रायपुर/29 सितंबर 2025।
Amit Shah Naxalism: छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर Naxalism Controversy को लेकर गरमा गई है। गृहमंत्री Amit Shah के हालिया बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने प्रेस बयान जारी कर आरोप लगाया कि अमित शाह राजनीतिक विद्वेष के चलते नक्सलवाद पर “गलत बयानी” कर रहे हैं।
कांग्रेस का पलटवार
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अमित शाह जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को तथ्यों से परे बयान नहीं देने चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में नक्सल घटनाओं में भारी कमी आई थी और अमित शाह ने स्वयं 5 अप्रैल 2021 को रायपुर में मीडिया के सामने यह स्वीकार किया था। उस समय अमित शाह ने कहा था कि “राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर नक्सलवाद को काफी हद तक पीछे धकेल दिया है।”
शुक्ला ने आंकड़े भी पेश किए, जिनके मुताबिक कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नक्सली घटनाओं में 80 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई थी। यहां तक कि तत्कालीन RPF के डीजीपी ने अमित शाह के सामने रिपोर्ट दी थी कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद “पैकअप मोड” पर है।
Amit Shah Naxalism: कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उनकी सरकार ने “विश्वास, विकास और सुरक्षा” के मूल मंत्र पर काम करते हुए नक्सलवाद पर नियंत्रण किया था।
-
दूरस्थ क्षेत्रों में नए कैंप और सड़क मार्ग बनाए गए।
-
अबूझमाड़ जैसे कठिन इलाकों में दो बड़े पुल का निर्माण हुआ।
-
300 से अधिक स्कूल और कई अस्पताल व राशन दुकानें खोली गईं।
-
67 से अधिक वनोपज की सरकारी खरीदी हुई।
Amit Shah Naxalism: इन प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि लोगों का विश्वास सरकार और सुरक्षा बलों के प्रति बढ़ा। लगभग 600 गांव नक्सल मुक्त घोषित किए गए और नक्सली गतिविधियां केवल बीजापुर के कुछ इलाकों और अबूझमाड़ तक सीमित रह गईं।
अमित शाह पर सीधा हमला
सुशील शुक्ला ने सवाल किया कि राजधानी में खुलेआम नक्सलियों के ठिकाने बनने पर अमित शाह क्यों मौन हैं? उन्होंने कहा कि यदि नक्सली जंगल छोड़कर शहरी क्षेत्रों और राजधानी तक पहुंच रहे हैं तो यह मौजूदा साय सरकार की नाकामी है।
उन्होंने यह भी तंज कसा कि अमित शाह कैसे 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का दावा कर सकते हैं, जबकि जमीनी स्थिति इसके उलट है।
रमन सिंह सरकार की याद
कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी याद दिलाया कि रमन सिंह की भाजपा सरकार के 15 सालों के कार्यकाल में नक्सलवाद बस्तर के तीन ब्लॉकों से निकलकर 14 जिलों तक फैल गया था। वहीं, मौजूदा भाजपा सरकार के दो सालों में नक्सली जंगलों से निकलकर सीधे राजधानी और शहरी इलाकों तक पहुँच चुके हैं।
भाजपा पर आरोप – “सिर्फ बयानवीर”
शुक्ला ने भाजपा नेताओं को “बयानवीर” करार देते हुए कहा कि वे केवल भाषणबाज़ी करते हैं, जबकि जमीनी काम शून्य है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय हुए विकास कार्यों को नकारना जनता के साथ धोखा है।
Amit Shah Naxalism News: नक्सलवाद का मुद्दा एक बार फिर छत्तीसगढ़ की राजनीति के केंद्र में आ गया है। Amit Shah Naxalism Controversy पर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। कांग्रेस का दावा है कि उनके शासनकाल में नक्सलवाद में उल्लेखनीय कमी आई, जबकि भाजपा मौजूदा चुनौतियों के लिए विपक्ष पर ठीकरा फोड़ रही है। अब देखना यह होगा कि नक्सलवाद पर राजनीतिक बयानबाज़ी से आगे बढ़कर वास्तविक समाधान पर कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं या नहीं।
Rashtra Bharat पर पढ़ें ताज़ा Sports, Politics, धर्म और Crime की अपडेटेड हिंदी खबरें।