रेत तस्करी पर सियासी घमासान: कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
रायपुर, 7 अक्टूबर 2025 —
छत्तीसगढ़ में रेत के अवैध उत्खनन और कारोबार को लेकर सियासत तेज हो गई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सोमवार को भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “सरकार के संरक्षण में ही अवैध रेत कारोबार फल-फूल रहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि “ऑनलाइन नीलामी” का दिखावा केवल जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि पूरे प्रदेश में माफिया खुलेआम रेत की लूट चला रहे हैं।
‘रेत माफिया के कब्जे में सरकार’ — दीपक बैज का आरोप
दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार पूरी तरह से रेत माफियाओं के नियंत्रण में है।
उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि,
“यह सरकार तस्करों के साथ सांठगांठ कर कमीशन की काली कमाई में हिस्सेदारी ले रही है।
अवैध उत्खनन और ओवरलोडिंग को खुले संरक्षण में बढ़ावा दिया जा रहा है।”
उन्होंने याद दिलाया कि मई 2025 में बलरामपुर जिले में एक पुलिसकर्मी को ट्रैक्टर से कुचलकर मार दिया गया था,
जो कि भाजपा के मंत्री राम विचार नेताम का क्षेत्र है।
इसके बाद जून 2025 में बलौदा बाजार में खनिज विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ मारपीट की घटना हुई।
“यह घटनाएं बताती हैं कि सरकार पूरी तरह से माफियाओं के आगे झुक चुकी है,” बैज ने कहा।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की पारदर्शिता का उल्लेख
दीपक बैज ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में रेत खदानों की नीलामी की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी थी।
उन्होंने बताया कि —
“तब खनिज विकास निगम के नियंत्रण में सभी रेत खदानों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे,
जिन्हें भाजपा की सरकार आते ही बंद कर दिया गया।”
उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में जितनी अधिकृत रेत खदानें हैं,
उनसे तीन गुना अधिक अवैध घाट पूरे प्रदेश में सक्रिय हैं।
सरकारी जमीनों पर अवैध भंडारण, ओवरलोड ट्रांसपोर्ट और रेत के काले कारोबार को प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है।
कांग्रेस का राज्यव्यापी आंदोलन
कांग्रेस ने हाल के महीनों में धमतरी, महासमुंद, बिलासपुर और जांजगीर-चांपा सहित 85 स्थानों पर अवैध रेत भंडारण के खिलाफ आंदोलन किया।
बैज ने बताया कि,
“हाई कोर्ट की सख्ती के बावजूद भी भाजपा सरकार की सांठगांठ के कारण
यह अवैध कारोबार आज भी निर्विघ्न रूप से चल रहा है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जनता को गुमराह करने के लिए
“ऑनलाइन नीलामी” का झांसा दिया है, जबकि जमीनी स्तर पर
तस्करों का खेल बदस्तूर जारी है।
राजनीतिक संरक्षण से बढ़ा अवैध कारोबार
विश्लेषकों के अनुसार, कांग्रेस का यह हमला प्रदेश में अवैध रेत तस्करी के बढ़ते नेटवर्क को उजागर करने का प्रयास है। विपक्ष का दावा है कि स्थानीय स्तर पर भाजपा नेताओं और ठेकेदारों के गठजोड़ से नदियों से रेत की अवैध निकासी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कई जिलों में पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी के बावजूद रेत लदे ट्रैक्टर और डंपर रात के समय बिना रोक-टोक चलते हैं।
‘सरकार जनता को गुमराह कर रही है’ — बैज
दीपक बैज ने कहा कि सरकार पिछले तीन महीनों से ऑनलाइन नीलामी की घोषणाओं का नाटक कर रही है, जबकि असल मकसद अपने कार्यकर्ताओं और चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाना है। उन्होंने कहा,
“सरकार जनता को यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि रेत कारोबार में पारदर्शिता लाने के लिए नीलामी हो रही है,
लेकिन हकीकत यह है कि अवैध कारोबारियों को और मजबूत किया जा रहा है।”
निष्कर्ष: रेत पर राजनीति गरमाई
छत्तीसगढ़ में रेत तस्करी का मुद्दा केवल पर्यावरण या प्रशासनिक समस्या नहीं रह गया है —
यह अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुका है।
कांग्रेस जहां भाजपा पर माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगा रही है,
वहीं सत्ताधारी पक्ष इसे “राजनीतिक नौटंकी” बता रहा है।
फिलहाल, जनता यह देख रही है कि नदियों की लूट कब रुकेगी —
और क्या सरकार वास्तव में ऑनलाइन नीलामी की पारदर्शिता दिखा पाएगी या यह भी किसी नए घोटाले की शुरुआत बनेगी।