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कांग्रेस की मांग – धान खरीदी 1 नवंबर से हो, किसानों को मिले ₹3286 प्रति क्विंटल का भाव: दीपक बैज

Paddy Procurement 2025 – Congress demands 1 November start, ₹3286 per quintal rate – रायपुर में दीपक बैज का बयान
Paddy Procurement 2025 – Congress demands 1 November start, ₹3286 per quintal rate – रायपुर में दीपक बैज का बयान
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कांग्रेस ने मांगा समयपूर्व धान खरीदी की घोषणा

रायपुर, 06 अक्टूबर 2025 – छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य सरकार से मांग की है कि धान खरीदी की प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरू की जाए, न कि 15 नवंबर से, जैसा कि सरकार विचार कर रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य के किसान पहले ही बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं, ऐसे में धान खरीदी की देरी उन्हें और मुश्किल में डाल देगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि खरीदी 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से होनी चाहिए।

₹3286 प्रति क्विंटल देने की मांग

दीपक बैज ने कहा कि धान का मूल्य 3100 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 2024-25 की वृद्धि ₹117 और 2025-26 की वृद्धि ₹69 जोड़कर कुल ₹3286 प्रति क्विंटल तय किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “किसान मेहनत से फसल तैयार करता है। सरकार को उसकी कीमत उचित दर पर देनी चाहिए, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिले।”

अति वर्षा से फसल नुकसान पर मुआवजा मांग

कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से यह भी मांग की कि अति वर्षा के कारण हुए नुकसान का तत्काल आकलन किया जाए और किसानों को मुआवजा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में भारी वर्षा के कारण कई जिलों में फसलों को नुकसान हुआ है, जिससे किसान आर्थिक संकट में हैं।

एग्री स्टैक पोर्टल बना किसानों की परेशानी

दीपक बैज ने कहा कि धान खरीदी के लिए अनिवार्य बनाए गए एग्री स्टैक पोर्टल में पंजीयन प्रक्रिया बेहद जटिल है और लाखों किसान अब तक पंजीकरण से वंचित हैं।
उन्होंने बताया कि पोर्टल में डाटा गड़बड़ियों, खसरा-खतौनी मिलान में त्रुटि, सर्वर बंद रहने और तकनीकी समस्याओं के चलते किसान पंजीयन नहीं करा पा रहे।

उन्होंने मांग की कि पंजीयन की तिथि कम से कम एक माह और बढ़ाई जाए और जिन किसानों का ऑनलाइन पंजीयन नहीं हो पा रहा, उन्हें सोसायटियों के माध्यम से ऑफलाइन पंजीयन की सुविधा दी जाए।

नया रकबा सत्यापन नियम किसानों पर बोझ

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने अब नया नियम बना दिया है कि जिन किसानों ने पोर्टल पर पंजीयन कराया है, उन्हें अब सोसायटियों में जाकर रकबा सत्यापन कराना होगा।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब डिजिटल गिरदावरी और क्रॉप सर्वे पहले ही हो चुके हैं, तो किसानों से बार-बार सत्यापन की मांग क्यों की जा रही है?

उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब “किसानों को परेशान करने और धान खरीदी की प्रक्रिया को धीमा करने का तरीका” है।
“सरकार को किसानों पर भरोसा नहीं है। क्या किसान झूठ बोलकर धान बेचेंगे? सरकार का उद्देश्य किसानों की मदद नहीं, बल्कि धान खरीदी को कम करना है।”

बीजेपी सरकार पर तीखा प्रहार

दीपक बैज ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दुर्भावनापूर्ण नीतियों से किसानों के लिए कठिनाइयाँ बढ़ा रही है।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में खाद-बीज की भारी कमी है, जबकि डीएपी और यूरिया की कालाबाजारी से किसान त्रस्त हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले वर्ष के धान का भुगतान तक पूरा नहीं किया और अब नए नियमों के ज़रिए किसानों को उलझाने में लगी है।
“पिछले साल ₹3100 में धान खरीदने में ही सरकार हांफ गई थी, अब किसानों को और नियमों में फंसा रही है।”

किसानों के हित में त्वरित निर्णय की मांग

कांग्रेस ने सरकार से आग्रह किया है कि वह धान खरीदी की घोषणा जल्द करे और किसानों को उनके पंजीयन, सत्यापन और भुगतान प्रक्रिया में कोई बाधा न आने दे।
पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं हुआ, तो किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com