News Edited by: Aakash Srivastava
ऐतिहासिक हरि सभा दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन
सिवान – दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर सिवान का ऐतिहासिक हरि सभा दुर्गा पूजा (Bengali Puja) इस वर्ष भी भक्ति और आस्था का केंद्र बना। वर्ष 1934 से लगातार आयोजित यह पूजा सिवान की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा बन चुकी है। इस बार भी श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति ने समारोह की भव्यता को और बढ़ा दिया।
बंगाली परंपरा और महाभंडारे
बंगाली रीति-रिवाज के अनुसार अष्टमी और नवमी के दिन महाभंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने तन-मन-धन से भाग लिया और महाप्रसाद ग्रहण किया। यह आयोजन न केवल शहरी क्षेत्र के बंगाली परिवारों के लिए, बल्कि ग्रामीण इलाकों के परिवारों के लिए भी आस्था और उत्साह का प्रतीक रहा।

आयोजन में प्रमुख योगदान
पूजा में दास मिष्ठान भंडार और दास इलेक्ट्रॉनिक्स परिवार ने सक्रिय भूमिका निभाई। आपसी सहयोग और सामूहिक प्रयास से यह आयोजन एक विशाल और भव्य रूप धारण करता है।
सामाजिक सद्भाव और भक्ति का संगम
हरि सभा दुर्गा पूजा समिति के सदस्य इसे देवी दुर्गा के दिव्य आशीर्वाद के रूप में मानते हैं। भव्य पंडाल, मनमोहक संगीत और महाभोग ने पूरे माहौल को धार्मिक रंग में रंग दिया। श्रद्धालु बड़े उत्साह के साथ माँ दुर्गा से सुख-समृद्धि और शांति की कामना करते रहे।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1934 में स्थापित यह पूजा सिवान शहर में बसे बंगाली परिवारों द्वारा शुरू की गई थी। उस समय यह आयोजन न केवल धार्मिक उद्देश्य से किया गया था, बल्कि सामाजिक एकजुटता और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने का माध्यम भी था। धीरे-धीरे यह पूजा पूरे जिले में लोकप्रिय हुई और आज यह लगभग 91 वर्षों से भव्य रूप से मनाई जा रही है।

प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति
इस वर्ष पूजा में सिवान की बीजेपी नेत्री अनुराधा गुप्ता, डॉ. रिचा सिंह, डॉ. सौरभ सिंह, समाजसेवी और शिक्षाविद गणेश दत्त पाठक, वरिष्ठ पत्रकार आकाश श्रीवास्तव, अरविंद पाठक, समाजसेवी रश्मि गिरी, वरिष्ठ महिला समाजसेवी ताप्ती वर्मा, शिक्षिका नीलांजना, निशा सोमानी, बबलू दास और रंजन दास सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। इनकी सक्रिय भागीदारी ने समारोह की शोभा को बढ़ाया।
आस्था का अद्भुत उत्सव
लगभग 91 वर्षों से लगातार मनाया जा रहा यह दुर्गा पूजा उत्सव सिवान की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि हर साल श्रद्धालुओं की भागीदारी इसे आस्था और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक बनाती है।

विजयदशमी और सेंदूर खेला
दीप शिखा दास के अनुसार, बंगाली पूजन परंपरा में विजयादशमी के दिन माता दुर्गा का विसर्जन किया जाता है। महिलाओं द्वारा सेंदूर खेला करना इस अवसर का विशेष आकर्षण है। महिलाएं एक-दूसरे को सेंदूर लगाकर शुभकामनाएँ देती हैं। सिवान में भी श्री हरि सभा दुर्गा पूजन समिति की महिलाओं द्वारा यह परंपरा बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ निभाई जाती रही है।
समिति और संगठन
समिति की वर्तमान अध्यक्षा ताप्ती वर्मा, सेक्रेटरी कुमार घोष और कोषाध्यक्ष सोमेन मुखर्जी हैं। अन्य सदस्य जैसे वीरेंद्र हलधर, अनिल कुमार गांगुली, सौमित्र कुमार, बब्लू दास, बप्पी दास, झरना बनर्जी, अनुराधा, संदीप घोष, सोमा दास और दीप शिखा दास हैं। समिति की मेहनत और समर्पण से यह पूजा पूरे जिले में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है।
निष्कर्ष
हरि सभा दुर्गा पूजा न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है, बल्कि यह सिवान में सामाजिक सद्भाव और एकजुटता का प्रतीक भी है। 91 वर्षों की यह परंपरा आज भी वैसी ही जीवंत और प्रेरणादायक बनी हुई है।
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