सिवान में बीजेपी और जेडीयू की संयुक्त शक्ति प्रदर्शन सभा
आकाश श्रीवास्तव, सिवान।
सिवान के मैदान में रविवार को बीजेपी और जेडीयू की संयुक्त सभा ने माहौल को पूरी तरह राजनीतिक बना दिया।
सभा में भारी भीड़ उमड़ी और माहौल “भारत माता की जय” और “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा।
एनडीए उम्मीदवार विकास कुमार सिंह उर्फ जिंसु सिंह के समर्थन में यह रैली आयोजित की गई थी, जिसमें बीजेपी और जेडीयू के कई वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद रहे।
नेताओं ने दावा किया कि बिहार में अब सिर्फ विकास और सुशासन का युग रहेगा।
“जो लोग अपराध और आतंक की राजनीति के सहारे सत्ता पाना चाहते हैं, उन्हें जनता इस बार सख्त जवाब देगी।”
शहाबुद्दीन और ओसामा का नाम लेकर विपक्ष पर हमला
सभा में कई वक्ताओं ने मंच से सिवान के पुराने दौर की याद दिलाते हुए कहा कि “शहाबुद्दीन का युग अब खत्म हो चुका है।”
एक वक्ता ने कहा —
“बिहार को अब उन राक्षसों और अपराधियों से मुक्त कराना है, जिन्होंने जनता की जमीन, इज्जत और अधिकार पर कब्जा किया था। अब न शहाबुद्दीन आएगा, न ओसामा जैसे अपराधियों को राजनीति में जगह मिलेगी।”
नेताओं ने कहा कि “सत्ता अपराधियों की बपौती नहीं है, यह जनता का अधिकार है।”

मोदी-नीतीश की नीतियों को बताया विकास का आधार
सभा में वक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों को बिहार के विकास की रीढ़ बताया।
उन्होंने कहा कि “बिहार को रोजगार, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य की दिशा में मोदी-नीतीश सरकार ने नई ऊंचाई दी है।”
एक बीजेपी नेता ने कहा —
“जहां पहले गोली की आवाज गूंजती थी, आज वहां उद्योगों और शिक्षा संस्थानों की आवाज सुनाई देती है। यह परिवर्तन सुशासन की जीत है।”
विपक्षी नेताओं पर करारा प्रहार
सभा के दौरान विपक्षी नेताओं तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और अखिलेश यादव पर भी जमकर प्रहार हुआ।
नेताओं ने कहा कि “ये तीनों सत्ता से बाहर रहकर ऐसे तड़प रहे हैं जैसे मछली पानी के बिना।”
उन्होंने जनता से अपील की कि “अब भ्रम में न आएं, बिहार को पीछे ले जाने वालों को करारा जवाब दें।”
जनता से वोट की अपील: “तीर निशान पर करें मतदान”
सभा के अंत में मंच से जनता से अपील की गई कि 6 तारीख को तीर निशान पर वोट डालकर जिंसु सिंह को ऐतिहासिक जीत दिलाएं।
नेताओं ने कहा कि “जो लोग ओसामा जैसे अपराधियों को राजनीति में लाने की साजिश कर रहे हैं, उन्हें जनता इस बार सबक सिखाएगी।”
सभा का समापन “भारत माता की जय” और “जय श्रीराम” के नारों के साथ हुआ, जिससे पूरा मैदान देशभक्ति और राजनीतिक जोश से गूंज उठा।
स्थानीय माहौल में एनडीए का जोश बढ़ा
सिवान जैसे संवेदनशील राजनीतिक जिले में इस सभा को एनडीए की ताकत के प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है।
भीड़ और नारों से यह स्पष्ट था कि एनडीए कार्यकर्ताओं में जोश और आत्मविश्वास दोनों उच्च स्तर पर हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस सभा से एनडीए ने विपक्ष को एक कड़ा संदेश दिया है कि “अब बिहार में अपराध नहीं, सुशासन की राजनीति ही चलेगी।”
सिवान की राजनीति में नए समीकरण बनते दिख रहे हैं
बीजेपी-जेडीयू की यह सभा न सिर्फ चुनावी ताकत का प्रदर्शन थी, बल्कि सिवान की राजनीतिक दिशा तय करने वाली सभा भी मानी जा रही है।
जहां एक ओर एनडीए ने “अपराध-मुक्त बिहार” का नारा दिया, वहीं विपक्ष को “पुराने दौर की याद दिलाने” की रणनीति भी अपनाई।
अब देखना यह है कि जनता किस दिशा में अपना भरोसा जताती है — शहाबुद्दीन के पुराने सिवान में या सुशासन के नए बिहार में।