास की गति थम गई है और अब बदलाव की ज़रूरत है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह घोषणापत्र युवा और ग्रामीण मतदाताओं को आकर्षित करने की दिशा में अहम भूमिका निभा सकता है।
तेजस्वी यादव का संकल्प: “बदलाव की नींव जनता रखेगी”
कार्यक्रम के अंत में तेजस्वी यादव ने कहा, “हम बिहार को पलायन, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार की जंजीरों से मुक्त कराकर विकास की राह पर ले जाएंगे। हमारा प्रण है कि बिहार अब सम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ेगा।”
उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस घोषणापत्र को अपना दस्तावेज़ मानें और बदलाव के इस आंदोलन में भागीदार बनें।