चुनावी मौसम में शराब तस्करी पर सख़्त नज़र, पुलिस की बड़ी कार्रवाई
सीतामढ़ी जिले में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज़ हो रही हैं, वैसे-वैसे अवैध शराब कारोबारियों की सक्रियता भी बढ़ने लगी है। प्रशासन की सख़्त निगरानी और लगातार अभियान के बावजूद शराब तस्कर अब चुनावी सीज़न का फ़ायदा उठाकर अपने नेटवर्क को सक्रिय कर रहे हैं।
हाल ही में जिले के पुपरी थाना क्षेत्र में डायल 112 की टीम को गुप्त सूचना मिली कि कुछ लोग बड़ी मात्रा में देशी शराब तैयार कर रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने टाइगर मोबाइल टीम के साथ संयुक्त अभियान चलाया और मौके पर छापेमारी कर चार महिला तस्करों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
68.4 लीटर देशी शराब बरामद, झोले में छिपाकर रखी गई थी खेप
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार महिलाओं के पास से कुल 68.4 लीटर देशी शराब बरामद की गई। सभी शराब की बोतलें झोले में छिपाकर रखी गई थीं, ताकि पुलिस की नज़र से बच सकें। लेकिन मुखबिर से मिली सटीक सूचना के बाद पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर पूरी खेप ज़ब्त कर ली।
जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि ये महिलाएं स्थानीय स्तर पर शराब की आपूर्ति करने का काम करती थीं और चुनावी माहौल में मांग बढ़ने की वजह से इन्होंने भंडारण शुरू कर दिया था।
गिरफ्तार महिलाएं स्थानीय नेटवर्क से जुड़ीं, पूछताछ में कई नाम आए सामने
पुलिस ने सभी चारों महिलाओं को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। शुरुआती पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं जो इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। पुलिस का मानना है कि इस तस्करी के पीछे एक बड़ा गिरोह सक्रिय है जो अलग-अलग गांवों में शराब की सप्लाई करता है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस गिरोह का उद्देश्य चुनावी सीज़न में नकद कमाई बढ़ाना है, क्योंकि इस समय अवैध शराब की मांग अचानक बढ़ जाती है।
चुनावी अलर्ट के बीच प्रशासन सख़्त, विशेष अभियान जारी
सीतामढ़ी पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पूरे जिले में चुनावी अलर्ट को देखते हुए गश्त और छापेमारी अभियान तेज़ कर दिए गए हैं। विशेष रूप से सीमावर्ती इलाकों पर निगरानी बढ़ाई गई है ताकि बाहर से शराब की खेप न आ सके।
पुलिस अब शराब तस्करों की पहचान के लिए गांव-गांव जाकर जांच अभियान चला रही है। थाना स्तर पर भी विशेष गश्ती टीमों को सक्रिय किया गया है, जिनका लक्ष्य है — “शराब मुक्त चुनाव” सुनिश्चित करना।
स्थानीय प्रशासन ने दी चेतावनी – शराब बेचने वालों पर होगी सख़्त कार्रवाई
प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि वे चुनावी माहौल में किसी भी तरह की अवैध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि अगर कोई व्यक्ति शराब बेचता या भंडारण करता पाया गया तो उसके खिलाफ एक्साइज एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस का यह भी कहना है कि पिछले कुछ दिनों में सीतामढ़ी, बाजपट्टी, और सुरसंड क्षेत्रों में भी छोटे स्तर पर कई शराब बरामदगी के मामले सामने आए हैं, जिससे यह साफ़ है कि चुनावी सीज़न में शराब तस्कर सक्रिय हो चुके हैं।
चुनावी आयोग की नज़र में भी शराब तस्करी बड़ा मुद्दा
चुनावी आयोग भी इस मामले पर सतर्क है। आयोग ने बिहार के सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वे मतदान से पहले अवैध शराब, नकदी और उपहार वितरण पर विशेष निगरानी रखें।
सीतामढ़ी में जिला प्रशासन ने आबकारी विभाग के साथ मिलकर एक टास्क फोर्स बनाई है जो लगातार गश्त कर रही है और हर संदिग्ध गतिविधि पर नज़र रख रही है।
जनता की भूमिका अहम – जागरूकता ही रोक सकती है शराब तस्करी
स्थानीय सामाजिक संगठनों और एनजीओ ने भी लोगों से अपील की है कि वे चुनावी प्रक्रिया को स्वच्छ बनाए रखें और किसी भी लालच में आकर शराब वितरण जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल न हों।
चुनाव केवल नेताओं के लिए नहीं बल्कि जनता के चरित्र और जागरूकता की परीक्षा भी होता है। ऐसे में प्रशासन और जनता दोनों की संयुक्त जिम्मेदारी बनती है कि अवैध कारोबारियों को रोककर लोकतंत्र को मजबूत बनाया जाए।
निष्कर्ष
सीतामढ़ी में 68.4 लीटर देशी शराब की बरामदगी और चार महिला तस्करों की गिरफ्तारी यह संकेत देती है कि पुलिस पूरी तरह सतर्क है, लेकिन चुनौती अभी भी बनी हुई है।
आगामी चुनावों के मद्देनज़र यह जरूरी है कि प्रशासन और जनता मिलकर शराब माफियाओं पर नकेल कसें ताकि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित किया जा सके।