नीतीश मंत्रिमंडल में नए मंत्रियों का दायित्व ग्रहण
नई सरकार की कार्यशैली का आरंभ
बिहार की नवनिर्मित सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरुआती घड़ी में ही यह संकेत स्पष्ट कर दिया है कि विकास, प्रशासनिक गतिशीलता और जनता से जुड़े मुद्दे मंत्रियों की प्राथमिकताओं में प्रमुख रहेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठित इस नई सरकार के मंत्रियों ने सोमवार को अपने-अपने विभागों का कार्यभार ग्रहण करना शुरू कर दिया। पदभार ग्रहण करने वाले मंत्रियों में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, श्रम संसाधन मंत्री संजय सिंह टाइगर, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव, पशुपालन मंत्री सुरेंद्र मेहता और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान शामिल हैं। इन सभी मंत्रियों ने अपनी जिम्मेदारियों को लेकर स्पष्ट नीति और प्राथमिकताओं की घोषणा की है।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने संभाली कमान
नई सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाए गए सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने अपने पदभार के साथ यह स्पष्ट संदेश दिया कि सरकार की नीति में पारदर्शिता, लक्ष्य-उन्मुख कार्य और प्रशासनिक सुधार प्रमुख रहेगा। दोनों उपमुख्यमंत्री मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप विभागीय योजनाओं को गति देने के लिए प्रतिबद्ध बताए जा रहे हैं। यह माना जा रहा है कि विकास योजनाओं में तेजी आएगी तथा सरकार के लक्ष्य शीघ्र पूर्ण होंगे।
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन का बड़ा वादा
पथ निर्माण मंत्रालय को संभालते हुए नितिन नवीन ने दावा किया कि बिहार के सड़क ढांचे में व्यापक परिवर्तन किया जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि राज्य के लोगों को हर 40 किलोमीटर पर फोरलेन सड़क की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के तहत जिन परियोजनाओं की घोषणा की गई थी, उन्हें प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप, राज्य की सड़क योजनाओं को समय-सीमा के भीतर पूरा करने की प्रतिबद्धता भी जताई गई।
श्रम संसाधन मंत्री संजय सिंह टाइगर की पहली प्रतिक्रिया
श्रम संसाधन मंत्री संजय सिंह टाइगर ने पदभार संभालते हुए कहा कि उनके विभाग का प्राथमिक लक्ष्य श्रमिक कल्याण रहेगा। उन्होंने बताया कि वे विभागीय कार्यों को गति देंगे और स्वच्छ प्रशासन की नीति के तहत लक्ष्यों को निर्धारित समय में पूरा करेंगे। संजय सिंह टाइगर का यह बयान राज्य के कामगार वर्ग के लिए राहतकारी माना जा रहा है।
ऊर्जा, पशुपालन और अल्पसंख्यक कल्याण विभागों ने भी संभाली कमान
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने पूरी तत्परता के साथ विभागीय पदभार ग्रहण किया। उन्होंने संकेत दिया कि बिजली से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसी के साथ पशुपालन मंत्री सुरेंद्र मेहता और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने भी अपने-अपने विभागों में काम शुरू कर दिया। जमा खान ने कहा कि अल्पसंख्यकों के उत्थान और कल्याण योजनाओं को तेज गति दी जाएगी। इससे सामाजिक समावेशन की दिशा में सरकार के प्रयास मजबूत होने की उम्मीद है।बिहार सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती जनता के विश्वास को बनाए रखना है। विकास कार्यों में तेजी लाने के साथ-साथ पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा। राज्य के नागरिक उम्मीद कर रहे हैं कि नई जिम्मेदारियां संभालने वाले मंत्री केवल घोषणाओं तक सीमित न रहकर ज़मीनी स्तर पर प्रभावी परिणाम प्रस्तुत करें। इससे सरकार के विजन और प्रशासनिक प्रतिबद्धता की वास्तविकता साबित होगी।
भविष्य की योजनाओं का विस्तृत रोडमैप
नितिन नवीन ने यह भी स्पष्ट किया कि 2025 से 2030 तक के विकास रोडमैप पर विशेष कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसमें ग्रामीण सड़कों को मजबूत करना, शहरों में यातायात दबाव कम करना तथा औद्योगिक गलियारों को विस्तारित करने की संभावना प्रमुख होगी। सरकार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस रोडमैप में केंद्र सरकार के साथ समन्वय बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा।राज्य में सड़क और ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करना केवल यात्रियों के लिए सहजता से जुड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि औद्योगिक विकास का आधार भी है। नितिन नवीन द्वारा सड़क नेटवर्क को विस्तार देने और ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव द्वारा बिजली ढांचे में सुधार लाने की दिशा में किए गए संकेत यह स्पष्ट करते हैं कि सरकार उद्योगों को आकर्षित करने के लिए आधारभूत संरचना सुधार पर गंभीरतापूर्वक ध्यान दे रही है। इससे रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि की संभावना बढ़ती है।
सरकार मिशन मोड में
पदभार ग्रहण के पहले ही दिन अधिकांश मंत्रियों ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। इनमें योजनाओं की प्रगति, लंबित परियोजनाएं, बजट आवंटन, नई प्रक्रियाएं और प्राथमिकता तय करने संबंधी चर्चा शामिल रही। इससे साफ होता है कि सरकार मिशन मोड में काम करने की तैयारी कर चुकी है। नई सरकार की रणनीति का मुख्य ध्यान शीघ्र और गुणवत्ता पूर्ण विकास कार्यों पर होगा।
सरकार का मुख्य फोकस: जनता के भरोसे पर खरा उतरना
नई सरकार की कार्रवाइयों से स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि जनता से किए गए वादों को पूरा करने के साथ प्रशासनिक सुधार भी उसके एजेंडे में प्रमुख है। भवन निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, सड़क, कृषि और ग्रामीण विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों में तेजी से काम किए जाने की अपेक्षा सरकार से की जा रही है।