“जंजीरों में जकड़ा उम्मीदवार” — शिवहर में संजय संघर्ष सिंह का अनोखा प्रचार बना चर्चा का विषय
शिवहर (बिहार)। बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार शिवहर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी संजय संघर्ष सिंह अपने अनोखे और प्रतीकात्मक प्रचार के कारण सुर्खियों में हैं। उन्होंने अपने शरीर को गले से लेकर पैरों तक लोहे की जंजीरों में जकड़ रखा है, और इसी रूप में गांव-गांव जाकर लोगों से समर्थन की अपील कर रहे हैं।
संघर्ष का प्रतीक बना “जंजीर चुनाव चिन्ह”
संजय संघर्ष सिंह का यह तरीका केवल प्रचार का स्टाइल नहीं बल्कि एक स्थानीय जनसमस्या का प्रतीक है। वे बागमती नदी पर अदौरी–खोरी पाकड़ पुल निर्माण की मांग को लेकर वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं।
उनका कहना है —
“जब तक पुल नहीं बनेगा, मैं न दाढ़ी कटवाऊंगा और न चुनाव लड़ना छोड़ूंगा।”
इस बार भी उन्हें चुनाव आयोग की ओर से ‘जंजीर’ चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है, जो अब उनके आंदोलन की पहचान बन चुका है।
जनता के बीच बना प्रेरणा का प्रतीक
संजय संघर्ष सिंह का जंजीरबद्ध प्रचार स्थानीय लोगों के बीच संकल्प और जिद का प्रतीक बन गया है।
उनका कहना है कि पुल बनने से इलाके के लोगों को आवागमन में बड़ी राहत मिलेगी और आसपास के गांवों में स्थानीय विकास की गति बढ़ेगी।
“यह जंजीरें मेरे संघर्ष की निशानी हैं, और जब तक जनता की राह में यह बाधा है, मैं इन जंजीरों को नहीं खोलूंगा।” — संजय संघर्ष सिंह
चुनावी मैदान में 11 प्रत्याशी, पर चर्चा सिर्फ संघर्ष सिंह की
शिवहर विधानसभा सीट पर दूसरे चरण में मतदान होना है। यहां कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन संजय संघर्ष सिंह का जंजीरबद्ध प्रचार अभियान लोगों के बीच सबसे अलग और चर्चित हो गया है।
वे न नारेबाजी करते हैं, न शोर मचाते हैं — बस अपनी जंजीरों को दिखाकर जनता से कहते हैं,
“यह जंजीरें तब तक नहीं खुलेंगी जब तक पुल नहीं बनेगा।”
जनता का समर्थन और जमीनी जुड़ाव
स्थानीय लोगों का कहना है कि संजय संघर्ष सिंह का यह संकल्प उनकी सच्चाई और लगन को दर्शाता है। उनके इस प्रतीकात्मक अंदाज ने आम मतदाताओं के दिलों में जगह बना ली है।
“हमारे इलाके की सबसे बड़ी समस्या यही पुल है। अगर ये बन गया तो हमारी जिंदगी बदल जाएगी,” — एक स्थानीय निवासी ने कहा।
संदेश स्पष्ट — ‘विकास के लिए जंजीर तोड़ो’
अपने अभियान के अंत में संजय संघर्ष सिंह लोगों से अपील करते हैं —
“जंजीरें सिर्फ मेरे शरीर पर नहीं हैं, ये हर उस नागरिक के जीवन में हैं जो विकास से वंचित है। आइए, मिलकर इन जंजीरों को तोड़ें।”
संजय संघर्ष सिंह, निर्दलीय प्रत्याशी, शिवहर
“यह जंजीर मेरे संघर्ष की पहचान है। जब तक अदौरी-खोरी पाकड़ पुल नहीं बनेगा, मैं इन जंजीरों को नहीं खोलूंगा।”