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Bihar Elections 2025: जेडीयू को चुनाव से पहले बड़ा झटका, पूर्व जिला अध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ने थामा राजद का दामन

JDU Leader Altaf Alam Raju Joins RJD – चुनाव से पहले जेडीयू को बड़ा झटका, सारण में बदले समीकरण
JDU Leader Altaf Alam Raju Joins RJD – चुनाव से पहले जेडीयू को बड़ा झटका, सारण में बदले समीकरण
अक्टूबर 27, 2025

सारण में जेडीयू को लगा बड़ा झटका

सारण जिले की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। जेडीयू के पूर्व जिला अध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ने पार्टी से इस्तीफा देकर राजद का दामन थाम लिया है।
यह कदम विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आया है, जिससे जेडीयू खेमे में हलचल और निराशा का माहौल बन गया है।

राजू जदयू के मजबूत स्तंभ माने जाते थे और मढ़ौरा विधानसभा सीट से प्रबल दावेदार थे, लेकिन सीट लोजपा (रामविलास) के खाते में जाने से उनके समर्थकों में असंतोष पनप गया था।


पार्टी टिकट से वंचित होने के बाद बगावत

जब मढ़ौरा सीट जदयू से छिन गई, तो अल्ताफ आलम राजू ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने का फैसला लिया।
लेकिन दुर्भाग्यवश, नामांकन पत्र में त्रुटि के कारण उनका नामांकन रद्द कर दिया गया।
यहीं से उनके राजनीतिक सफर की दिशा बदल गई और अब उन्होंने राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली


राजद में हुआ गर्मजोशी से स्वागत

राजू के राजद में शामिल होने के दौरान मरहौरा के विधायक जितेंद्र राय और तरैया से राजद उम्मीदवार शैलेंद्र प्रताप सिंह मौजूद रहे।
दोनों नेताओं ने अल्ताफ आलम राजू का स्वागत करते हुए कहा कि उनका शामिल होना राजद परिवार के लिए बड़ी मजबूती का प्रतीक है।

राजद खेमे में इस घटना को एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, क्योंकि अल्ताफ आलम राजू मढ़ौरा क्षेत्र में काफी लोकप्रिय और सक्रिय नेता रहे हैं।


2020 में दी थी कड़ी टक्कर

गौरतलब है कि 2020 विधानसभा चुनाव में अल्ताफ आलम राजू ने जदयू प्रत्याशी के रूप में मरहौरा सीट से चुनाव लड़ा था और राजद विधायक जितेंद्र राय को कड़ी टक्कर दी थी।
भले ही वे चुनाव नहीं जीत पाए, लेकिन क्षेत्र में उनकी पकड़ लगातार बनी रही।
पिछले पाँच वर्षों से उन्होंने क्षेत्र में मजबूत जनसंपर्क और संगठन निर्माण का कार्य जारी रखा था।


जदयू के भीतर असंतोष और टूट का खतरा

राजू के पार्टी छोड़ने से जदयू की जिला इकाई में असंतोष की लहर फैल गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम सारण जिले में जदयू की पकड़ को कमजोर कर सकता है और राजद को सीधा राजनीतिक फायदा मिल सकता है।
राजू के समर्थक भी अब राजद के साथ जुड़ने की संभावना जता रहे हैं, जिससे जदयू की ग्राउंड लेवल संगठन क्षमता पर असर पड़ सकता है।


राजनीतिक समीकरण में बड़ा बदलाव

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह घटना सारण और मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।
जहाँ पहले जदयू और राजद के बीच मुकाबला बराबरी का था, अब राजद को स्थानीय संगठन और जनाधार दोनों में बढ़त मिल सकती है।


अल्ताफ आलम राजू का राजद में शामिल होना केवल एक दल बदल की घटना नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति में समीकरणों के बड़े बदलाव का संकेत है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जदयू इस झटके से कैसे उबरती है और क्या राजद इस मौके को अपने पक्ष में पूरी तरह भुना पाती है।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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