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Bihar Politics: प्रधानमंत्री के ‘कट्टा’ बयान पर भड़के तेजस्वी यादव, बोले – ऐसा शब्द किसी प्रधानमंत्री के मुंह से पहले कभी नहीं सुना

Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव ने PM मोदी के ‘कट्टा’ बयान पर किया पलटवार, कहा– किसी प्रधानमंत्री से ऐसे शब्द की उम्मीद नहीं थी
Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव ने PM मोदी के ‘कट्टा’ बयान पर किया पलटवार, कहा– किसी प्रधानमंत्री से ऐसे शब्द की उम्मीद नहीं थी (File Photo)
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बिहार विधानसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कट्टा’ बयान ने सियासी माहौल गरमा दिया है। पटना में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस टिप्पणी को प्रधानमंत्री पद की गरिमा के खिलाफ बताया और कहा कि उन्होंने किसी भी प्रधानमंत्री को इस तरह की भाषा का प्रयोग करते नहीं सुना।


प्रधानमंत्री के बयान से छिड़ा नया विवाद

बिहार में चल रहे चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “कट्टा” वाले बयान ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। मोदी ने रविवार को भोजपुर और नवादा की जनसभाओं में कहा था कि कांग्रेस ने आरजेडी के दबाव में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया, “जैसे किसी ने सिर पर ‘कट्टा’ रख दिया हो।”

इस बयान पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कड़ा विरोध जताया।


तेजस्वी यादव का पलटवार: “प्रधानमंत्री की सोच को दर्शाता है यह बयान”

तेजस्वी यादव ने कहा, “मुझे इस पर कुछ नहीं कहना, लेकिन मैंने कभी किसी प्रधानमंत्री को ऐसे शब्द बोलते नहीं सुना। यह उनकी सोच को दिखाता है।”

उन्होंने आगे कहा, “जब प्रधानमंत्री गुजरात जाते हैं तो वहां आईटी फैक्ट्रियां, सेमीकंडक्टर यूनिट्स और डेटा सेंटरों की बात करते हैं, लेकिन जब बिहार आते हैं तो ‘कट्टा’ की बात करते हैं। क्या यही बिहार के लिए उनका विज़न है?”

तेजस्वी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को बिहार की जनता के मुद्दों पर बात करनी चाहिए थी, जैसे बेरोजगारी, शिक्षा और बुनियादी ढांचे का विकास, लेकिन इसके बजाय वह “अपमानजनक शब्दों” का इस्तेमाल कर रहे हैं।


मोदी का आरोप: “जंगलराज की पाठशाला से सीखे हैं ये तरीके”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था, “कांग्रेस कभी भी आरजेडी के पक्ष में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करना चाहती थी, लेकिन आरजेडी ने सिर पर ‘कट्टा’ रखकर यह फैसला कराया। ये वही लोग हैं जिन्होंने जंगलराज में राजनीति सीखी है और बिहार को पिछड़ा रखा है।”

मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि “ऐसे तत्व बिहार का भला नहीं कर सकते और जनता उन्हें इस बार सबक सिखाएगी।”


बिहार चुनाव का राजनीतिक परिदृश्य

बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होने हैं, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है।
तेजस्वी यादव, जो इंडिया गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं, लगातार प्रधानमंत्री और एनडीए सरकार पर बिहार की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयानबाज़ी दोनों पक्षों को अपने-अपने मतदाताओं को साधने में मदद करेगी, लेकिन इससे चुनावी बहस का स्तर ज़रूर नीचे गया है।


तेजस्वी यादव का यह बयान न केवल प्रधानमंत्री के प्रति प्रतिक्रिया थी, बल्कि बिहार की राजनीति में भाषाई शालीनता पर भी सवाल उठाने वाला था। चुनावी तापमान बढ़ते ही राजनीतिक दलों की बयानबाज़ी भी तीखी होती जा रही है।
अब देखना यह है कि इस विवाद का असर मतदान पर कितना पड़ता है और जनता किसे अपने विश्वास का जनादेश देती है।


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Aryan Ambastha

राष्ट्रभारत डॉट कॉम में लेखक एवं विचारक | वित्त और उभरती तकनीकों में गहरी रुचि | राजनीति एवं समसामयिक मुद्दों के विश्लेषक | कंटेंट क्रिएटर | नालंदा विश्वविद्यालय से स्नातक।

प्रौद्योगिकी, वित्त, राजनीति और समाज के आपसी संबंधों को समझने और व्याख्या करने का विशेष कौशल रखते हैं। जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित और संतुलित दृष्टिकोण के साथ पाठकों तक पहुँचाना इनकी पहचान है। संपर्क: aryan.ambastha@rashtrabharat.com