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बिहार में महागठबंधन में दरार: कांग्रेस अध्यक्ष बोले गठबंधन सिर्फ चुनावी, राजद ने दिया करारा जवाब

Clash Between RJD and Congresss: बिहार में महागठबंधन में खटपट, राजेश राम का बड़ा बयान
Clash Between RJD and Congresss: बिहार में महागठबंधन में खटपट, राजेश राम का बड़ा बयान (File Photo)
बिहार में महागठबंधन में तनाव बढ़ गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि राजद के साथ गठबंधन सिर्फ चुनावी है, सांगठनिक नहीं। कांग्रेस अब अपने तरीके से संगठन को मजबूत करेगी। इससे पहले राजद अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने कांग्रेस के जनाधार पर सवाल उठाया था। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में राजद का मजबूत जनाधार है और कांग्रेस को इसका फायदा मिलता है। दोनों दलों के बीच बयानबाजी से महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
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बिहार में महागठबंधन में दरार: कांग्रेस और राजद के बीच तनातनी

बिहार की राजनीति में एक बार फिर से महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। चुनाव के बाद से ही गठबंधन के दो प्रमुख दलों कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बीच तनाव की स्थिति बनती जा रही है। पिछले दो दिनों में दोनों दलों के प्रदेश अध्यक्षों और प्रवक्ताओं के बयान सामने आए हैं जो साफ तौर पर इस बात का संकेत दे रहे हैं कि महागठबंधन की डोर कमजोर पड़ती जा रही है।

शनिवार को राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने बिहार में कांग्रेस के जनाधार पर सवाल उठाया था। उसके दो दिन बाद सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि राजद के साथ कांग्रेस का गठबंधन केवल चुनावी है, सांगठनिक नहीं। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।

राजेश राम का बड़ा बयान

सोमवार को पटना के सदाकत आश्रम में कांग्रेस नेताओं की एक अहम बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में चुनावी परिणामों की समीक्षा की जानी थी और जिलाध्यक्षों से फीडबैक लिया जाना था। पार्टी के आलाकमान के निर्देश पर यह मीटिंग बुलाई गई थी। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने एक बड़ा बयान दिया।

राजेश राम ने महागठबंधन के भविष्य को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि हमारा गठबंधन सिर्फ चुनावी है। इसका कोई सांगठनिक पहलू नहीं है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस पार्टी अब खुद को मजबूत करने और अपने संगठन को विस्तार देने के लिए काम करेगी। यह बयान राजद के बयानों के बाद आया है जो स्पष्ट रूप से एक जवाब की तरह लग रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता का समर्थन

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असितनाथ तिवारी ने भी अपने अध्यक्ष के बयान का समर्थन किया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव के बाद की स्थिति पर दोनों दलों के बीच अभी तक कोई बात नहीं हुई है। असितनाथ तिवारी ने यह भी कहा कि विधानसभा में विपक्ष यानी महागठबंधन सरकार के साथ कैसे काम करेगी, इस पर भी कोई संयुक्त विचार या बातचीत नहीं हुई है। यह बयान साफ तौर पर यह संकेत दे रहा है कि गठबंधन में समन्वय की कमी है।

राजद का करारा जवाब

राजेश राम के बयान के बाद राजद ने भी चुप रहना उचित नहीं समझा। राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कांग्रेस को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में राजद का मजबूत जनाधार है और इसका लाभ कांग्रेस को भी मिलता है। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जो भी वोट या सीटें मिली हैं, वे राजद के जनाधार की वजह से मिली हैं।

मृत्युंजय तिवारी ने तंज कसते हुए कहा कि अगर कांग्रेस आत्महत्या करना चाहती है तो कौन उन्हें रोक सकता है। यह बयान काफी कड़ा माना जा रहा है और इससे साफ है कि दोनों दलों के बीच तनाव बढ़ गया है।

मंगनी लाल मंडल का पहले का बयान

इससे पहले शनिवार को राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने भी कांग्रेस को लेकर कड़े शब्दों में बात की थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को अपनी क्षमता का विश्लेषण कर लेना चाहिए। मंगनी लाल मंडल ने कहा था कि अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ना चाहती है तो किसने रोका है। यह बयान भी कांग्रेस के जनाधार पर सवाल उठाता है और दोनों दलों के बीच बढ़ती दूरी को दर्शाता है।

महागठबंधन की स्थिति

बिहार में महागठबंधन कई दलों का समूह है जिसमें राजद, कांग्रेस, वामपंथी दलों और कुछ अन्य क्षेत्रीय दल शामिल हैं। चुनाव के दौरान सभी दल एकजुट दिखाई देते हैं लेकिन चुनाव के बाद अक्सर इनमें मतभेद सामने आने लगते हैं। हाल के विधानसभा चुनावों में महागठबंधन को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली। इसके बाद से ही गठबंधन के भीतर असंतोष की आवाजें उठने लगी हैं।

कांग्रेस का तर्क है कि उसे अपने संगठन को मजबूत करने की जरूरत है और वह अपने दम पर राजनीतिक जमीन तैयार करना चाहती है। दूसरी ओर राजद का मानना है कि बिहार में उसका जनाधार मजबूत है और कांग्रेस को उसके साथ चलने में ही भलाई है।

आगे क्या होगा

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दोनों दलों के बीच यह तनाव अस्थायी हो सकता है लेकिन अगर इसे जल्द सुलझाया नहीं गया तो महागठबंधन की एकता पर गहरा असर पड़ सकता है। विधानसभा में विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए दोनों दलों को एकजुट रहना जरूरी है। अगर आपसी खींचतान जारी रही तो इससे एनडीए को फायदा होगा।

कुछ नेताओं का मानना है कि यह बयानबाजी सिर्फ अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने के लिए है और जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। लेकिन कुछ का कहना है कि यह महागठबंधन में गहरी दरार का संकेत है।

जनता की राय

बिहार की जनता इस राजनीतिक खींचतान को ध्यान से देख रही है। लोगों का मानना है कि विपक्षी दलों को अपनी आंतरिक लड़ाई छोड़कर जनता के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर काम करना जरूरी है।

अगर विपक्षी दल आपस में ही उलझे रहेंगे तो जनता के सवालों का जवाब कौन देगा। यह सवाल अब राजनीतिक गलियारों में गूंजने लगा है।

बिहार में कांग्रेस और राजद के बीच बढ़ता तनाव महागठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। दोनों दलों के नेताओं के बयान साफ तौर पर इस बात का संकेत दे रहे हैं कि गठबंधन में सब ठीक नहीं है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि दोनों दल अपने मतभेदों को सुलझा पाते हैं या फिर यह दरार और गहरी होती जाती है। फिलहाल बिहार की राजनीति में उथल-पुथल का दौर जारी है।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.