बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस और राजनीतिक हलचल
बिहार चुनाव 2025 के मद्देनजर महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने की संभावनाओं के बीच, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल उनकी तस्वीर के पोस्टर ने बीजेपी और राजनीतिक समीक्षकों का ध्यान खींचा।
महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल तेजस्वी की तस्वीर
पटना में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में महागठबंधन के पोस्टर पर सिर्फ तेजस्वी यादव की तस्वीर थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत RJD और कांग्रेस के बीच सीट-बंटवारे की वार्ता को सुलझाने के लिए पटना में मौजूद थे। लंबी बातचीत और कई दौर की खींचतान के बाद, गठबंधन के सहयोगी दलों ने एक मंच पर आकर एकजुटता दिखाने का निर्णय लिया।
हालांकि पोस्टर पर कांग्रेस और राहुल गांधी की तस्वीर की अनुपस्थिति ने सवाल खड़े कर दिए हैं। राजनीतिक विश्लेषक इसे महागठबंधन के अंदर कुछ असहमति के संकेत के रूप में देख रहे हैं।
Joint PC? But only one picture
Rahul Gandhi & Congress ka “samman chori”
Showed Congress & Rahul his place? pic.twitter.com/BTztFZgvOP
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) October 23, 2025
बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी पर तंज कसा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर लिखा, “संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस? लेकिन केवल एक तस्वीर। राहुल गांधी और कांग्रेस का ‘सम्मान चोरी’।”
पूनावाला ने यह भी आरोप लगाया कि RJD ने कांग्रेस को दबाव में डालकर तेजस्वी यादव को गठबंधन का चेहरा स्वीकार करने के लिए मजबूर किया। उन्होंने राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ अभियान का भी जिक्र करते हुए इसे राजनीतिक खेल के तौर पर पेश किया।
सीट-बंटवारे को लेकर विवाद और समाधान
महागठबंधन के अंदर सीट-बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। RJD और कांग्रेस के बीच कई दौर की वार्ता के बाद अशोक गहलोत की मध्यस्थता से समाधान निकला। गहलोत ने दोनों दलों को समझाने का प्रयास किया ताकि बिहार चुनाव से पहले गठबंधन की एकजुटता दिखाई जा सके।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार चुनाव में महागठबंधन का यह निर्णय तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने का संकेत है। इसके साथ ही कांग्रेस की भूमिका और उसकी तस्वीर की अनुपस्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।
महागठबंधन का संदेश और जनता की प्रतिक्रिया
महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य यह दिखाना था कि सभी सहयोगी दल चुनाव के पहले एकजुट हैं। हालांकि सोशल मीडिया और राजनीतिक समीक्षकों की नजर में पोस्टर पर केवल तेजस्वी यादव की तस्वीर ने गठबंधन के अंदर असहमति की संभावना को उजागर किया।
जनता की प्रतिक्रिया मिश्रित रही। कुछ समर्थक इसे गठबंधन की मजबूती का संकेत मान रहे हैं, तो कुछ आलोचक इसे कांग्रेस की उपेक्षा और गठबंधन के भीतर असंतोष के रूप में देख रहे हैं।
बिहार चुनाव 2025 महागठबंधन के लिए एक चुनौतीपूर्ण राजनीतिक परिदृश्य लेकर आ रहा है। तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने का निर्णय और कांग्रेस की तस्वीर की अनुपस्थिति दोनों ही राजनीतिक बहस का विषय बने हैं। इस स्थिति में गठबंधन की एकजुटता और चुनावी रणनीति पर भविष्य में और भी चर्चा होने की संभावना है।