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राजद ने 27 नेताओं को किया निष्कासित, पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप

राजद ने 27 नेताओं को किया निष्कासित, पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप
अक्टूबर 27, 2025

राजद में अनुशासनात्मक कार्रवाई, 27 नेता निष्कासित

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने एक सख्त कदम उठाते हुए 27 नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह सभी नेता पार्टी की लाइन से हटकर निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे थे और संगठन के विरुद्ध प्रचार प्रसार कर रहे थे।

गलत नीतियों के साथ प्रचार करने का आरोप

राजद की राज्य अनुशासन समिति ने इन नेताओं के खिलाफ गम्भीर शिकायतें प्राप्त होने के बाद जांच की। रिपोर्ट में पाया गया कि ये नेता पार्टी की नीतियों के खिलाफ काम कर रहे थे और राजद प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में जुटे थे।

राजद प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी प्रमुख तेजस्वी यादव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि जो भी नेता संगठन की मर्यादा तोड़ेंगे, उनके खिलाफ बिना किसी दबाव के अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी रहेगी।

निर्दलीय उम्मीदवारों को चेतावनी

राजद ने यह भी साफ किया है कि जो नेता पार्टी टिकट न मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरते हैं, वे सीधे अनुशासनहीनता के दायरे में आएंगे।

पार्टी ने कहा कि “राजद का हर सदस्य पार्टी की नीतियों के प्रति समर्पित रहे। जो पार्टी विरोध में काम करेगा, उसे किसी भी स्तर पर बख्शा नहीं जाएगा।”

तेजस्वी यादव का सख्त संदेश

पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि “राजद एक विचारधारा-आधारित पार्टी है, न कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं का मंच। जो लोग अपने स्वार्थ के लिए पार्टी को कमजोर करने की कोशिश करेंगे, उनके लिए संगठन में कोई स्थान नहीं रहेगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी का लक्ष्य एकजुट होकर जनता की आवाज़ को मजबूत करना है।

पार्टी की एकजुटता पर फोकस

राजद ने इस कार्रवाई के जरिए साफ संदेश दिया है कि पार्टी में अनुशासन सर्वोच्च है। संगठन ने सभी जिला अध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में पार्टी अनुशासन पर विशेष ध्यान दें।

सूत्रों के अनुसार, जिन नेताओं को निष्कासित किया गया है, उनमें कुछ पूर्व जिला पदाधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

भविष्य की राजनीतिक रणनीति

राजद ने इस कार्रवाई को संगठन के पुनर्गठन की दिशा में पहला कदम बताया है। पार्टी का लक्ष्य आगामी चुनावों से पहले एक मजबूत और अनुशासित टीम तैयार करना है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस कदम से पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना चाहती है कि शीर्ष नेतृत्व अनुशासन पर कोई समझौता नहीं करेगा।

राजनीतिक हलकों में चर्चा

राजद के इस फैसले ने बिहार के राजनीतिक माहौल में नई हलचल पैदा कर दी है। जदयू और भाजपा ने इसे “राजद के अंदरूनी मतभेदों का संकेत” बताया है, जबकि राजद समर्थकों ने कहा कि यह संगठनात्मक सख्ती का उदाहरण है।

पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कदम भविष्य में राजद को एकजुट करने में मदद करेगा।

राजद का अनुशासन ही ताकत

राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि “पार्टी अनुशासन ही संगठन की असली ताकत है। जो इसे कमजोर करेगा, उसे बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।”

उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें और पार्टी नेतृत्व पर भरोसा बनाए रखें।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.

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