पटना साहिब की राजनीति में इस समय सबसे बड़ी चर्चा का विषय बन चुके हैं — भाजपा नेता शिशिर कुमार। मंगलवार को उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा देकर प्रदेश कार्यालय में पार्टी नेतृत्व को अपना त्यागपत्र सौंपा। इस कदम के साथ ही पटना साहिब की सियासत में नई हलचल मच गई है।
इस्तीफ़ा के बाद मुस्कुराते नज़र आए शिशिर कुमार
भाजपा से इस्तीफ़ा देने के बाद शिशिर कुमार का चेहरा आत्मविश्वास और सुकून से भरा दिखा। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने किसी तरह की नाराज़गी या कटुता व्यक्त नहीं की, बल्कि मुस्कुराते हुए कहा कि “अब एक नया अध्याय शुरू करने का समय आ गया है।” उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में कई अटकलों को जन्म दे दिया है।

समर्थकों में उत्साह और नारेबाज़ी
इस्तीफ़ा के बाद शिशिर कुमार अपने समर्थकों से मिलने पहुंचे, जहाँ माहौल बेहद उत्साहपूर्ण था। समर्थकों ने “शिशिर कुमार ज़िंदाबाद” और “बदलाव की नई सोच” जैसे नारे लगाए। बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ता और युवा समर्थक उनके आवास और कार्यालय पर जुटे रहे। इस पूरे घटनाक्रम ने यह संकेत दे दिया है कि शिशिर कुमार की लोकप्रियता अब भी जनता के बीच बरकरार है।
क्या होगा अगला राजनीतिक कदम?
अब सभी की नज़र इस बात पर टिकी है कि शिशिर कुमार आगे कौन सा रास्ता चुनेंगे। क्या वे किसी नई राजनीतिक पार्टी से जुड़ने जा रहे हैं या फिर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतरेंगे? राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, वे पिछले कुछ महीनों से स्थानीय मुद्दों पर सक्रिय थे और जनता के बीच उनकी उपस्थिति लगातार बढ़ी है।
भाजपा के भीतर हलचल
शिशिर कुमार के इस्तीफ़े ने भाजपा के प्रदेश कार्यालय में भी हलचल पैदा कर दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस घटनाक्रम को “व्यक्तिगत निर्णय” बताते हुए टिप्पणी करने से परहेज़ किया है। हालांकि, अंदरूनी सूत्र मानते हैं कि शिशिर कुमार के जाने से पटना साहिब क्षेत्र में भाजपा को राजनीतिक रूप से नुकसान हो सकता है, क्योंकि वे संगठन में एक सक्रिय और ज़मीनी नेता माने जाते थे।

स्थानीय सियासत में बदलता समीकरण
पटना साहिब की राजनीति हमेशा से बिहार के सबसे चर्चित निर्वाचन क्षेत्रों में से एक रही है। यहाँ शिशिर कुमार का प्रभाव स्थानीय स्तर पर मजबूत माना जाता है। उनकी लोकप्रियता का असर नगर और ग्रामीण दोनों स्तरों पर देखा गया है। उनके इस्तीफ़े के बाद कई राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावना है।
यदि वे निर्दलीय रूप से चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है, जिससे मुख्य दलों के लिए चुनौती बढ़ेगी।
जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शिशिर कुमार ने हमेशा जनता से जुड़कर काम किया है। एक निवासी ने कहा, “वो हर छोटे-बड़े मुद्दे पर हमारे साथ खड़े रहे। अब अगर वे नई राह चुनते हैं, तो हम उनके साथ हैं।” इस तरह की प्रतिक्रियाएँ यह दर्शाती हैं कि जनता में उनके प्रति भरोसा अब भी कायम है।
आगामी दिनों में संभावित घोषणा
सूत्रों का कहना है कि शिशिर कुमार जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी नई राजनीतिक दिशा की घोषणा कर सकते हैं। इस बीच, कई क्षेत्रीय पार्टियाँ उनसे संपर्क में हैं। हालांकि, उन्होंने इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।