बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एनडीए के घोषणापत्र पर कांग्रेस का तीखा वार
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार अभियान के बीच कांग्रेस और एनडीए के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने एनडीए पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपना घोषणापत्र केवल 26 सेकंड की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी किया, जो लोकतंत्र और जवाबदेही का मज़ाक है।
26 सेकंड में जारी घोषणापत्र पर उठे सवाल
पटना में आयोजित एक प्रेस वार्ता में अशोक गहलोत ने कहा कि एनडीए का घोषणापत्र ‘झूठ का पुलिंदा’ है और इसीलिए उन्होंने इसे जल्दबाजी में बिना पत्रकारों के सवालों का सामना किए जारी कर दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर एनडीए को जनता से या पत्रकारों के प्रश्नों से डर क्यों है।
गहलोत ने कहा, “एनडीए के नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस केवल 26 सेकंड चली। उन्हें डर था कि पत्रकार उनसे उनके 20 साल के शासन का रिपोर्ट कार्ड मांग लेंगे।”
‘मुख्यमंत्री क्यों नहीं बोले?’—गहलोत का सवाल
गहलोत ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि घोषणापत्र के विमोचन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं बात नहीं की। इसके स्थान पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने घोषणापत्र पर वक्तव्य दिया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “क्या नीतीश कुमार अब अपनी बात कहने की स्थिति में नहीं हैं? क्या उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई?”
बिहार और बिहारी असम्मानित: अखिलेश प्रसाद सिंह
प्रेस वार्ता में उपस्थित कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी एनडीए पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि घोषणापत्र जारी करने के अवसर पर मुख्यमंत्री को बोलने का अवसर न देना बिहार और बिहारी जनता का अपमान है। सिंह ने कहा, “यह दिखाता है कि एनडीए के अंदर अब निर्णय मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि दिल्ली से लिए जाते हैं।”
एनडीए को ‘जवाबदेही से भागता गठबंधन’ बताया
गहलोत ने आगे कहा कि जनता जानना चाहती है कि बीते 20 वर्षों में बिहार में एनडीए सरकार ने वास्तव में क्या उपलब्धियां दीं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के पास रिपोर्ट कार्ड होता, तो वे उसे गर्व से प्रस्तुत करते।
“लेकिन सच यह है कि उनके पास जवाब नहीं है, इसलिए घोषणापत्र भी सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गया है,” गहलोत ने कहा।
कांग्रेस ने जनता से की अपील
गहलोत ने बिहार की जनता से अपील की कि वे “झूठे वादों” के बजाय विकास और पारदर्शिता के मुद्दों पर वोट करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आने वाले समय में बिहार के लिए ऐसी नीति लेकर आएगी, जिसमें युवाओं को रोजगार, किसानों को सम्मान और शिक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
राजनीतिक माहौल में बढ़ी गरमाहट
एनडीए और कांग्रेस के बीच यह बयानबाजी बिहार चुनावी राजनीति में नई हलचल पैदा कर रही है। एनडीए नेताओं ने जहां अब तक इस आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, वहीं कांग्रेस लगातार इस विषय को जनता के बीच मुद्दा बना रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह आरोप न केवल एनडीए की जवाबदेही पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बिहार की राजनीति अब पूरी तरह से संवाद और पारदर्शिता की परीक्षा में है।
बिहार चुनाव 2025 के बीच एनडीए के घोषणापत्र पर उठा यह विवाद इस बात का प्रतीक है कि जनता अब केवल वादों पर नहीं, बल्कि जवाबदेही पर भी नजर रख रही है। अशोक गहलोत का यह बयान विपक्ष के लिए एक नया राजनीतिक हथियार साबित हो सकता है, जबकि एनडीए के लिए यह एक चुनौती कि वह अपने शासन का वास्तविक रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखे।
 
            

 
                 Aryan Ambastha
Aryan Ambastha 
         
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                    