Bihar Voter Turnout 2025: बिहार में रिकॉर्ड मतदान के पीछे प्रवासी मतदाताओं की निर्णायक भूमिका
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार का मतदान इतिहास में सबसे ऊंचे स्तर पर दर्ज हुआ। कुल 64.69 प्रतिशत वोटिंग के साथ बिहार ने नया रिकॉर्ड बनाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार प्रवासी मतदाताओं की भागीदारी ने पूरे चुनाव समीकरण को बदल दिया। रेलवे और परिवहन विभाग की विशेष योजनाओं ने इस सहभागिता को संभव बनाया।
रेलवे की विशेष ट्रेनों और छूट योजना से लौटे करोड़ों प्रवासी
रेल मंत्रालय ने इस चुनाव को देखते हुए बड़ी पहल की। कुल 13,000 से अधिक विशेष ट्रेनों का संचालन किया गया, जिससे तीन करोड़ से अधिक यात्रियों को सुविधा मिली। रेलवे ने आने-जाने के टिकटों पर 20 प्रतिशत की छूट की घोषणा की थी। यह छूट उन यात्रियों को दी गई जिन्होंने बिहार आने और वापस लौटने का टिकट एक साथ बुक किया।
यह योजना 13 से 26 अक्टूबर के बीच बिहार आने और 17 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच लौटने वाले यात्रियों के लिए लागू रही। इस व्यवस्था से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से लाखों प्रवासी मतदाता अपने गांव लौटे और मतदान किया।
बसों में भी दी गई रियायत, उत्सव के मौसम को जोड़ा मतदान से
Bihar Voter Turnout 2025: रेलवे के साथ-साथ बिहार राज्य परिवहन निगम ने भी 20 से 30 प्रतिशत तक किराया छूट देकर प्रवासी मतदाताओं को घर लौटने के लिए प्रेरित किया। यह योजना 20 सितंबर से 30 नवंबर तक लागू रही, जिसमें दशहरा, दीपावली, छठ और शादी के मौसम को ध्यान में रखा गया था। बस टिकट ऑनलाइन रियायती दरों पर उपलब्ध कराए गए जिससे लंबी दूरी की यात्रा आसान हुई।
सरकार की इस पहल को न केवल चुनाव आयोग बल्कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी सराहा। इससे ग्रामीण इलाकों में मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
राजनीतिक अभियानों और जनजागरण ने बढ़ाई वोटिंग
चुनाव आयोग की ओर से “मेरा वोट, मेरा अधिकार” जैसे अभियानों ने जनजागरूकता बढ़ाई। राजनीतिक दलों की तरफ से भी कई स्तर पर प्रयास किए गए। प्रशांत किशोर की पदयात्रा, राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा और एनडीए की ओर से विधानसभावार कार्यकर्ता सम्मेलन ने मतदाताओं में उत्साह का माहौल बनाया।
विशेषज्ञों के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में मतदाताओं का मतदान केंद्र तक पहुंचना इस बार पहले की तुलना में अधिक सहज और सुविधाजनक रहा।
मतदाता सूची में सुधार और पारदर्शिता का असर
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इस बार 21.53 लाख नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए जबकि लगभग 69 लाख नाम हटाए गए। इनमें से 7 लाख से अधिक दोहरी प्रविष्टियों के कारण बाहर हुए। इस सुधार से मतदाता सूची अधिक सटीक बनी और मतदान प्रक्रिया पर जनता का भरोसा बढ़ा।
प्रवासी आबादी और लोकतंत्र का नया अध्याय | Bihar Voter Turnout 2025
बिहार की जाति आधारित गणना रिपोर्ट (2022–23) के मुताबिक लगभग 60 लाख लोग राज्य से बाहर अस्थायी रूप से रहते हैं। अपुष्ट आंकड़े बताते हैं कि यह संख्या तीन करोड़ तक हो सकती है। इस चुनाव में बड़ी संख्या में इन्हीं प्रवासियों ने वापसी कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभाई।
रेलवे और सरकार की संयुक्त पहल ने एक नए मॉडल की झलक दिखाई कि कैसे प्रवासी मतदाता भी राज्य की राजनीतिक दिशा तय करने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।