नीतीश कैबिनेट विस्तार: बिहार की नई राजनीतिक तस्वीर
बिहार की राजनीति एक बार फिर नए समीकरणों के साथ बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार के गठन की औपचारिकता पूरी होने जा रही है, और इसके साथ ही मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर राजनीतिक गलियारों में तेजी से चर्चाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि नई कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 18 मंत्री शपथ ले सकते हैं। देर रात तक संभावित मंत्रियों को फोन के माध्यम से सूचनाएं भेजने की तैयारी चलती रही और बड़े नामों की सूची लगभग तय मानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, इस बार भी जदयू, भाजपा, रालोमो, हम और लोक जनशक्ति (रामविलास) आर के नेताओं को शामिल किया जाएगा। नए मंत्रिमंडल में अनुभव और स्थिरता के लिए पुराने चेहरों को प्राथमिकता दी गई है, जबकि कुछ नए नामों पर भी विचार जारी है।
जदयू कोटे से बड़े नेताओं की वापसी तय
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के हिस्से में इस बार भी प्रमुख मंत्रालयों की जिम्मेदारियां आने की उम्मीद है। जिन नेताओं के नाम सबसे प्रमुख रूप से चर्चा में हैं, उनमें विजय चौधरी का नाम सबसे ऊपर है। इनके अतिरिक्त बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेशी सिंह, सुनील कुमार और जमा खान के नाम भी लगभग तय माने जा रहे हैं।
इन नामों से यह संकेत मिलता है कि पार्टी अपने पुराने, सशक्त और अनुभवी नेताओं पर भरोसा बनाए रखना चाहती है। इसके साथ ही चर्चा है कि भगवान सिंह कुशवाहा या रामसेवक सिंह में से किसी एक को नए चेहरे के रूप में कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।
भाजपा के हिस्से में उपमुख्यमंत्री सहित 8 मंत्रियों की चर्चा
भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस बार 8 नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है। सबसे विशेष बात यह कि भाजपा की ओर से दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की तैयारी लगभग साफ है। जिन दो नामों पर मुहर लगती दिखाई दे रही है, वे हैं सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा।
इसके अलावा नितिन नवीन, मंगल पांडेय, कृष्ण कुमार ऋषि और रमा निषाद जैसे नेताओं के भी मंत्रिमंडल में शामिल होने की प्रबल संभावना बनी हुई है। भाजपा लगातार संगठनात्मक मजबूती और गठबंधन संतुलन को ध्यान में रखते हुए पदों का वितरण करती दिखाई दे रही है।
रालोमो से महिला नेतृत्व को अवसर
राष्ट्रीय लोकमत पार्टी से इस बार महिला नेतृत्व को प्रमोट करने की दिशा में निर्णय लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। उनकी संभावित एंट्री के साथ मंत्रिमंडल में महिला संख्या बढ़ने की संभावना और मजबूत हो गई है।
हम और लोजपा (आर) को भी मिलेगा प्रतिनिधित्व
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से संतोष सुमन के नाम पर मुहर लगना लगभग तय प्रतीत हो रही है। वे पिछली सरकार में भी मंत्री रहे हैं, इसलिए अनुभव के आधार पर उन्हें पुन: मौका मिल सकता है। वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) आर से राजू तिवारी का नाम उभरकर सामने आया है। वे वर्तमान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, और संगठनात्मक शक्ति के आधार पर यह पद उन्हें मिलने की प्रबल संभावना है।
अनुभव और संतुलन की नीति पर कायम नीतीश सरकार
नीतीश कुमार हमेशा से गठबंधन में संतुलन, प्रशासनिक अनुभव और जनप्रतिनिधित्व को प्राथमिकता देते रहे हैं। इस बार भी मंत्रिमंडल में अनुभवी नेताओं की वापसी और सामाजिक व क्षेत्रीय संतुलन को बनाए रखने का प्रयास साफ दिख रहा है। तीन महिला मंत्रियों की संभावित नियुक्ति से सरकार महिलाओं की भूमिका को व्यापक रूप देने का संकेत दे रही है।
इस बार दबाव और राजनीतिक समीकरणों के बीच मंत्रिमंडल का गठन जिम्मेदारियों और सत्ता-संतुलन को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है, जिसमें सभी दलों को उपलब्धि के एहसास के साथ, नीतीश नेतृत्व को मजबूत करना लक्ष्य है।