बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस में बगावत
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर बगावत की खबर सामने आई है। पार्टी प्रवक्ता और रिसर्च सेल के अध्यक्ष आनंद माधव ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे से पार्टी में उथल-पुथल मची है और कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ी है।
टिकट बंटवारे को लेकर आरोप
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी पर धनबल, पक्षपात और सिफारिश के आरोप लगाए हैं। इसमें शामिल हैं: खगड़िया के छत्रपति यादव, पूर्व विधायक गजानंद शाही, पूर्व विधायक सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी, बांका जिलाध्यक्ष कंचना कुमारी सिंह, सारण जिला अध्यक्ष बच्चू कुमार वीरू और अन्य।
इन नेताओं का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने मिलकर टिकट वितरण में धांधली की और राहुल गांधी को गुमराह किया। नेताओं ने इसे राहुल गांधी के साथ गद्दारी और धोखा करार दिया।
पार्टी नेतृत्व पर नाराजगी
आनंद माधव ने कहा कि मेहनती और जमीनी कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर केवल धनबल और सिफारिश वालों को तरजीह दी गई। बिहार प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष ने राहुल गांधी के निर्देशों की अवहेलना की और निजी स्वार्थ के लिए टिकट बांटे।
पूर्व विधायक गजानंद शाही ने कहा कि पार्टी कार्यालय अब दलालों का अड्डा बन गया है, जहां निष्ठा नहीं, नोट का भाव चलता है। उम्मीदवारों की सूची तैयार करते समय संगठन की राय और क्षेत्रीय संतुलन का कोई ध्यान नहीं रखा गया।
इस्तीफे और आगे की योजना
आनंद माधव ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और अपने पत्र में लिखा कि वे 2015 से पार्टी में संघर्षरत हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में बड़े पद की नौकरी छोड़कर कांग्रेस में आए और पूरी निष्ठा से कार्य किया।
बागी नेताओं ने दिल्ली जाने और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को टिकट घोटाले की रिपोर्ट सौंपने की योजना बनाई है। यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे संगठनात्मक आंदोलन शुरू करेंगे।
बागियों का लक्ष्य
छत्रपति यादव ने दावा किया कि कांग्रेस में यादव उम्मीदवारों के साथ धोखा हुआ और प्रभारी अल्लावारू और शकील अहमद खान ने सिंडिकेट बनाकर टिकट बेचा।
पार्टी में यह घटनाक्रम आगामी चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बन गया है।