नई दिल्ली में सैन्य प्रमुख का सशक्त संदेश
नई दिल्ली: भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को पाकिस्तान और उसकी मिट्टी से संचालित आतंकवादी समूहों को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर केवल भारत की सामर्थ्य का पूर्वावलोकन था और देश भविष्य की हर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
यह चेतावनी उस समय आई है जब दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के समीप हाल ही में कार बम विस्फोट हुआ। जनरल द्विवेदी ने कहा कि आतंकवाद और उसके राज्य समर्थकों के खिलाफ भारत निर्णायक रूप से कार्रवाई करेगा।
आतंकवाद और उसकी राज्य-समर्थन वाली गतिविधियों पर दृष्टिकोण
चाणक्य रक्षा संवाद में संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा, “जब कोई देश राज्य-प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो यह भारत के लिए चिंता का विषय बन जाता है। भारत विकास की बात करता है। यदि कोई हमारी प्रगति में बाधा डालता है, तो हमें उसके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की नई नीति में आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते। “हम केवल शांति प्रक्रिया अपनाने की अपील कर रहे हैं। जब तक यह प्रक्रिया अपनाई नहीं जाती, हम आतंकवादियों और उनके समर्थकों को समान रूप से जवाब देंगे। भारत अब किसी भी प्रकार की धमकी या ब्लैकमेल से भयभीत नहीं है।”
भारत की सामरिक सतर्कता और सीमा सुरक्षा
सेना प्रमुख ने यह भी रेखांकित किया कि भारत केवल किसी हमले का प्रत्युत्तर देने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भविष्य में संभावित खतरों का पूर्वानुमान और तैयारी में अग्रणी रहेगा। उन्होंने कहा कि सीमाओं पर निगरानी और खुफिया तंत्र को और अधिक सशक्त किया जा रहा है। आधुनिक तकनीक, ड्रोन और उपग्रह निगरानी प्रणाली के माध्यम से भारत आतंकवादी गतिविधियों और अप्रत्याशित हमलों का समय पर पता लगाने में सक्षम होगा।
आतंकवादियों और उनके समर्थकों के लिए कड़ा संदेश
जनरल द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि आतंकवादियों को किसी भी प्रकार की राजनीतिक या आर्थिक सहमति नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य-प्रायोजित आतंकवाद को प्रोत्साहित करने वाले देशों को भारत कभी नजरअंदाज नहीं करेगा। “जो लोग आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, उन्हें जान लेना चाहिए कि भारत का सैन्य और रणनीतिक हाथ लंबे समय तक शांत नहीं रहेगा।”
राष्ट्रीय एकता और जनता का समर्थन
सेना प्रमुख ने यह भी जोर दिया कि देश की एकता और नागरिकों का समर्थन किसी भी संकट में सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता ने हमेशा संकट के समय देश और सेना का मनोबल बढ़ाया है। ऑपरेशन सिंदूर और भविष्य की किसी भी सैन्य पहल में जनता का सहयोग और विश्वास सेना की सफलता के लिए अनिवार्य है।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य और अंतरराष्ट्रीय संदेश
जनरल द्विवेदी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद और उसके प्रायोजकों के प्रति गंभीर है। उन्होंने कहा कि आधुनिक संघर्ष केवल दो देशों के बीच नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी चुनौतीपूर्ण है। भारत की स्थिति यह संदेश देती है कि वह न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करेगा, बल्कि आतंकवाद के वैश्विक नेटवर्क को भी कमजोर करने के लिए कड़ा रुख अपनाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर: केवल पूर्वावलोकन
जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में कहा, “ऑपरेशन सिंदूर केवल एक ट्रेलर था, जो 88 घंटे में समाप्त हुआ। हम भविष्य में किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं। यदि पाकिस्तान हमें मौका देगा, तो हम उसे सिखाएंगे कि पड़ोसी देश के प्रति जिम्मेदारी कैसे निभाई जाती है।”
BREAKING : Big statement by Army Chief. Army Chief Gen Upendra Dwivedi, speaking at the Chanakya Defence Dialogue on Ope Sindoor, says, “The movie hadn’t even begun, it was just a trailer. If Pakistan gives us an opportunity, we will teach them how a neighbour should behave.” pic.twitter.com/QIOwxdDQXI
— Baba Banaras™ (@RealBababanaras) November 17, 2025
आधुनिक युद्ध और बहु-क्षेत्रीय संघर्ष
सेना प्रमुख ने आधुनिक संघर्ष की जटिलताओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आज के युद्ध बहु-क्षेत्रीय हैं। हमें यह नहीं पता कि संघर्ष कितने समय तक चलेगा। इसलिए हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पास लंबी अवधि तक आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों।”
भारत-पाकिस्तान तनाव की पृष्ठभूमि
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अप्रैल 22 को जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमले के बाद बढ़ गया, जिसमें 26 लोग मारे गए। इसके तुरंत बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान और पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर में आतंकवादी अड्डों और एयरबेस को निशाना बनाया।
हालांकि तनाव केवल पाकिस्तान के सैन्य संचालन निदेशक के शांति वार्ता की पहल के बाद ही कम हुआ। लेकिन भारत ने यह स्पष्ट किया कि ऑपरेशन अभी केवल विराम पर है, समाप्त नहीं हुआ है, और किसी भी भविष्य के “आतंकवादी कृत्य” को “युद्ध की कार्रवाई” माना जाएगा।
भविष्य की तैयारी और रणनीति
जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आधुनिक संघर्ष में बहु-क्षेत्रीय और तकनीकी संयोजन आवश्यक है। भारत की सेना ने अब पर्याप्त तैयारी और रणनीति विकसित कर ली है, जो आतंकवादियों और उनके समर्थकों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है।
भारतीय सेना के प्रमुख का यह संदेश केवल पाकिस्तान और आतंकवादी समूहों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को यह दिखाता है कि भारत अपनी सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा में पीछे नहीं हटेगा। ऑपरेशन सिंदूर ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत हर प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम है।