समस्तीपुर की धरती से पीएम मोदी का संदेश — “नीतीश बाबू के नेतृत्व में एनडीए समृद्धि देगा”
समस्तीपुर के ऐतिहासिक मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की वर्तमान राजनीतिक तस्वीर पर मजबूत दलीलें रखीं और जनता को आश्वस्त किया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन ने राज्य को विकास की दिशा में अग्रसर किया है। जननायक कर्पूरी ठाकुर की धरती का स्मरण कराते हुए उन्होंने कहा कि यही भूमि सामाजिक न्याय और जनसेवा का प्रतीक रही है और आज भी लोगों का उत्साह बताता है कि एनडीए के साथ बिहार तेज़ी से आगे बढ़ेगा। समस्तीपुर/मुजफ्फरपुर के डिजिटल डेस्क के हवाले से जुटाई गई जानकारी के आधार पर प्रस्तुत हैं प्रधानमंत्री के भाषण की दस प्रमुख बातें — जो चुनावी माहौल को निर्णायक मोड़ पर पहुंचा सकती हैं।
जननायक स्मरण और व्यक्तिगत जुड़ाव
प्रधानमंत्री ने कर्पूरी ठाकुर को नमन करते हुए कहा कि उनका आशीर्वाद आज भी पिछड़े और गरीब परिवारों के उत्थान का मार्गदर्शक है। उन्होंने अपने पृष्ठभूमि का उल्लेख कर बताया कि कैसे एक सामान्य परिवार से उठकर वे इसी मंच पर खड़े हैं; यह संदेश खासकर पिछड़े वर्ग और गरीबी से संघर्ष कर रहे परिवारों के बीच प्रतिध्वनित हुआ।

सुशासन की ओर उठता कदम
मोदी ने बार-बार कहा कि नीतीश कुमार के प्रशासन ने सुशासन को समृद्धि में बदल दिया है। 2005 के अक्टूबर के बाद से जो परिवर्तन हुआ, उसने बिहार को जंगलराज से मुक्त कर विकास का मार्ग दिखाई। उन्होंने यह भी कहा कि सुशासन के कारण ही आज राज्य में सड़क, बिजली, पानी और गैस जैसी बुनियादी सुविधाएं पूरे प्रदेश में पहुंच रही हैं।
आर्थिक व वित्तीय आंकड़े और निवेश का आह्वान
प्रधानमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने बिहार को अब तक जो वित्तीय सहायता दी है, वह कांग्रेस के समय की तुलना में तीन गुना अधिक है। इस धनराशि के आगमन से निवेश का माहौल बन रहा है और कई जिलों में सड़क एवं हवाई कनेक्टिविटी बेहतर हुई है, जिससे निवेशक आने की रुचि दिखा रहे हैं।
किसान कल्याण और छोटे किसानों के लिए उपाय
मोदी ने किसानों के लिए आसान ऋण, पीएम किसान योजना तथा बैंकिंग पहुंच को मजबूत करने का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि पहले किसान सहायता तक पहुंचते-पहुंचते रकम गायब हो जाती थी, पर अब सीधे खाते में लाभ पहुंचता है और यह व्यवस्था भ्रष्टाचार को कम करती है।
महिला सशक्तिकरण और जीविका योजना का उल्लेख
भाषण में महिलाओं की भागीदारी व जीविका योजनाओं का विशेष उल्लेख आया। मोदी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण एनडीए के एजेंडा का महत्वपूर्ण हिस्सा है और विभिन्न योजनाओं से ग्रामीण महिलाएं आज नया आत्मविश्वास लेकर आगे बढ़ रही हैं।
युवाओं और स्टार्टअप के लिए संकल्प
प्रधानमंत्री ने युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसर दिलाने का वादा दोहराया। समस्तीपुर से पूर्णिया तक सड़क और हवाई कनेक्टिविटी के विकास से युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर स्टार्टअप की संभावनाएँ बढ़ेंगी — यह उनकी मूल प्रतिज्ञा का हिस्सा बताया गया।
विशेष कृषि उपज: मखाना और मत्स्य उत्पादन
मखाना को वैश्विक पहचान दिलाने और मत्स्य उत्पादन को दोगुना करने के उदाहरण देकर मोदी ने कहा कि किस प्रकार किसान व मत्स्यपालक अब आत्मनिर्भर बन रहे हैं। मखाना बोर्ड जैसे प्रयासों से स्थानीय उत्पादक वैश्विक बाजार तक पहुँच बना सकते हैं।
विपक्ष पर तीखा प्रहार
मोदी ने विरोधी दलों, ख़ासकर आरजेडी और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उनके भ्रष्टाचार और परिवारवाद के आरोप दोहराए। उन्होंने चेतावनी दी कि जिन पर घोटाले के आरोप लगे हैं, वे जननायक की विरासत को भी दागदार कर रहे हैं और जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
कानून-व्यवस्था और माओवादी मुद्दा
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई जिले माओवाद से प्रभावित थे और एनडीए शासन ने कठोर कार्रवाई कर माओवाद की कमर तोड़ी है। उन्होंने पूरे प्रदेश को सुरक्षित बनाने तथा विकास से हिंसा के मूल कारणों को मिटाने का दावा दोहराया।
अंतिम आह्वान और चुनावी संदेश
भाषण के अंत में मोदी ने जनता से कहा कि वे ऐसे विकल्प चुनें जो विकास और सुशासन को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि आरजेडी व कांग्रेस पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि वे परिवारवाद में लिप्त हैं; जनता को भविष्य की सोच कर निर्णय लेना होगा।
समस्तीपुर की सभा ने स्पष्ट कर दिया कि यह केवल एक भाषण नहीं, बल्कि एनडीए की चुनावी रणनीति का एक मजबूत संकेत है। प्रधानमंत्री का रुख, व्यापक विकास व सामाजिक न्याय के वादे और विपक्ष पर तीखे आरोप आगामी चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेंगे। जनता की प्रतिक्रिया और मैदान में दिखा उत्साह इस बात का परिचायक रहा कि राजनीतिक तापमान अब और तेज होने वाला है।