NIA की जांच में खुला अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क
नई दिल्ली। लाल किले के पास हुए भयानक धमाके ने दिल्ली को एक बार फिर दहला दिया है। लेकिन अब इस घटना का दायरा सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहा। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की गहन पड़ताल में सामने आया है कि यह हमला एक सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश का हिस्सा था, जिसका संचालन तुर्किये से किया जा रहा था।
इस साजिश का मास्टरमाइंड डॉक्टर उमर मोहम्मद बताया जा रहा है, जो ‘डॉ. उमर उन नबी’ के नाम से भी जाना जाता है। वह तुर्किये में स्थित आतंकी हैंडलर ‘उकासा’ के संपर्क में था।
‘स्पेक्टैक्युलरस्ट्राइक’ का हिस्सा था दिल्ली धमाका
NIA की शुरुआती रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह ब्लास्ट “स्पेक्टैक्युलरस्ट्राइक” योजना का हिस्सा था — यानी एक साथ कई शहरों में धमाकों को अंजाम देने की योजना। इस योजना के तहत दिसंबर 6 और गणतंत्र दिवस 2026 पर दिल्ली और अयोध्या में धमाके करने की तैयारी थी।
डॉ. उमर के साथ काम करने वाले डॉक्टरों के समूह ने कथित रूप से 26 लाख रुपये जुटाए और विस्फोटक सामग्री की खरीदारी की।
16 घंटे की रहस्यमयी यात्रा और मौत की ड्राइव
CCTV फुटेज में सामने आया है कि धमाके के दिन डॉ. उमर ने मेवात से दिल्ली तक का सफर किया। रास्ते में उसने एक ढाबे पर रात बिताई और अगले दिन सुबह लाल किले की ओर गया। शाम 7 बजे के करीब लाल बत्ती पर जैसे ही उसकी i20 कार रुकी, तभी तेज धमाके से गाड़ी आग का गोला बन गई। इस हादसे में 10 लोगों की मौत हुई, जिनमें उमर खुद भी शामिल था।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की भूमिका पर जांच
फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी NIA के निशाने पर है। यहां से गिरफ्तार किए गए डॉक्टरों में डॉ. शाहीना शाहिद अंसारी, डॉ. अदील अहमद राठर, डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. उमर नबी शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि यूनिवर्सिटी का प्रयोग आतंकी प्रशिक्षण और फंड ट्रांसफर के लिए किया जा रहा था।
डॉ. शाहीना के पास से धार्मिक साहित्य और तस्बीह मिली है। पूछताछ में उसने कबूल किया कि “उनका असली काम शाम 4 बजे के बाद शुरू होता था।”
जम्मू-कश्मीर से लेकर अफगानिस्तान तक पहुंची जांच
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने काजीगुंड के डॉक्टर मुजफ्फर के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की है। वह इस आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, वह 2021 में तुर्किये गया था और अब अफगानिस्तान में छिपा माना जा रहा है।
पंजाब पुलिस की बड़ी कार्रवाई
उधर, पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो पंजाब में ग्रेनेड हमले की साजिश रच रहा था। दस आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह नेटवर्क दिल्ली ब्लास्ट से भी जुड़ा बताया जा रहा है।
कानपुर और सहारनपुर से मिले अहम सुराग
दिल्ली धमाके की जांच अब यूपी तक पहुंच गई है। कानपुर के डॉ. आरिफ मीर और सहारनपुर के डॉ. आदिल अहमद को हिरासत में लिया गया है। सहारनपुर में आदिल के घर से श्रीनगर-दिल्ली की फ्लाइट टिकट बरामद की गई है, जो 31 अक्टूबर की थी। यह इस बात का संकेत है कि वह धमाके से पहले दिल्ली आया था।
पारिवारिक खुलासे और नई परतें
गिरफ्तार डॉक्टर डॉ. शाहीन के पूर्व पति ने बताया कि तलाक के बाद उनका कोई संपर्क नहीं रहा। उन्होंने कहा कि शाहीन अक्सर विदेश जाने की बात करती थी और बाद में रहस्यमय तरीके से लापता हो गई।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ी
लाल किले के पास हुए धमाके के बाद दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय पूरी तरह अलर्ट हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और गृह मंत्री आशीष सूद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सुरक्षा समीक्षा की है।
NIA अब फॉरेंसिक रिपोर्ट और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर पूरे मॉड्यूल का नक्शा तैयार कर रही है।
दिल्ली धमाके ने यह साफ कर दिया है कि भारत की धरती पर आतंकी संगठन अभी भी सक्रिय हैं और उनका जाल अब शैक्षणिक संस्थानों तक फैल चुका है। यह जांच केवल एक धमाके की नहीं, बल्कि उस सोच की पड़ताल है जो युवाओं को हिंसा की राह पर धकेल रही है।