Bihar Chunav 2025: मोकामा हत्याकांड से गरमाई सियासत, नेताओं के बयान तेज
पटना से विशेष रिपोर्ट।
बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल अब पूरी तरह गरमा गया है। जैसे-जैसे पहले चरण की वोटिंग की तारीख नजदीक आ रही है, राज्य की राजनीति में बयानबाजी, आरोप-प्रत्यारोप और जनसभाओं की गूंज तेज हो चुकी है। इसी बीच मोकामा में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड ने चुनावी हवा में नया रंग भर दिया है। इस घटना पर जहां विपक्ष नीतीश सरकार पर निशाना साध रहा है, वहीं सत्तारूढ़ दल भाजपा ने इसे कानून व्यवस्था की जीत बताया है।
दिलीप जायसवाल बोले – “अपराधी चाहे कोई भी हो, सजा जरूर मिलेगी”
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मोकामा हत्याकांड पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य में कानून का राज पूरी तरह कायम है। उन्होंने कहा,
“बिहार में अपराधी कोई भी हो, उसे सजा मिलती है। पूरा प्रशासन घटना पर नज़र रखे हुए है और अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही विस्तार से कुछ कहा जा सकता है, लेकिन सरकार और पुलिस दोनों मुस्तैदी से काम कर रहे हैं। जायसवाल ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि वे केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को तूल दे रहे हैं।
NDA पर लालू यादव का तंज और भाजपा का जवाब
RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने NDA के घोषणापत्र को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की, जिस पर दिलीप जायसवाल ने पलटवार किया। उन्होंने कहा,
“लालू यादव को शायद पता नहीं कि NDA के पांचों सहयोगियों ने मिलकर घोषणापत्र जारी किया था। जिनके पास करने को कुछ नहीं होता, वे ऐसी छोटी-छोटी बातों में समय गंवाते हैं।”
यह बयानबाजी एक बार फिर बिहार की राजनीति को गरम कर गई है, जहां हर दल अपने-अपने अंदाज़ में जनता को लुभाने की कोशिश कर रहा है।
हरलाखी में मुख्यमंत्री की सभा स्थगित, करेंगे रोड शो
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हरलाखी में प्रस्तावित जनसभा विपरीत मौसम के कारण स्थगित कर दी गई। हालांकि, उन्होंने गंगौर गांव और आसपास के इलाकों में रोड शो करने का निर्णय लिया है। एनएच 227 मार्ग पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं और प्रशासन ने पुलिस बलों की तैनाती सुनिश्चित की है।
नीतीश कुमार की यह रणनीति इस बात का संकेत है कि जेडीयू और एनडीए अपनी चुनावी उपस्थिति को हर कोने में मजबूत करना चाहते हैं।
राजद का चुनाव आयोग को पत्र, सरकार पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
विपक्षी दल राजद (RJD) ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर नीतीश सरकार पर मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट तोड़ने का आरोप लगाया है।
RJD सांसद मनोज झा ने कहा,
“आचार संहिता लागू होने के बाद पैसे बांटना या किसी भी तरह से वोटिंग व्यवहार को प्रभावित करने की कोशिश रिश्वतखोरी मानी जाती है। चुनाव आयोग को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कदम लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाते हैं और निष्पक्ष चुनाव की भावना को ठेस पहुंचाते हैं।
राहुल गांधी पर बीजेपी का तंज – “NDA के स्टार प्रचारक”
भाजपा नेता संजय जायसवाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा व्यंग्य किया। उन्होंने कहा,
“राहुल गांधी NDA के स्टार प्रचारक हैं। जब भी वे बोलते हैं, NDA को फायदा होता है। उन्होंने छठ पूजा का अपमान किया है और बिहार की संस्कृति को समझे बिना यहां प्रचार करने आए हैं।”
इस बयान ने सोशल मीडिया पर राजनीतिक बहस को और तेज कर दिया है। बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस की नीतियां बिहार की जनता से दूर हैं और यह चुनाव उनके लिए कठिन साबित होगा।
तेजप्रताप यादव ने भी साधा निशाना, बोले – “बिहार की स्थिति खराब है”
जनशक्ति जनता दल प्रमुख तेजप्रताप यादव ने मोकामा हत्याकांड को लेकर कहा कि बिहार की कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है और सरकार को कड़ा एक्शन लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से जनता में भय का माहौल है।
तेजप्रताप ने यह भी कहा कि वे अपने भाई तेजस्वी यादव के खिलाफ राघोपुर जाकर प्रचार करेंगे। उनके इस बयान ने आरजेडी खेमे में नई चर्चा छेड़ दी है।
नीतीश कुमार का वीडियो संदेश – “बिहार के विकास की नींव NDA ने रखी”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक वीडियो जारी कर जनता से अपील की,
“2005 से अब तक हमने ईमानदारी और परिश्रम के साथ बिहार की सेवा की है। आज बिहारी कहलाना गर्व की बात है, अपमान नहीं। बिहार का विकास सिर्फ़ NDA सरकार ही सुनिश्चित कर सकती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य दोनों जगह NDA की सरकार होने से विकास की गति कई गुना बढ़ी है।
निष्कर्ष: मोकामा से दिल्ली तक गर्म हुआ राजनीतिक तापमान
मोकामा की घटना ने चुनावी बिहार के माहौल को और तीखा बना दिया है। सभी दल इस मुद्दे को अपने-अपने तरीके से भुनाने में लगे हैं। दिलीप जायसवाल का “कानून का राज” वाला बयान भाजपा की आत्मविश्वास भरी रणनीति को दर्शाता है, जबकि RJD और अन्य विपक्षी दल इसे जनता के असंतोष से जोड़कर पेश कर रहे हैं।
अब देखना यह है कि 6 नवंबर को होने वाली पहली चरण की वोटिंग में जनता किस पर भरोसा जताती है — कानून के राज पर या परिवर्तन के वादों पर।