सम्राट चौधरी को मिला बिहार पुलिस का नियंत्रण, आईएएस-आईपीएस के ट्रांसफर का निर्णय अभी भी नीतीश कुमार के हाथ

Samrat Choudhary Bihar Ministry:: बिहार में गृह मंत्री सम्राट चौधरी को पुलिस का पूर्ण नियंत्रण, ट्रांसफर अधिकार मुख्यमंत्री के पास
Samrat Choudhary Bihar Ministry: बिहार में गृह मंत्री सम्राट चौधरी को पुलिस का पूर्ण नियंत्रण, ट्रांसफर अधिकार मुख्यमंत्री के पास (File Photo)
सम्राट चौधरी को बिहार पुलिस का नियंत्रण मिला है, लेकिन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर का अधिकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास बना हुआ है। गृह विभाग का नियंत्रण मिलने से सम्राट का राजनीतिक कद बढ़ा है, पर प्रशासनिक निर्णयों में सीमाएँ उनके सामने हैं।
नवम्बर 22, 2025

सम्राट चौधरी और बिहार पुलिस पर उनका नया अधिकार

बिहार सरकार के नए गृह मंत्री सम्राट चौधरी के पास राज्य की पुलिस का सम्पूर्ण नियंत्रण आ गया है। हालांकि, आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति और ट्रांसफर का अधिकार अभी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास सुरक्षित है। यह बदलाव बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है, क्योंकि गृह विभाग पारंपरिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण विभागों में से एक माना जाता है।

नया राजनीतिक परिदृश्य

दो दशक के भीतर पहली बार यह देखा गया है कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने भाजपा को सबसे शक्तिशाली विभाग गृह का नियंत्रण सौंपा है। इससे सम्राट चौधरी का राजनीतिक कद और बढ़ गया है। गृह विभाग का नियंत्रण मिलना सम्राट के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि पुलिस विभाग सीधे कानून व्यवस्था से जुड़ा होता है और राज्य में कानून और व्यवस्था के फैसले इस विभाग के माध्यम से ही होते हैं।

मुख्यमंत्री का प्रशासनिक प्रभाव

हालांकि, सम्राट चौधरी के पास गृह विभाग का नियंत्रण है, परंतु सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) अब भी मुख्यमंत्री के पास ही है। सामान्य प्रशासन विभाग राज्य प्रशासन के सभी महत्वपूर्ण फैसलों में केंद्र की भूमिका निभाता है। इसमें आईएएस, आईपीएस, बीएएस और बीपीएस अधिकारियों की नियुक्ति, प्रमोशन और अनुशासनात्मक कार्रवाई शामिल है। इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी पुलिस अधिकारी का ट्रांसफर या प्रमोशन करने के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति अनिवार्य है।

मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा

नई कैबिनेट शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी 26 मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर दिया। इसके तहत भाजपा के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को गृह विभाग दिया गया, जबकि सामान्य प्रशासन विभाग मुख्यमंत्री के पास ही रहा। यह संकेत करता है कि प्रशासनिक नियंत्रण मुख्यमंत्री के हाथ में सुरक्षित है।

गृह विभाग का महत्व

गृह विभाग राज्य की कानून व्यवस्था, पुलिस प्रशासन और आपातकालीन परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता रखता है। सम्राट चौधरी के पास अब राज्य के पुलिस विभाग की नीति निर्धारण और संचालन का अधिकार है। पुलिस प्रमुख, जिलों में पुलिस बल की तैनाती, सुरक्षा योजनाओं का निर्माण और कानून व्यवस्था बनाए रखना गृह विभाग के अंतर्गत आता है।

सामान्य प्रशासन विभाग की भूमिका

गृह विभाग का प्रभाव सीमित होता है जब तक कि सामान्य प्रशासन विभाग मुख्यमंत्री के नियंत्रण में हो। इस विभाग के माध्यम से आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की तैनाती, प्रमोशन और ट्रांसफर को मंजूरी दी जाती है। वर्तमान स्थिति में, सम्राट चौधरी केवल पुलिस संचालन के लिए जिम्मेदार हैं, परंतु अधिकारियों की नियुक्ति में उनका हस्तक्षेप सीमित है।

भविष्य की चुनौतियां

सम्राट चौधरी को गृह विभाग मिलने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई है। बिहार में अपराध, आपराधिक गिरोह और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में कानून व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच समन्वय बनाए रखना उनके लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा।

राजनीतिक समीकरण

भाजपा और जेडीयू के बीच यह समझौता राजनीतिक संतुलन बनाए रखने का हिस्सा है। गृह विभाग का नियंत्रण मिलने से भाजपा को भी राज्य सरकार में अपनी भूमिका मजबूत करने का अवसर मिला है। हालांकि, आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर के अधिकार मुख्यमंत्री के पास रहने से प्रशासनिक निर्णयों में जेडीयू का प्रभाव बना रहेगा।

राज्य में गृह विभाग का नियंत्रण मिलना सम्राट चौधरी के लिए राजनीतिक सफलता है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारों की सीमाएँ उन्हें चुनौती दे सकती हैं। भविष्य में यह देखा जाएगा कि वे पुलिस प्रशासन और कानून व्यवस्था के क्षेत्र में कितनी कुशलता से अपनी भूमिका निभाते हैं।

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Asfi Shadab

Writer, thinker, and activist exploring the intersections of sports, politics, and finance.