मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान बाहुबली दुलारचंद यादव की हत्या के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग को पद से हटा दिया है। उनकी जगह आईपीएस अपराजित लोहान को नया ग्रामीण एसपी नियुक्त किया गया है। वहीं, बाढ़-2 के एसडीपीओ अभिषेक सिंह को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई चुनाव आयोग के निर्देश पर की गई है।
मोकामा हत्याकांड के बाद बिहार पुलिस में बड़ा फेरबदल
बिहार में मोकामा हत्याकांड के बाद पुलिस विभाग में बड़ी कार्रवाई की गई है। पटना ग्रामीण के एसपी विक्रम सिहाग को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है और अपराजित लोहान को नया ग्रामीण एसपी बनाया गया है।
यह कदम चुनाव प्रचार के दौरान हुई बाहुबली नेता दुलारचंद यादव की हत्या के बाद लिया गया है, जिसने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे।
अपराजित लोहान को सौंपी गई नई जिम्मेदारी
2020 बैच के आईपीएस अधिकारी अपराजित लोहान, जो अब तक पटना ट्रैफिक एसपी के रूप में कार्यरत थे, को अब पटना ग्रामीण एसपी की जिम्मेदारी दी गई है। गृह विभाग की आरक्षी शाखा ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी की।
अपराजित लोहान के पास प्रशासनिक दक्षता और अनुशासनात्मक सख्ती के लिए एक मजबूत छवि है। पुलिस मुख्यालय का मानना है कि उनकी तैनाती से ग्रामीण इलाकों में कानून व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।
विक्रम सिहाग को मुख्यालय बुलाया गया
पूर्व ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग को पद से हटाकर पुलिस मुख्यालय में पदस्थापन की प्रतीक्षा में भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार, सिहाग पर चुनावी ड्यूटी के दौरान सुरक्षा में लापरवाही के आरोप लगे थे।
गृह विभाग के आदेश में कहा गया है कि उन्हें तुरंत मुख्यालय में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है और आगे की जिम्मेदारी का निर्धारण बाद में किया जाएगा।
एसडीपीओ अभिषेक सिंह निलंबित, विभागीय जांच शुरू
मोकामा हत्याकांड में कार्रवाई की जद में आए बाढ़-2 के एसडीपीओ अभिषेक सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है।
गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, निलंबन अवधि में उन्हें बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ने का आदेश दिया गया है।
साथ ही, उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही भी शुरू की जाएगी ताकि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जा सके।
चुनाव आयोग की सख्त कार्रवाई
मालूम हो कि मोकामा में जनसुराज समर्थक बाहुबली दुलारचंद यादव की हत्या के बाद, भारत निर्वाचन आयोग ने त्वरित कार्रवाई की थी। आयोग ने चार अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके स्थानांतरण और निलंबन का आदेश दिया था।
इनमें शामिल थे —
-
पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग (स्थानांतरित)
-
बाढ़ के एसडीओ चंदन कुमार (हटाए गए)
-
एसडीपीओ बाढ़-1 राकेश कुमार (हटाए गए)
-
एसडीपीओ बाढ़-2 अभिषेक सिंह (निलंबित)
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि चुनावी माहौल में किसी भी तरह की प्रशासनिक ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज
मोकामा में हुई यह हत्या न केवल चुनावी मंचों पर, बल्कि प्रशासनिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बनी हुई है। जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर राजनीतिक दलों ने प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति को दर्शाती है और यह संदेश देती है कि कानून व्यवस्था पर किसी तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।
नई तैनाती से उम्मीदें बढ़ीं
पटना ग्रामीण की जिम्मेदारी संभालने वाले अपराजित लोहान के सामने बड़ी चुनौती है — मोकामा और आसपास के क्षेत्रों में शांति और कानून-व्यवस्था को बहाल रखना।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि लोहान के कार्यभार ग्रहण करने से ग्रामीण इलाकों में पुलिस की सख्ती और सक्रियता बढ़ने की संभावना है।
मोकामा हत्याकांड के बाद हुई यह कार्रवाई बिहार प्रशासन की सजगता और सख्त नीति को उजागर करती है। अपराजित लोहान की तैनाती से उम्मीद की जा रही है कि पटना ग्रामीण में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा और चुनावी माहौल में शांति कायम रहेगी।