दिल्ली में वायु प्रदूषण पर बढ़ा जनाक्रोश
Delhi Air Pollution Protest: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर होता जा रहा है। 9 नवंबर 2025 को जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 391 के खतरनाक स्तर पर पहुंचा, तो सैकड़ों लोग — जिनमें माता-पिता, बच्चे और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे — इंडिया गेट पर एकत्र हुए और “साफ हवा का अधिकार” मांगते हुए प्रदर्शन किया।
पुलिस ने बिना अनुमति के प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया
प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने दर्जनों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस का कहना था कि यह धरना बिना अनुमति आयोजित किया गया था और इससे कानून-व्यवस्था में बाधा उत्पन्न हो सकती थी। हिरासत में लिए गए लोगों को नरेला, बवाना और बाहरी दिल्ली के अन्य पुलिस थानों में ले जाया गया। हालांकि, शाम तक सभी को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के रिहा कर दिया गया।
The right to clean air is a basic human right.
The right to peaceful protest is guaranteed by our Constitution.
Why are citizens who have been peacefully demanding clean air being treated like criminals?
Air pollution is affecting crores of Indians, harming our children and… https://t.co/ViPZiO16lT
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 9, 2025
जनता की चिंता – “हम हवा में जहर सांस ले रहे हैं”
प्रदर्शन में शामिल कई नागरिकों ने कहा कि दिल्ली में सांस लेना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है। एक प्रदर्शनकारी अभिभावक ने कहा, “हमारे बच्चे स्कूल जाते हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है। सरकार को केवल घोषणाएं नहीं, ठोस कदम उठाने चाहिए।”
विपक्ष ने पुलिस कार्रवाई को बताया लोकतंत्र का हनन
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे नागरिकों के “जीवन और शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार” का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा, “जब दिल्लीवासी अपने बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आवाज उठा रहे हैं, तब सरकार उन्हें चुप करा रही है — यह असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है।”
Air Pollution ka protest hai and Didi talking about Adani, Ambani & RSS.
And Why Govt is making roads and railways in Bastar 🤡Not a single poster on why Punjab Govt not stopping stubble burning. pic.twitter.com/W9EJ7IA1nN
— Rishi Bagree (@rishibagree) November 10, 2025
आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शनकारियों के प्रति समर्थन जताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र से कई बार अनुरोध कर चुकी है कि पराली जलाने और औद्योगिक प्रदूषण पर कठोर कदम उठाए जाएं।
Delhi Air Pollution Protest: सरकार का जवाब – “कानून व्यवस्था और प्रयास दोनों जारी”
सरकार की ओर से कहा गया कि यह कदम केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया। अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू है और प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए निर्माण कार्यों, डीजल वाहनों और औद्योगिक इकाइयों पर सख्ती बढ़ाई गई है।
दिल्ली की हवा में क्या है ज़हर?
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली की हवा में पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर लगातार “गंभीर श्रेणी” में बने हुए हैं। पराली जलाने से उठने वाला धुआं, वाहनों का उत्सर्जन और निर्माण कार्यों की धूल मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर के पहले हफ्ते में दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता 350 से 450 के बीच दर्ज की गई — जो “गंभीर” स्तर है।
बच्चों और बुजुर्गों पर बढ़ रहा है असर
Delhi Air Pollution Protest: डॉक्टरों का कहना है कि इस प्रदूषण से बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारियां और बुजुर्गों में हृदय रोगों का खतरा बढ़ गया है। एम्स दिल्ली के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विकास शर्मा के अनुसार, “यह स्थिति स्वास्थ्य आपातकाल जैसी है। लंबे समय तक इस हवा में रहना शरीर के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।”
सोशल मीडिया पर #RightToCleanAir ट्रेंड
सोशल मीडिया पर इस विरोध का व्यापक असर देखा गया। ट्विटर (अब X) पर #RightToCleanAir और #DelhiPollutionCrisis जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। नागरिकों ने सरकार से मांग की कि बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए तुरंत ठोस कदम उठाए जाएं।
Delhi Air Pollution Protest: दिल्ली की हवा अब केवल आंकड़ों का मुद्दा नहीं, बल्कि नागरिकों के जीवन का प्रश्न बन चुकी है। इंडिया गेट पर हुए इस विरोध ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लोग अब सिर्फ सांस नहीं लेना चाहते — वे “साफ सांस” लेना चाहते हैं। सरकार और समाज दोनों के लिए यह समय है कि वायु प्रदूषण को लेकर घोषणाओं से आगे बढ़कर ठोस कार्रवाई की जाए।