AQI में बढ़ोतरी और मंत्री की चेतावनी
दिल्ली के पर्यावरण और जल संसाधन मंत्री अशिष सूद ने मंगलवार को कहा कि दिल्लीवासियों को सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए था और केवल रात 10 बजे तक ही पटाखे जलाने चाहिए थे।
दिल्ली में दोपहर 1 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 357 (बहुत खराब) तक पहुंच गया। मंत्री सूद ने स्पष्ट किया कि केवल पटाखे ही दिल्ली की विषैली हवा के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश और उल्लंघन
इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने ‘ग्रीन’ पटाखों की अनुमति दी थी। कोर्ट ने जिला प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिया था कि पटाखों को केवल दो समय स्लॉट में ही जलाया जाए — सुबह 6 बजे से 7 बजे तक और शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक।
हालांकि, इस निर्देश का व्यापक उल्लंघन हुआ और एनसीआर के कई हिस्सों से उल्लंघनों की रिपोर्टें आईं। दिल्ली पुलिस ने अब तक यह नहीं बताया कि कितने चालान जारी किए गए।
वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण
मंत्री अशिष सूद ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण केवल पटाखों के कारण नहीं है। ठंडी हवाओं, स्थिर मौसम और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने जैसी गतिविधियों के कारण प्रदूषण बढ़ता है।
विशेष रूप से, दिवाली के समय ‘ग्रीन’ पटाखों की अनुमति, तापमान में गिरावट और परंपरागत पटाखों का इस्तेमाल प्रदूषण को और बढ़ा देता है। वाहन, सड़क और निर्माण धूल के स्थानीय उत्सर्जन के साथ पटाखों और पराली जलाने के धुएँ का मिश्रण एनसीआर में ठहरा हुआ प्रदूषण बनाता है।
मंत्री की अपील
अशिष सूद ने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करें, त्यौहार मनाएं, दिल्ली के हरित क्षेत्र और स्वच्छता को बढ़ावा दें, ताकि भविष्य में इस प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।