सीवान जिले के मैरवा में भोपतपुरा स्थित निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं। मंगलवार को आईपीडी बिल्डिंग की ढलाई के दौरान एक मंजिल से गिरने से 45 वर्षीय मजदूर सुरेश महतो की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक चैनछपरा के रहने वाले थे और प्रिंस बिल्डर के अधीन काम कर रहे थे।
निर्माण स्थल पर लापरवाही और सुरक्षा की अनदेखी
स्थानीय लोगों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में कुणाल कंस्ट्रक्शन और बीएमएसआईसीएल की देखरेख में दर्जनों पेटी कॉन्ट्रैक्टर बिना सुरक्षा मानक का पालन किए काम कर रहे थे। निर्माण स्थल पर हेलमेट, हार्नेस और अन्य सुरक्षा उपकरण की कमी सामने आई। मजदूरों को पर्याप्त प्रशिक्षण और सुरक्षा उपाय प्रदान नहीं किए गए थे। यही कारण है कि सुरेश महतो का जीवन गंभीर लापरवाही के चलते समाप्त हो गया।
हादसे के तत्काल बाद की स्थिति
हादसे के बाद मजदूर को तुरंत रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने स्थानीय लोगों और परिजनों को गहरे सदमे में डाल दिया। मृतक के परिवार ने ठेकेदार और निर्माण कंपनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना सुरक्षा व्यवस्था के काम कराया जा रहा था।
निर्माण कार्य पर रोक और प्रशासनिक उत्तरदायित्व
घटना के बाद निर्माण कार्य तुरंत रोक दिया गया। पत्रकारों के पहुंचने पर मेडिकल कॉलेज का गेट बंद कर दिया गया और कर्मियों ने किसी भी प्रकार की जानकारी देने से इनकार कर दिया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यदि जिला प्रशासन समय पर निरीक्षण और निगरानी करता, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा टाला जा सकता था।
भविष्य की संभावित दुर्घटनाओं की चेतावनी
स्थानीय नागरिकों और सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि निर्माण स्थल पर नियमों और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया, तो भविष्य में और भी गंभीर हादसे हो सकते हैं। कई मजदूरों ने भी बताया कि उन्हें कार्य स्थल पर लगातार जोखिम का सामना करना पड़ता है।
सीवान मैरवा मेडिकल कॉलेज निर्माण स्थल की यह घटना मजदूरों की सुरक्षा और ठेकेदारों की जिम्मेदारी पर प्रश्न उठाती है। निर्माण कार्य की निगरानी और सुरक्षा नियमों के पालन को गंभीरता से लागू करना आवश्यक है, ताकि भविष्य में किसी और मजदूर की जान जोखिम में न पड़े।