सीवान जिले में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान कर्मियों के मतदान अधिकारों को प्रभावित करने की गंभीर स्थिति सामने आई है। जिले में कुल २९०८ मतदान केंद्र हैं, जहाँ लगभग १५,००० से अधिक मतदानकर्मी चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने में लगे हैं। बावजूद इसके, केवल लगभग २,००० कर्मियों को ही वोट डालने का अवसर मिल पा रहा है। यह स्थिति न केवल लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है, बल्कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुशील कुमार ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी डॉ. आदित्य प्रकाश से फोन और व्हाट्सऐप संदेश के माध्यम से संपर्क किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले में PO, P1, P2, P3, माइक्रो ऑब्जर्वर, मास्टर ट्रेनर तथा अन्य चुनाव संबंधित कोषांगों में तैनात कर्मियों को मतदान में शामिल होना चाहिए।
सुशील कुमार के अनुसार, प्रथम चरण की प्रशिक्षण प्रक्रिया के दौरान फॉर्म १२ भरा गया था, लेकिन पहचान पत्र जमा करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिए गए। इसके बावजूद अब कहा जा रहा है कि पहचान पत्र न होने के कारण कर्मियों का नाम वोटर लिस्ट में नहीं आया। उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण की प्रशिक्षण प्रक्रिया २३ से २५ अक्टूबर तक आयोजित की गई थी और इस दौरान कर्मियों का वोटिंग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्य माँगें और प्रस्ताव
मतदान कर्मियों को फॉर्म 12 के साथ मतदान की अनुमति
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने सुझाव दिया कि द्वितीय प्रशिक्षण में शामिल सभी मतदान कर्मियों, मास्टर ट्रेनर और अन्य कोषांगों में प्रतिनियुक्त कर्मियों को मतदान के समय फॉर्म १२ उपलब्ध कराया जाए। आवश्यक दस्तावेज साथ लाने पर ही उन्हें मतदान का अधिकार दिया जाना चाहिए।
मतदान अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव
सीवान जिले में मतदान कर्मियों की संख्या १५,००० से अधिक है, जबकि केवल लगभग २,००० नाम वोटर लिस्ट में शामिल हैं। इसके मद्देनजर उन्होंने मतदान समय को २३, २४ और २५ अक्टूबर से बढ़ाकर २६, २७ अक्टूबर तक विस्तारित करने की अपील की है।
प्रत्येक प्रखंड में मतदान केंद्र की आवश्यकता
जिलाध्यक्ष ने यह भी सुझाव दिया कि यदि संभव हो तो प्रत्येक प्रखंड कार्यालय पर मतदान केंद्र बनाया जाए, जिससे शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही बैलेट वोटिंग की व्यवस्था की जाए ताकि सभी मतदान कर्मी और अन्य कोषांगों में तैनात कर्मी लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बन सकें।
पिछली घटनाओं का हवाला
सुशील कुमार ने उल्लेख किया कि पिछली बार भी मतदान कर्मियों को वोटिंग से वंचित करने के प्रयास हुए थे। उस समय कांग्रेस की पहल और चुनाव आयोग को आवेदन देने के बाद सुधार हुआ था। इसलिए वर्तमान स्थिति में भी उन्हें तत्काळ हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
निर्वाचन पदाधिकारी का उत्तर
जिलाधिकारी ने संभावित समाधान के रूप में कहा कि छठ पूजा के बाद किसी एक दिन मतदान कर्मियों को पुनः मौका दिया जा सकता है। हालांकि फॉर्म १२ उपलब्ध कराने पर कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला। इस कारण कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ईमेल के माध्यम से हस्तक्षेप की अपील भेजी है।
सीवान जिले में मतदान कर्मियों के मतदान अधिकारों को सुरक्षित करना न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती के लिए आवश्यक है, बल्कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए भी अनिवार्य है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष की पहल से उम्मीद है कि आवश्यक कार्रवाई शीघ्र की जाएगी और सभी मतदानकर्मी अपनी जिम्मेदारी के साथ मतदान कर सकेंगे।