Tej Pratap Yadav Attack on Nitish Government – बेरोजगारी और चुनावी सौगात पर सवाल
पटना। बिहार राजनीति में एक बार फिर Tej Pratap Yadav Attack on Nitish Government की चर्चा तेज हो गई है। राजद के युवा नेता तेज प्रताप यादव ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है और कहा है कि सरकार अब असली मुद्दों से ध्यान भटका रही है। उनका आरोप है कि जनता को प्रलोभन देकर वोट बटोरने की कोशिश की जा रही है।
तेज प्रताप यादव ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि बिहार के युवा बेरोजगार हैं, किसान परेशान हैं और शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल चुनावी वक्त सौगातों के माध्यम से लोगों का ध्यान बदल रही है। उनके अनुसार, असली मुद्दों जैसे बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं और शिक्षा व्यवस्था पर कोई चर्चा नहीं हो रही है।
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“कोई बेरोजगारी की बात नहीं कर रहा है, कोई मुद्दों की बात नहीं कर रहा है। जैसे ही चुनाव आता है, सौगातों की झड़ी लगा दी जाती है। महिलाओं के खातों में 10 हजार रुपये भेजे जा रहे हैं, यह सब चुनावी हथकंडा है। युवाओं की बात सुनने वाला कोई नहीं है।”
तेज प्रताप यादव ने नीतीश सरकार पर किया हमला: बेरोजगारी, छात्रवृत्ति और महिलाओं को दी जाने वाली 10 हजार रुपये की चुनावी सौगात पर उठाए सवाल। #TejPratapYadav #BiharPolitics #NitishGovernment pic.twitter.com/Ung89QzIPa
— Rashtra Bharat (@RBharatdigital) October 4, 2025
तेज प्रताप यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा छात्रों की छात्रवृत्ति राशि को दोगुना किए जाने की घोषणा पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि पहले छात्रों को उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ा और अब उन्हें प्रलोभन दिया जा रहा है।
“पहले छात्रों को पिटवाया गया और अब उन्हें प्रलोभन दिया जा रहा है। यह सब चुनाव के समय का दिखावा है। असल मुद्दों पर सरकार चुप है।”
मीडिया द्वारा तेजस्वी यादव को लेकर पूछे गए सवाल पर तेज प्रताप भड़क उठे और पत्रकार से कहा —
“मुद्दे का सवाल करो, बिहार की स्थिति पर बात करो। कौन क्या बोल रहा है, उस पर बात मत करो। जयचंद ने तुझे सिखा कर भेजा है क्या?”
उनके इस बयान से साफ हो गया कि तेज प्रताप न केवल पार्टी के अंदर बल्कि बाहर भी अपने बेबाक तेवर बनाए हुए हैं।
वेब स्टोरी:
राजद नेता ने कहा कि बिहार की वास्तविक स्थिति को नजरअंदाज कर सरकार केवल चुनावी घोषणाओं के जरिए जनता का ध्यान भटका रही है। युवाओं के पास रोजगार के अवसर नहीं हैं और किसान लगातार कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि क्या सरकार वास्तव में जनता के लिए काम कर रही है या केवल चुनावी रणनीति बना रही है।