Al Falah University Terror Module: अल फलाह विश्वविद्यालय के कमरे से खुला आतंकी नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली विस्फोट मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम ने जब फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय परिसर की तलाशी ली, तो उन्हें दो डायरी मिलीं — एक डॉक्टर उमर की और दूसरी डॉ. मुजम्मिल की। इन्हीं डायरी के पन्नों ने आतंक की वो कहानी खोली है, जिससे देश हिल गया है।
आतंकियों की डायरी ने खोला दो वर्षों की साजिश का रहस्य
जांच एजेंसियों के अनुसार, डॉक्टर उमर और मुजम्मिल पिछले दो वर्षों से कई जगहों पर धमाके की साजिश रच रहे थे। उनकी डायरी में दर्ज योजनाओं से संकेत मिलता है कि यह मॉड्यूल लंबे समय से सक्रिय था और देश के प्रमुख शहरों में आईईडी धमाकों की तैयारी कर रहा था।
इन डायरियों में कोड वर्ड, नक्शे, मोबाइल नंबर और कुछ संदिग्ध लेनदेन के उल्लेख भी मिले हैं। एजेंसियां इन संकेतों को डिकोड करने में जुटी हैं।
कमरे नंबर 4 और 13 बने थे आतंकियों की योजना का अड्डा
फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय के छात्रावास के कमरे नंबर 4 और 13 आतंकियों की गतिविधियों का केंद्र थे। जांच में सामने आया है कि यही दो कमरे “कंट्रोल पॉइंट” के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे थे, जहां योजनाएं तैयार होती थीं और सहयोगियों से मुलाकातें होती थीं।
सूत्रों के अनुसार, कमरे में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, लैपटॉप और कुछ रासायनिक पदार्थ भी मिले हैं, जिन्हें विस्फोटक बनाने में प्रयोग किया जा सकता था।
डायरी में दर्ज 25 नामों से एजेंसियों में मचा हड़कंप
Al Falah University Terror Module: समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों डायरियों में लगभग 25 लोगों के नाम दर्ज हैं, जिनमें अधिकांश जम्मू-कश्मीर, फरीदाबाद और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से हैं।
इनमें कुछ नाम ऐसे हैं जो पहले से निगरानी सूची में थे। जांचकर्ता यह भी पता लगा रहे हैं कि क्या इनमें से कोई व्यक्ति विदेशी आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ था।
दो और गाड़ियाँ थीं धमाकों की तैयारी में शामिल
जांच में यह भी सामने आया है कि संदिग्ध आतंकियों ने पहले से तैयार i20 और ईको स्पोर्ट गाड़ियों के अलावा दो और वाहनों को विस्फोटक हमले के लिए तैयार किया था। यह दोनों वाहन विभिन्न राज्यों में धमाका करने के लिए उपयोग किए जाने वाले थे।
एजेंसियों का मानना है कि ये आतंकी देशभर में “श्रृंखलाबद्ध धमाकों” की योजना बना रहे थे।
चार शहरों को बनाया गया था निशाना
प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह मॉड्यूल चार भारतीय शहरों को निशाना बनाना चाहता था। हर समूह को एक-एक शहर सौंपा गया था, जहां दो सदस्य जाकर आईईडी से धमाका करने की योजना में थे।
जांच अधिकारियों ने बताया कि इन शहरों के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, ताकि चल रही कार्रवाई प्रभावित न हो।
जांच एजेंसियों की चौकसी और आगे की कार्रवाई
वर्तमान में NIA और विशेष पुलिस दल फरीदाबाद, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में छापेमारी कर रहे हैं। एजेंसियां डायरी में उल्लिखित सभी नामों की गहन पड़ताल कर रही हैं।
डॉ. उमर और मुजम्मिल से पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियाँ सामने आई हैं। माना जा रहा है कि यह आतंकी नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किसी बड़े संगठन से जुड़ा हो सकता है।
देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चेतावनी
अल फलाह विश्वविद्यालय कांड ने यह साबित कर दिया है कि आतंकी अब शैक्षणिक संस्थानों की आड़ में अपनी गतिविधियाँ चला रहे हैं। यह न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए बल्कि समाज के लिए भी गंभीर चेतावनी है कि आतंक की जड़ें अब शिक्षा के बीच तक फैल चुकी हैं।