बिहार चुनाव 2025: एआई वीडियो विवाद से बढ़ा चुनावी तापमान
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के करीब आते ही चुनावी राजनीति और गरमाई हुई है। शनिवार को भाजपा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत सौंपते हुए आरोप लगाया कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज से एआई जनरेटेड वीडियो प्रसारित किया है। इस वीडियो में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को कथित तौर पर अमर्यादित रूप में दिखाया गया, जिससे मतदाताओं को गुमराह करने और चुनावी माहौल को प्रभावित करने की कोशिश की गई।
फेसबुक पोस्ट और डीपफेक वीडियो का आरोप
भाजपा के मुताबिक, शिकायत में शामिल लिंक पर वायरल हुए वीडियो को एआई जनरेटेड डीपफेक बताया गया है। शिकायत में कहा गया है कि यह वीडियो निर्वाचन आयोग की 24 अक्टूबर की परामर्शी अधिसूचना का उल्लंघन करता है। उस अधिसूचना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित भ्रामक सामग्री का उपयोग नहीं कर सकता।
भाजपा ने कहा कि वीडियो में प्रतिद्वंद्वी नेताओं के चरित्र को झूठे और अपमानजनक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। ऐसे वीडियो आदर्श आचार संहिता और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123(4) के तहत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आते हैं।
आयोग से की गई मांगें
भाजपा ने चुनाव आयोग से मांग की है कि वायरल वीडियो को तुरंत हटा दिया जाए। साथ ही फेसबुक-मेटा को निर्देश दिए जाएँ कि वीडियो का मेटाडाटा सुरक्षित रखा जाए। भाजपा ने तेजस्वी यादव और उनके दल के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने की भी मांग की है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने साइबर सेल से तकनीकी जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश देने की अपील की है।
एआई वीडियो और सोशल मीडिया का खतरा
हाल के वर्षों में सोशल मीडिया पर नेताओं की आपत्तिजनक तस्वीरें और मीम्स वायरल होते रहे हैं। अब एआई जनरेटेड वीडियो और डीपफेक तकनीक इनकी जगह तेजी से ले रही है। ऐसे वीडियो और तस्वीरें न केवल राजनीतिक माहौल को प्रभावित करती हैं बल्कि मतदाताओं को गुमराह भी कर सकती हैं। इससे चुनाव में निष्पक्षता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठ सकते हैं।
भाजपा ने चेतावनी दी कि अगर चुनाव आयोग ने तत्काल कार्रवाई नहीं की, तो इसका गंभीर प्रभाव बिहार चुनाव के निष्पक्ष और शांतिपूर्ण संचालन पर पड़ेगा। इससे पहले भी कई बार एआई जनरेटेड वीडियो और फोटो की शिकायतें चुनाव आयोग और संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों में दर्ज कराई गई हैं।
बिहार में चुनावी माहौल में एआई वीडियो और डीपफेक तकनीक का प्रयोग गंभीर राजनीतिक और कानूनी मुद्दा बन गया है। भाजपा की शिकायत ने स्पष्ट कर दिया है कि राजनीतिक दल इस तकनीक का इस्तेमाल मतदाताओं को गुमराह करने और विरोधी दलों की छवि को प्रभावित करने के लिए कर सकते हैं। आने वाले दिनों में चुनाव आयोग की कार्रवाई और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की भूमिका इस मामले में निर्णायक साबित होगी।