दिल्ली कार धमाका मामले में हाल ही में एनआईए ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले से इलेक्ट्रिशियन तुफैल अहमद को हिरासत में लिया गया है। तुफैल पर जैश-ए-मोहम्मद आतंकी मॉड्यूल से जुड़े होने का संदेह है। इस गिरफ्तारी से दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच में नया मोड़ आया है।
दिल्ली धमाका और जांच का विस्तार
दिल्ली में लाल किले के पास हुआ कार धमाका देशभर में सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा गया। इस हमले में 15 लोग मारे गए और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। एनआईए ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में एक साथ छापेमारी की।
जांच के दौरान यह पाया गया कि तुफैल अहमद का आतंकी मॉड्यूल में सीधा योगदान रहा है। एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि तुफैल को औद्योगिक क्षेत्र से हिरासत में लिया गया और अब उससे पूछताछ की जा रही है।
आतंकी मॉड्यूल में भूमिका
तुफैल अहमद पर आरोप है कि उसने धमाके की योजना में सक्रिय भूमिका निभाई। यह मामला पहले से ही राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ था, क्योंकि इससे पहले एनआईए ने तीन डॉक्टरों और एक धार्मिक उपदेशक को गिरफ्तार किया था।
जांच अधिकारियों ने बताया कि तुफैल अहमद ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए आवश्यक उपकरण और संसाधन मुहैया कराए। इससे पहले गिरफ्तार किए गए अन्य संदिग्धों में मुजम्मिल गनई, अदील राथर और शाहीना सईद शामिल हैं।
एनआईए की ताज़ा कार्रवाई
एनआईए ने जम्मू-कश्मीर से तुफैल अहमद की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा जांच को और तीव्र कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि तुफैल अहमद ने धमाके की योजना में न केवल सहायता प्रदान की, बल्कि अन्य संदिग्धों को भी हमले में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि आतंकी मॉड्यूल की रणनीति दिल्ली में बड़े पैमाने पर हमले की थी।
आतंकी मॉड्यूल की गहन जांच
जांच एजेंसियां अब तुफैल अहमद की गिरफ्तारी के बाद आतंकी मॉड्यूल के सभी लिंक की समीक्षा कर रही हैं। शुरुआती पूछताछ में पता चला कि तुफैल अहमद ने जैश-ए-मोहम्मद के अन्य सक्रिय सदस्यों के संपर्क बनाए थे। एनआईए अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई से दिल्ली धमाके के पीछे की पूरी साजिश उजागर होने की संभावना है।
सुरक्षा उपाय और भविष्य की तैयारियाँ
दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने धमाके के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी है। विशेष रूप से लाल किले और आसपास के क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने कहा कि आने वाले समय में ऐसे हमलों को रोकने के लिए विशेष निगरानी और गुप्त कार्रवाई जारी रहेगी।
गिरफ्तारी से खुली नई जानकारी
तुफैल अहमद की गिरफ्तारी से कई नए तथ्य सामने आए हैं। पता चला कि वह विस्फोटक और हमले की तकनीकी जानकारी अन्य संदिग्धों तक पहुँचाने में सक्रिय था। इससे यह साफ है कि दिल्ली धमाके जैसी घटनाओं में कई व्यक्ति और संसाधन जुड़े हुए थे, और अब एनआईए उन्हें चिन्हित करने की प्रक्रिया में है।
जैश-ए-मोहम्मद का संदर्भ
तुफैल अहमद जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय सदस्य के रूप में सक्रिय था। एनआईए के अनुसार, वह हमले के लिए आवश्यक सहायता और प्रशिक्षण मुहैया करा रहा था। इससे पहले गिरफ्तार अन्य संदिग्धों ने भी इसके साथ सहयोग किया था।
आतंकवाद रोधी कार्रवाई की प्रक्रिया
एनआईए ने अपनी जांच प्रक्रिया के तहत तुफैल अहमद को श्रीनगर में हिरासत में लिया। अदालत ने जिला सत्र न्यायाधीश की पेशी आदेश के बाद हिरासत की अनुमति दी। प्रवक्ता के अनुसार, सभी गिरफ्तार आरोपितों ने धमाके में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
गिरफ्तारी के विवरण
तुफैल अहमद की गिरफ्तारी के साथ ही केंद्रीय एजेंसी द्वारा आरोपित लोगों की संख्या छह हो गई है। इस मामले की जांच 11 नवंबर को एनआईए के हाथ में आई। इसके पहले आमिर राशिद अली और जसीर बिलाल वानी को गिरफ्तार किया गया था।
धमाके के पीछे की साजिश
जांच अधिकारियों ने बताया कि डॉ. उमर-उन-नबी ने विस्फोटक से भरी कार चलाकर हमले की योजना बनाई थी। इस कार को अली के नाम पर खरीदा गया। वानी को तब गिरफ्तार किया गया जब यह पता चला कि उमर उसे आत्मघाती हमलावर बनने के लिए उकसाने की कोशिश कर रहा था।
आतंकी योजना में विफलता और पीछे हटना
अदील राथर की पूछताछ में पता चला कि उमर कट्टरपंथी था और उसके अभियानों के लिए आत्मघाती हमलावर की जरूरत थी। वानी ने आर्थिक तंगी और धार्मिक आस्थाओं के कारण आत्मघाती हमलावर बनने से इंकार किया।
विस्फोटक बरामदगी और सुरक्षा पर असर
जांच के दौरान फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया गया। यह बरामदगी दिल्ली और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चेतावनी थी।
दिल्ली कार धमाका मामले में तुफैल अहमद की गिरफ्तारी जांच को नई दिशा देगी। एनआईए अब मामले के सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है। यह कार्रवाई देश की सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता और आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ निर्णायक कदम के रूप में देखी जा रही है।