चुनाव आयोग की सख्ती से बिहार पुलिस प्रशासन में हलचल
नई दिल्ली, 31 अक्तूबर (भाषा)।
बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व मोकाma में हुई जन सुराज पार्टी के समर्थक की हत्या ने पूरे राज्य के राजनीतिक वातावरण में तीखी प्रतिक्रिया उत्पन्न कर दी है। इस घटना के पश्चात भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) से तत्काल विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा या भय का वातावरण स्वीकार्य नहीं होगा।
घटना का संक्षिप्त विवरण
घटना गुरुवार की रात मोकाma क्षेत्र में घटी, जहाँ जन सुराज पार्टी के सक्रिय समर्थक दुलारचंद यादव की अज्ञात हमलावरों ने निर्मम हत्या कर दी। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यादव अपने घर के समीप एक जनसभा की तैयारी में व्यस्त थे, तभी कुछ असामाजिक तत्वों ने उन पर अचानक हमला कर दिया। घटना के पश्चात क्षेत्र में तनाव फैल गया और कई स्थानों पर प्रदर्शन हुए।

राजनीतिक माहौल में उबाल
इस हत्या ने बिहार की राजनीति में नया तूफ़ान ला दिया है। विशेषतः तब जब राज्य में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं — पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा 11 नवंबर को निर्धारित है। मतगणना 14 नवंबर को प्रस्तावित है।
मोकाma विधानसभा सीट से वीणा देवी, जो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की उम्मीदवार हैं, की गाड़ी पर भी शुक्रवार को कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव किया गया। इस घटना ने तनाव को और बढ़ा दिया है। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए स्थिति को नियंत्रित किया, किन्तु इलाके में असंतोष व्याप्त है।
आयोग का निर्देश और प्रशासन की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने बिहार पुलिस महानिदेशक से विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। आयोग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट में घटना की पृष्ठभूमि, पुलिस की कार्रवाई, और शांति बहाली के उपायों का विवरण होना आवश्यक है।
इस निर्देश के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय में आपात बैठक बुलाकर मोकाma पुलिस प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि “दोषियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।”
जन सुराज पार्टी की प्रतिक्रिया
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इस हत्या को लोकतांत्रिक मूल्यों पर “सीधा प्रहार” बताया। उन्होंने कहा कि “चुनाव से पूर्व इस प्रकार की हिंसक घटनाएँ जनता में भय उत्पन्न करती हैं और स्वतंत्र मतदान की भावना को कमजोर करती हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही ने अपराधियों को प्रोत्साहित किया है। पार्टी ने मांग की है कि हत्या की जांच विशेष अन्वेषण दल (SIT) से कराई जाए।
विपक्ष और सत्तारूढ़ दल की प्रतिक्रियाएँ
जहाँ विपक्षी दलों ने इस घटना को “लोकतंत्र की हत्या” बताया है, वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन ने कहा है कि “कानून अपना कार्य करेगा और दोषियों को सजा मिलेगी।” मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस विषय पर रिपोर्ट मांगी है और शांति बनाए रखने की अपील की है।
स्थानीय जनता में भय और रोष
मोकाma के नागरिकों ने प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने की मांग की है। स्थानीय दुकानदारों ने कहा कि पिछले दो दिनों से व्यापार ठप है। ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस गश्त बढ़ाई जाए ताकि क्षेत्र में सामान्य स्थिति लौट सके।
वहीं, कुछ सामाजिक संगठनों ने इस घटना को “चुनावी हिंसा का संकेत” बताया और मतदाताओं से संयम बनाए रखने की अपील की है।
लोकतांत्रिक मर्यादा की परीक्षा
बिहार में यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि लोकतंत्र की परीक्षा भी है। आयोग की तत्परता से स्पष्ट है कि वह निष्पक्ष चुनाव कराने के प्रति दृढ़ है। अब देखना यह है कि बिहार पुलिस कितनी शीघ्रता और निष्पक्षता से इस हत्या के रहस्य से पर्दा उठाती है।
यह समाचार पीटीआई(PTI) के इनपुट के साथ प्रकाशित किया गया है।
 
            

 
                 Asfi Shadab
Asfi Shadab 
         
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                    