दानापुर में सियासी हलचल तेज
दानापुर विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार सुबह से सियासी हलचल मच गई जब राजद विधायक रीतलाल यादव के घर पुलिस ने छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान पुलिस को 10 लाख 50 हजार रुपये नकद, 77 लाख रुपये के ब्लैंक चेक और छह पेन ड्राइव मिलीं। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को चुनावी लेनदेन और आर्थिक अनियमितता की सूचना मिली थी जिसके बाद यह कदम उठाया गया।
विधायक की पत्नी ने सरकार पर साधा निशाना
रीतलाल यादव की पत्नी रिंकू देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह छापेमारी राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्षी नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकना चाहती है। “मेरे पति निर्दोष हैं, सरकार डर के कारण इस तरह की कार्रवाई कर रही है,” रिंकू देवी ने कहा।
बेटी श्वेता सिंघानिया संभाल रहीं प्रचार
रीतलाल यादव इस समय भागलपुर जेल में बंद हैं। उनके अनुपस्थित रहने पर उनकी बेटी श्वेता सिंघानिया चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। वे लगातार दानापुर क्षेत्र में जनसभाएं कर रही हैं और पार्टी समर्थकों को एकजुट रख रही हैं। स्थानीय स्तर पर राजद कार्यकर्ता इस छापेमारी को विपक्ष के खिलाफ षड्यंत्र बता रहे हैं।
राजद खेमे में आक्रोश
छापेमारी की खबर फैलते ही राजद कार्यकर्ता पटना और दानापुर में एकत्र हो गए। पार्टी नेताओं ने इसे “चुनावी हस्तक्षेप” बताया। राजद प्रवक्ता ने कहा कि “सरकार डर गई है। जनता रीतलाल यादव के साथ है और इस कार्रवाई से राजद का मनोबल नहीं टूटेगा।” पार्टी ने मांग की है कि छापेमारी की स्वतंत्र जांच हो।
पुलिस का बयान
पुलिस सूत्रों के मुताबिक छापेमारी की कार्रवाई न्यायिक आदेश पर की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि बरामद सामग्री की जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई सबूतों के आधार पर तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी राजनीतिक दबाव में कार्रवाई नहीं हुई है।
राजनीतिक प्रभाव
दानापुर सीट इस बार अत्यंत संवेदनशील मानी जा रही है। रीतलाल यादव ने पिछले चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की थी और इस बार भी वे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं। छापेमारी के बाद राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। विपक्ष इसे “तानाशाही प्रवृत्ति” कह रहा है जबकि सत्तारूढ़ दल का कहना है कि “कानून सबके लिए समान है।”
जनता की प्रतिक्रिया
दानापुर क्षेत्र में आम लोगों के बीच इस कार्रवाई को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया है। कुछ लोग इसे “जरूरी कार्रवाई” बता रहे हैं जबकि कई इसे “राजनीतिक साजिश” कह रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर तीखी बहस हो रही है।
आगे की रणनीति
राजद ने ऐलान किया है कि वह इस मुद्दे को विधानसभा और सड़क दोनों स्तर पर उठाएगी। पार्टी का कहना है कि सरकार चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं को फंसाने की साजिश कर रही है। उधर, प्रशासन का दावा है कि जांच निष्पक्ष होगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
 
            

 
                 Aakash Srivastava
Aakash Srivastava 
         
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                                                             
                     
                     
                     
                     
                     
                     
                    