जरूर पढ़ें

बिहटा में एसटीएफ की कार्रवाई, नकद और हथियार बरामद, दो गिरफ्तार

Bihata STF Raid
Bihata STF Raid: बिहटा में चुनाव से पहले नकद और हथियार बरामद (File Photo)
बिहटा में एसटीएफ ने गुप्त सूचना पर छापेमारी कर 20 लाख रुपये नकद, हथियार और कारतूस बरामद किए। दो आरोपियों इंद्रजीत कुमार और ललित कुमार को गिरफ्तार किया गया। दोनों चुनाव प्रभावित करने के लिए नकदी और हथियार पहुंचाने की तैयारी में थे। जांच जारी है और नेटवर्क की खोज चल रही है.
Updated:

घटना का पूरा विवरण

छापेमारी की शुरुआत
पटना जिले के बिहटा थाना क्षेत्र के कन्हौली गांव में बुधवार की सुबह एसटीएफ की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की। सूचना में कहा गया था कि मनेर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी गतिविधियों को प्रभावित करने के लिए नकदी और हथियारों की आपूर्ति की जा रही है। सूचना की पुष्टि के बाद टीम ने बिना देरी की छापेमारी की योजना तैयार की और दो स्थानों को चिन्हित किया गया।

पहले स्थान पर छापेमारी के दौरान इंद्रजीत कुमार के पास से लगभग सवा सात लाख रुपये नकद, एक पिस्टल, एक दोनाली बंदूक और जिंदा कारतूस मिले। पुलिस ने सभी सामान को जब्त किया और इंद्रजीत कुमार को हिरासत में लिया।

दूसरे स्थान पर ललित कुमार के पास से करीब 12 लाख रुपये नकद, देसी कट्टा, जिंदा कारतूस और शराब की बोतलें मिलीं। पुलिस ने तुरंत ललित कुमार को भी गिरफ्तार किया। दोनों गिरफ्तारियों से यह संकेत मिला कि नकदी और हथियारों का उपयोग एक सुनियोजित उद्देश्य के लिए होना था।


चुनावी संदर्भ और संभावित उद्देश्य

बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू हो चुकी है। इस दौर में नकदी और हथियारों जैसी चीजों की ढुलाई का मतलब स्पष्ट रहता है। प्राथमिक जांच में यह सामने आया कि दोनों आरोपी मनेर क्षेत्र में अपने संपर्कों के माध्यम से चुनाव प्रभावित करने की कोशिश में थे। नकदी का उपयोग मतदाताओं को प्रभावित करने, जबकि हथियारों का उपयोग दबाव और नियंत्रण के लिए किया जाता है।

एसटीएफ की इस कार्रवाई ने संकेत दिया कि चुनावी दौर में ऐसे नेटवर्क सक्रिय रहते हैं। यह नेटवर्क स्थानीय स्तर पर काम करता है और अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी गतिविधियाँ चलाता है। एसटीएफ इनसे जुड़े अन्य लोगों की पहचान कर उनके नेटवर्क की जड़ तक पहुँचने की तैयारी कर रही है।


जांच की प्रगति

पुलिस दोनों आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ का उद्देश्य यह पता लगाना है कि नकदी और हथियारों का अंतिम गंतव्य क्या था और किन लोगों ने वित्तीय और हथियार समर्थन दिया। इस संबंध में कुछ स्थानीय नाम सामने आए हैं। पुलिस उन सभी की गतिविधियों पर निगरानी रख रही है।

साथ ही जब्त हथियारों की खरीद, लाइसेंस और आपूर्ति श्रृंखला से संबंधित दस्तावेजों की जांच की जा रही है। यह देखा जा रहा है कि क्या यह पूरा नेटवर्क सिर्फ इस क्षेत्र तक सीमित है या इसके कनेक्शन अन्य जिलों में भी फैले हैं।


प्रशासनिक रुख

जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि चुनावी माहौल को शांत और निष्पक्ष रखने के लिए सख्त निगरानी जारी रहेगी। इस तरह की किसी भी गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई होगी। प्रशासन ने आम लोगों से भी अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दें।

बिहार में चुनावी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पहले से ही तैयारी चल रही है। विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस और प्रशासन की तैनाती बढ़ाई जा रही है। इस कार्रवाई ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यवस्था की गंभीरता को फिर से स्पष्ट किया।


स्थानीय प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर चर्चा है। कई लोगों ने कहा कि चुनाव के समय ऐसे मामले अक्सर सामने आते हैं। क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने की मांग की जा रही है। लोगों का कहना है कि यदि ऐसी गतिविधियों पर समय रहते रोक न लगे, तो चुनावी माहौल प्रभावित होता है और जनता का विश्वास कम होता है।

Rashtra Bharat
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा खेल, राजनीति, विश्व, मनोरंजन, धर्म और बिज़नेस की अपडेटेड हिंदी खबरें।

Aakash Srivastava

राष्ट्रभारत में लेखक एवं संपादक | राजनीतिक विश्लेषक | खेल और व्यवसाय की रिपोर्टिंग में विशेष रुचि | पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय से स्नातक।