Patna Metro Launch: चुनाव से पहले नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक, विकास के एजेंडे पर फोकस
पटना। बिहार की राजधानी पटना सोमवार को एक ऐतिहासिक क्षण की गवाह बनी, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बहुप्रतीक्षित Patna Metro Launch को हरी झंडी दिखाकर शहरवासियों के लिए नए विकास के दरवाजे खोले। चुनावी मौसम में यह कदम न सिर्फ एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की शुरुआत है, बल्कि आने वाले Bihar Election 2025 से पहले जनता को विकास का ठोस संदेश देने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
पहले फेज में न्यू ISBT से भूतनाथ रोड के बीच लगभग 4.5 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर तीन स्टेशन—न्यू ISBT, zero mile और भूतनाथ रोड—पर मेट्रो सेवा शुरू की गई है। 7 अक्टूबर से आम जनता इसके जरिए सफर कर सकेगी। मेट्रो का न्यूनतम किराया 15 रुपये और अधिकतम 30 रुपये तय किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बेली रोड पर मेट्रो की छह अंडरग्राउंड टनल का शिलान्यास भी किया, जिससे राजधानी में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार की नींव रखी गई। पटना मेट्रो प्रोजेक्ट को सरकार ने Smart Urban Mobility Mission के तहत विकसित किया है, ताकि शहरवासियों को बेहतर और सुरक्षित परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, Patna Metro Launch को केवल एक इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्धि के रूप में नहीं देखा जा सकता। यह एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश है—‘विकास बनाम मुद्दों’ की राजनीति में सरकार का अपना नैरेटिव प्रस्तुत करने का प्रयास। नीतीश कुमार लंबे समय से ‘विकास पुरुष’ की छवि को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं, और मेट्रो परियोजना का उद्घाटन उसी दिशा में प्रतीकात्मक कदम माना जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान मीडिया कर्मियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की की घटना ने आयोजन की छवि पर सवाल खड़े किए। प्रशासन ने इसे “अप्रत्याशित स्थिति” बताते हुए जांच के आदेश दिए।
फिलहाल तीन बोगियों वाली यह मेट्रो 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक परिचालन में रहेगी। हर कोच में सीसीटीवी कैमरे, इमरजेंसी बटन, माइक सिस्टम और पैनिक अलर्ट जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्टेशन परिसर में सुरक्षा बल की तैनाती की गई है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
शहरी मतदाताओं पर इस कदम का राजनीतिक असर पड़ना तय माना जा रहा है। पटना और आसपास के क्षेत्रों में पिछले वर्षों से विकास कार्यों की सुस्ती पर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है। ऐसे में मेट्रो सेवा की शुरुआत जनता को यह संदेश देने की कोशिश है कि सरकार अब भी विकास की दिशा में सक्रिय और प्रतिबद्ध है।
Bihar Election 2025 से ठीक पहले इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन कई राजनीतिक अर्थ रखता है। एक ओर यह नीतीश कुमार को ‘प्रदर्शन करने वाले मुख्यमंत्री’ के रूप में प्रस्तुत करता है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष को विकास पर सवाल उठाने के लिए कम जगह छोड़ता है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम शहरी मतदाताओं—विशेषकर युवाओं और नौकरीपेशा वर्ग—को लुभाने की रणनीति का हिस्सा है।
वेब स्टोरी:
जनता में Patna Metro Launch को लेकर उत्साह भी देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इसे बिहार के ‘New Era of Transportation’ के रूप में ट्रेंड कर रहे हैं। सरकार का दावा है कि अगले दो वर्षों में मेट्रो का दूसरा फेज पूरा होगा, जिससे दानापुर, गांधी मैदान, मीठापुर और पटना जंक्शन जैसे इलाकों को भी मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
अंततः कहा जा सकता है कि Patna Metro Launch केवल एक तकनीकी या परिवहन परियोजना नहीं है, बल्कि यह बिहार में राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित करने वाला कदम है। विकास और भरोसे की राजनीति के बीच नीतीश कुमार ने एक बार फिर जनता के दिलों में ‘काम करने वाली सरकार’ का संदेश देने की कोशिश की है।