पटना।
बिहार की राजनीति इस वक्त एक बार फिर उबाल पर है। विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच पटना एयरपोर्ट पर मंगलवार को कांग्रेस और पप्पू यादव समर्थकों के बीच जमकर भिड़ंत हो गई। टिकट बंटवारे को लेकर शुरू हुआ विवाद देखते ही देखते हाथापाई और मारपीट में बदल गया।
Bihar Breaking:
Patna Airport Clash, टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और पप्पू यादव समर्थकों में झड़प pic.twitter.com/sd2y7CS4UU— Rashtra Bharat (@RBharatdigital) October 15, 2025
मौके पर भारी अफरातफरी मच गई जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, पार्टी प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान दिल्ली से पटना पहुंचे। उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एयरपोर्ट पहुंचे थे — लेकिन “स्वागत” के नारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ और दोनों गुट आमने-सामने आ गए।
स्वागत के बहाने सियासी हंगामा
कांग्रेस और जन अधिकार पार्टी (पप्पू यादव गुट) के समर्थक लंबे समय से सीट बंटवारे को लेकर नाराज़ बताए जा रहे थे। जैसे ही शीर्ष नेता एयरपोर्ट पहुंचे, टिकट वितरण में पक्षपात और पैसों के लेनदेन के आरोपों को लेकर नारेबाज़ी शुरू हो गई।
कहते हैं, “स्वागत समारोह” कुछ ही मिनटों में “विरोध प्रदर्शन” में बदल गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर धक्का-मुक्की शुरू की, जिसके बाद मारपीट तक की नौबत आ गई। अफरा-तफरी के बीच वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान की कार को भी नुकसान पहुंचा।
सुरक्षा में तैनाती, कई नेता बाल-बाल बचे
एयरपोर्ट पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह स्थिति को काबू में लिया, लेकिन उस दौरान कई कांग्रेस नेता किसी तरह खुद को भीड़ से बचाकर बाहर निकले।
सूत्रों के मुताबिक, झड़प के बाद प्रशासन ने एयरपोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी है और संबंधित कार्यकर्ताओं की पहचान की जा रही है।
हंगामे का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कार्यकर्ता “टिकट की बिक्री बंद करो” और “पैसेवालों को टिकट क्यों” जैसे नारे लगाते देखे जा सकते हैं।
कार्यकर्ताओं के आरोप — “टिकट बिक रहे हैं, पुराने नेताओं की अनदेखी”
एक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,
“यह सिर्फ स्वागत नहीं था, बल्कि नाराज़गी का विस्फोट था। टिकट पैसों के आधार पर बांटे जा रहे हैं, मेहनत करने वालों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।”
दूसरी तरफ, कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने इस घटना को “स्थानीय स्तर की नाराज़गी” करार दिया है। उनका कहना है कि टिकट वितरण का निर्णय केंद्रीय स्क्रीनिंग कमेटी कर रही है, न कि प्रदेश स्तर पर।
कांग्रेस में अंदरूनी कलह के संकेत
यह घटना ऐसे समय हुई है जब बिहार में चुनावी तैयारियों का दौर तेज़ है और कांग्रेस पप्पू यादव की पार्टी के साथ सीट साझा करने पर विचार कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि कई परंपरागत कांग्रेस नेता पप्पू यादव की बढ़ती भूमिका से असंतुष्ट हैं। वे मानते हैं कि पार्टी नेतृत्व ने स्थानीय नेतृत्व को दरकिनार कर बाहरी चेहरों को तवज्जो दी है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह झड़प कांग्रेस की आंतरिक अनुशासनहीनता और असंतोष का संकेत है।
राजनीतिक विश्लेषक प्रवीण कुमार का कहना है —
“कांग्रेस को इस समय संगठनात्मक एकजुटता की सबसे अधिक ज़रूरत है। एयरपोर्ट जैसी जगह पर भिड़ंत पार्टी के भीतर अनुशासन की कमी को उजागर करती है, जो चुनावी नुकसान का कारण बन सकती है।”
नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और अध्यक्ष राजेश राम ने घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है और संगठनात्मक अनुशासन बनाए रखने की अपील की है।
हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व टिकट वितरण से जुड़े असंतोष को लेकर पहले से ही सतर्क था, लेकिन एयरपोर्ट पर हुई मारपीट ने हालात को और बिगाड़ दिया है।
चुनावी मौसम में साख पर असर
चुनावों के मुहाने पर इस तरह की सार्वजनिक भिड़ंत कांग्रेस की साख पर प्रतिकूल असर डाल सकती है।
जहाँ एक ओर भाजपा और राजद अपने गठबंधनों को मज़बूत करने में लगे हैं, वहीं कांग्रेस के अंदरूनी झगड़े विपक्षी गठबंधन के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, अगर यह कलह जल्द नहीं सुलझी, तो पार्टी को उम्मीदवारों की घोषणा से लेकर प्रचार रणनीति तक हर स्तर पर अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।
पटना एयरपोर्ट पर हुआ यह झगड़ा सिर्फ टिकट विवाद नहीं, बल्कि कांग्रेस के भीतर बढ़ते असंतोष और नेतृत्व की चुनौतियों की तस्वीर पेश करता है।
अगर पार्टी इस आंतरिक उबाल को शांत नहीं कर पाई, तो चुनावी रणभूमि में उसे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।