अमेरिका से निर्वासन के बाद एनआईए ने अनमोल बिश्नोई को किया गिरफ्तार
New Delhi, Nov 19 (IANS): राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को आतंक और संगठित अपराध से जुड़े नेटवर्क पर निर्णायक कार्रवाई करते हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई और सहायक अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से निर्वासन के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी न केवल भारत में चल रहे आतंक-सिंडिकेट की गतिविधियों पर गहरा प्रहार है, बल्कि उन आपराधिक नेटवर्क की जड़ें काटने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विदेशी जमीन का इस्तेमाल कर भारत में अपराध और आतंक को बढ़ावा देते रहे हैं।
अनमोल, जो वर्ष 2022 से फरार था, अमेरिकी धरती पर छिपकर बैठा था और वहीं से भारतीय अपराध जगत में लगातार सक्रिय बना हुआ था। यह गिरफ्तारी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े बहु-स्तरीय अपराध और आतंकवादी गतिविधियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने की प्रक्रिया का हिस्सा मानी जा रही है।
एनआईए की चार्जशीट में दर्ज गंभीर आरोप
एनआईए के अनुसार अनमोल बिश्नोई को मार्च 2023 में दायर चार्जशीट में नामजद किया गया था। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर से मिलकर प्रतिबंधित व्यक्ति और आतंक-संबंधी आरोपी गोल्डी बराड़ तथा अपने भाई लॉरेंस बिश्नोई को भारत में अपराध और आतंक फैलाने में सहयोग दिया। वर्ष 2020 से 2023 के बीच कई संगठित अपराध, हत्या की साजिश, धमकी और उगाही के मामलों में उसकी भूमिका साबित हुई।
अमेरिका से चलाता रहा गैंग, देता रहा संरक्षण और संसाधन
एनआईए की जांच में पता चला कि अनमोल ने विदेशी भूमि से बैठकर भारत में शूटर्स को पनाह, आर्थिक सहायता और आपराधिक गतिविधियों के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया। भारत में उसकी डायरेक्ट कमान के तहत गैंग के सदस्य लगातार हमलों, धमकी और उगाही की घटनाओं को अंजाम देते रहे। बताया जाता है कि वह विदेश से वीडियो कॉलिंग, सोशल प्लेटफॉर्म्स और एन्क्रिप्टेड टूल्स के जरिए अपने नेटवर्क को नियंत्रित करता था।
उगाही और आतंक की नेटवर्किंग का विदेशी रैकेट
एनआईए के अनुसार, अनमोल न केवल हथियार और शूटरों के लिए फंडिंग का स्रोत था, बल्कि वह भारत में कारोबारियों एवं मशहूर हस्तियों को धमकाकर उगाही भी करता रहा। विदेशी जमीन से चलने वाला यह संगठित अपराध नेटवर्क अब अंतरराष्ट्रीय निगरानी में आ चुका है, जिसके तार हथियार तस्करों और अपराधी गठबंधनों से जुड़े पाए गए हैं।
केंद्र सरकार की कड़ी निगरानी, आतंक-गैंगस्टर गठजोड़ पर प्रहार
एनआईए पहले से ही आरसी-39/2022/एनआईए/डीएलआई मामले की जांच कर रही है। यह मामला भारत के आतंक-गैंगस्टर-हथियार तस्करी नेटवर्क को खत्म करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा कई आपराधिक संगठनों की पहचान कर उन्हें आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित माना जा रहा है। इस कार्रवाई का मकसद उन आर्थिक और हथियारों से जुड़े रास्तों को तोड़ना है, जिनके जरिए भारत में अपराध को बढ़ावा मिलता रहा है।
उच्च-प्रोफ़ाइल मामलों में भी रहा शामिल, सलमान खान से लेकर सिद्धू मूसेवाला तक
अनमोल बिश्नोई पर अनेक गंभीर मामले दर्ज हैं। इनमें महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश भी शामिल है, जिनकी अक्टूबर 2023 में मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसी प्रकार, पिछले वर्ष बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के बांद्रा स्थित घर के बाहर फायरिंग मामले में भी उसकी संलिप्तता सामने आई थी। वहीं पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी उसकी भूमिका को बेहद अहम माना जाता रहा है।
भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव, आगे की जांच जारी
एनआईए की ताजा कार्रवाई भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इन कुख्यात अपराधियों और आतंक-समर्थित नेटवर्कों की जड़ें अक्सर सीमाओं के पार फैली होती हैं। अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी से अब कई महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है, जो इस नेटवर्क के वित्तीय स्रोतों, हथियार सप्लाई और राजनीतिक कनेक्शन को उजागर कर सकते हैं। इससे भारत को लंबे समय से परेशान कर रहे संगठित अपराध-आतंकवाद के गठजोड़ को समाप्त करने में सहायता मिलेगी।
यह समाचार IANS एजेंसी के इनपुट के आधार पर प्रकाशित किया गया है।