लेशी सिंह के समर्थकों का उल्लास चरम पर, एक बार फिर मंत्री पद की शपथ की तैयारी

Leshi Singh Minister
Leshi Singh Minister: बिहार की अनुभवी नेत्री लेशी सिंह एक बार फिर मंत्री पद की ओर अग्रसर (File Photo)
धमदाहा की विधायक और जदयू नेता लेशी सिंह एक बार फिर मंत्री बनने जा रही हैं। लगातार छठी जीत के बाद उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है। पूर्व सरकारों में भी मंत्री रह चुकी लेशी सिंह सीमांचल में जदयू का मजबूत चेहरा मानी जाती हैं।
नवम्बर 19, 2025

झूम उठा धमदाहा, लेशी सिंह दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल होने को तैयार


समर्थकों में माहौल उल्लासपूर्ण, पटना में जुटे कार्यकर्ता

पूर्णिया जिले में जदयू समर्थकों का उत्सव चरम पर पहुंच गया है, क्योंकि जदयू की वरिष्ठ नेत्री और धमदाहा से लगातार छठी बार जीत हासिल करने वाली लेशी सिंह एक बार फिर मंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। जैसे ही यह सूचना सामने आई, उनके समर्थकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और कई कार्यकर्ता पटना के लिए रवाना हो चुके हैं। क्षेत्र में जश्न के कार्यक्रम लगातार जारी हैं, जो यह संकेत देते हैं कि सीमांचल में लेशी सिंह का राजनीतिक प्रभाव आज भी उतना ही मजबूत है जितना पहले था।


राजनीतिक अनुभव और कार्यशैली ने बनाया विशिष्ट स्थान

लेशी सिंह का राजनीतिक सफर तीन दशकों से अधिक का है। इस दौरान वे कई बार बिहार सरकार में मंत्री पद संभाल चुकी हैं। पूर्व सरकार में वे खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री थीं। इससे पहले वर्ष 2010 और 2015 की सरकारों में भी उन्हें मंत्री के रूप में जिम्मेदारी मिली थी। समता पार्टी के दौर से ही उनकी निष्ठा सत्ता पक्ष के प्रति अटल रही है।
उनकी राजनीतिक विशेषज्ञता और संगठनात्मक क्षमता ने उन्हें सीमांचल क्षेत्र का प्रमुख चेहरा बना दिया है। यही कारण है कि पार्टी नेतृत्व के लिए वे हमेशा भरोसेमंद रही हैं। संगठन में उनकी सक्रियता और जनता से सीधा संवाद उनकी लोकप्रियता का आधार है।


छठी बार भारी मतों से जीत का रिकॉर्ड

धमदाहा से इस बार के चुनाव में उन्होंने लगभग 55 हजार मतों के अंतर से जीत दर्ज की। यह सिर्फ जीत नहीं, बल्कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण भी है। इस जीत के साथ वे इस बार पूरे प्रदेश में सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाले विधायकों की सूची में दूसरे स्थान पर भी रहीं।
इस बड़ी सफलता ने न सिर्फ जदयू की ताकत बढ़ाई, बल्कि सीमांचल क्षेत्र में पार्टी की पकड़ को भी मजबूत किया है। लेशी सिंह की इस ऐतिहासिक जीत से क्षेत्र में विकास कार्यों और नेतृत्व को लेकर उम्मीदें और बढ़ गई हैं।


सहयोगी दलों में भी मजबूत और सम्मानित छवि

सिर्फ जदयू ही नहीं, बल्कि एनडीए के अन्य घटक दलों के नेताओं से भी लेशी सिंह के संबंध हमेशा सकारात्मक रहे हैं। इसी सौहार्द्रपूर्ण छवि ने उन्हें राजनीतिक गठबंधन में विशेष स्थान प्रदान किया है। वे मुख्यमंत्री के विश्वस्त नेताओं में से एक मानी जाती हैं, और यही भरोसा उन्हें लगातार मंत्रिमंडल में स्थान दिलाता रहा है।
धमदाहा और आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए वे लगातार प्रयास करती रही हैं। चाहे सड़क निर्माण हो, शिक्षा के प्रसार से जुड़े कार्य हों या उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित मुद्दे, उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिससे आमजन सीधे लाभान्वित हुए।


पूर्णिया जिले में एनडीए की चमक बरकरार

पूर्णिया जिले में इस बार हुए चुनावों में एनडीए के लिए नतीजे काफी सकारात्मक रहे। जिले की पांच सीटों में से दो सीटें जदयू के पास गईं, दो भाजपा के हिस्से में आईं और एक लोजपा-आर ने जीती।
रूपौली से जदयू उम्मीदवार कलाधर मंडल पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। कसबा से लोजपा-आर के उम्मीदवार नितेश कुमार सिंह ने भी नई शुरुआत की है।
वहीं, बनमनखी से भाजपा नेता सह पूर्व मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने लगातार छठी बार जीत दर्ज की, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। पूर्णिया सदर से भाजपा के विजय खेमका ने अपनी तीसरी जीत के साथ हैट्रिक बनाई। यह परिणाम बताता है कि पूर्णिया में एनडीए की राजनीतिक पकड़ अभी भी मजबूत और स्थिर बनी हुई है।


सीमांचल में जदयू की ताकत और चुनौतियां

सीमांचल क्षेत्र में जदयू की मजबूत स्थिति में लेशी सिंह की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है। उनकी जीत ने न सिर्फ पार्टी संगठन को मजबूत किया, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका को भी सशक्त किया है।
हालांकि, सीमांचल में बेरोजगारी और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं। इन समस्याओं को दूर कर क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा में लाना आगामी कार्यकाल की बड़ी चुनौती होगी।
अगर लेशी सिंह मंत्री पद की कमान संभालती हैं, तो ये देखने योग्य होगा कि वे इन चुनौतियों को किस प्रकार अवसरों में बदलकर विकास को एक नया आयाम देंगी।

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