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मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र में चार उम्मीदवारों के नामांकन पत्र रद्द, चुनावी मुकाबला हुआ सघन

Madhora Assembly Election
Madhora Assembly Election: मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र में चार उम्मीदवारों के नामांकन पत्र रद्द, चुनावी वातावरण हुआ गर्म
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मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी हलचल

छपरा। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रथम चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है और अब चुनाव आयोग द्वारा नामांकन पत्रों की जांच का कार्य जारी है। इस जांच प्रक्रिया में कई उम्मीदवारों के नामांकन पत्र नियमों के अनुरूप नहीं पाए जाने पर रद्द कर दिए गए हैं। इस क्रम में सारण जिले की मढ़ौरा विधानसभा सीट पर चार उम्मीदवारों के नामांकन पत्र त्रुटि के कारण रद्द किए गए हैं, जिससे चुनावी दंगल में नए समीकरण बन गए हैं।

प्रमुख उम्मीदवारों के नामांकन रद्द

मढ़ौरा विधानसभा सीट से लोजपा रामविलास पार्टी की नेत्री और भोजपुरी फिल्मों की स्टार सीमा सिंह का नामांकन पत्र त्रुटिपूर्ण पाए जाने पर रद्द कर दिया गया। इस प्रकार सीमा सिंह अब चुनाव लड़ने से वंचित रह गई हैं। इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार अल्ताफ आलम राजू का भी नामांकन पत्र नियमों के उल्लंघन के कारण रद्द कर दिया गया है।

अल्ताफ आलम राजू पूर्व में सारण जिले के जदयू जिला अध्यक्ष रह चुके हैं और मढ़ौरा विधानसभा सीट के लिए जदयू के टिकट के प्रबल दावेदार थे। जदयू ने सीट लोकसभा रामविलास के खाते में देने के कारण उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था, लेकिन उनका नामांकन भी रद्द हो गया।

अन्य उम्मीदवार और राजनीतिक असर

इसी कड़ी में दो अन्य उम्मीदवारों का भी नामांकन रद्द हुआ है, जिनमें बसपा के आदित्य कुमार और निर्दलीय विशाल कुमार शामिल हैं। इन चार उम्मीदवारों के नामांकन रद्द होने से एनडीए खेमे को बड़ा झटका लगा है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा सिंह मढ़ौरा में एक मजबूत उम्मीदवार मानी जा रही थीं, लेकिन अब मुकाबला मुख्य रूप से राजद और जनसुराज के उम्मीदवारों के बीच केन्द्रित होगा।

मढ़ौरा में मुख्य मुकाबला

मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र से राजद के जितेंद्र कुमार राय उम्मीदवार हैं। वह वर्तमान में विधायक रह चुके हैं और राजद के शासनकाल में मंत्री भी रह चुके हैं। उनके मुकाबले अब जनसुराज और अन्य निर्दलीय उम्मीदवार खड़े हैं, जिससे चुनावी प्रतिस्पर्धा और भी तीव्र हो गई है।

निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि सभी नामांकन पत्रों को नियम अनुसार जांचा गया और त्रुटिपूर्ण पाए जाने पर ही रद्द किया गया। किसी भी उम्मीदवार के साथ पक्षपात या लापरवाही नहीं बरती गई।

आगामी चुनावी रणनीति और संभावित परिणाम

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नामांकन पत्र रद्द होने के बाद सीट पर समीकरण बदल गए हैं। एनडीए खेमे को अब मजबूत उम्मीदवार की कमी का सामना करना पड़ेगा। वहीं, राजद के लिए यह अवसर है कि वे अपने उम्मीदवार की साख और अनुभव का लाभ उठाकर मढ़ौरा में मजबूती दिखा सकें।

विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि मढ़ौरा क्षेत्र के मतदाताओं का रुझान अब उम्मीदवार की व्यक्तिगत लोकप्रियता और पार्टी की नीतियों पर अधिक निर्भर करेगा। निर्दलीय उम्मीदवारों और छोटे दलों की हिस्सेदारी भी चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकती है।

सारण जिले की मढ़ौरा विधानसभा सीट पर चार प्रमुख उम्मीदवारों के नामांकन रद्द होने से चुनावी माहौल और भी गरम हो गया है। इस सीट पर अब राजद और जनसुराज के बीच मुकाबला निर्णायक साबित हो सकता है। आगामी मतदान में उम्मीदवारों की रणनीति और मतदाताओं की प्रतिक्रिया चुनावी परिणाम तय करेगी

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Aakash Srivastava

Writer & Editor at RashtraBharat.com | Political Analyst | Exploring Sports & Business. Patna University Graduate.