दिल्ली में सुरक्षा हुई सतर्क, स्कूलों और कोर्टों को बम धमकी
मंगलवार को दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को झकझोरने वाली एक घटना सामने आई जब शहर के दो प्रमुख स्कूलों और तीन जिला कोर्टों को बम की धमकी वाले ईमेल प्राप्त हुए। इस तुरंत की सूचना के बाद पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की और सभी संवेदनशील परिसरों को तुरंत खाली करवा दिया। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों, अग्निशमन विभाग की टीमों और बम निरोधक दलों ने तुरंत मौकों पर पहुंचकर व्यापक जांच-पड़ताल की। हालांकि आरंभिक जांच में किसी भी स्थान पर कोई संदिग्ध सामग्री नहीं मिली, लेकिन यह घटना दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर गई है। पिछले कुछ समय में दिल्ली में ऐसी धमकियाँ मिलती रही हैं, लेकिन इस बार की घटना इसलिए अधिक गंभीर है क्योंकि यह सीधे कानून व्यवस्था और शिक्षा के महत्वपूर्ण संस्थानों को निशाना बनाती है।
धमकी वाले ईमेल और तुरंत खाली किए गए परिसर
दिल्ली के द्वारका क्षेत्र में स्थित सीआरपीएफ स्कूल और प्रशांत विहार के पास के दूसरे स्कूल को सुबह करीब नौ बजे बम की धमकी वाले ईमेल प्राप्त हुए। प्रशांत विहार का यह स्कूल पिछले साल एक बड़ी बम विस्फोट की घटना के पास स्थित है, जिस कारण इसे लेकर अलग ही चिंता थी। इसके अलावा, दिल्ली की तीन प्रमुख अदालतें – सकेत कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट और रोहिणी कोर्ट – को भी समान धमकी वाले संदेश प्राप्त हुए। धमकी की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन ने तुरंत सभी परिसरों को खाली करवाने का आदेश दिया। छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला गया और सभी को निर्धारित स्थानों पर इकट्ठा किया गया। सकेत बार एसोसिएशन के सचिव अनिल बसोया ने एक आधिकारिक घोषणा की जिसमें कहा गया कि अदालत का काम अगले दो घंटे के लिए स्थगित किया जा रहा है और सुरक्षा जांच के बाद दोपहर के बाद प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी।
पुलिस की तुरंत कार्रवाई और जांच-पड़ताल
धमकी वाले ईमेल की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम तुरंत सभी निर्दिष्ट स्थानों पर पहुंच गई। अग्निशमन विभाग की टीमें और बम निरोधक दल भी समानांतर रूप से अपना काम करने लगे। विशेषज्ञों की मानव रहित उपकरणों और विस्फोटक खोज उपकरणों की सहायता से व्यापक जांच की गई। दोनों स्कूलों में गहन तलाशी की गई, प्रत्येक कक्षा, प्रशासनिक भवन और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की जांच की गई। इसी तरह तीनों अदालतों में भी बम निरोधक दलों ने विस्तृत सर्चिंग ऑपरेशन किया। सभी संभावित स्थानों पर विशेष ध्यान दिया गया जहाँ विस्फोटक सामग्री छिपी हो सकती थी। हालांकि, सभी स्थानों पर कोई भी संदिग्ध वस्तु या सामग्री नहीं मिली। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि आरंभिक जांच में यह धमकी एक झूठी सूचना साबित हुई है, लेकिन फिर भी सभी मामलों की गहराई से जांच जारी है।
ईमेल के स्रोत का पता लगाने का प्रयास
पुलिस विभाग अब ईमेलों के स्रोत और भेजने वाले को ट्रैक करने में लगा है। साइबर विशेषज्ञों की एक टीम ईमेलों का विश्लेषण कर रही है ताकि यह पता चले कि ये धमकी पत्र कहाँ से भेजे गए हैं। आईपी एड्रेस, ईमेल सर्वर डेटा और अन्य डिजिटल साक्ष्य को ट्रैक किया जा रहा है। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम विंग तकनीकी जांच में लगी है। इसके अलावा, होमलैंड सिक्योरिटी से संबंधित अधिकारी भी इस मामले पर नजर रखे हुए हैं। पुलिस को संदेह है कि यह धमकी आतंकवाद के संदर्भ में हो सकती है या फिर किसी की ओर से झूठी सूचना दी गई हो। जांच अभी जारी है और सभी संभावित कोणों की छानबीन की जा रही है।
सुरक्षा में आई वृद्धि और सतर्कता के निर्देश
इस घटना के बाद दिल्ली की समस्त जिला अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था को काफी हद तक कठोर किया गया है। सभी अदालतों के द्वारों पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की विस्तृत जांच की जा रही है। अदालत परिसर में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या सामग्री की अनुमति नहीं दी जा रही है। सभी स्कूलों को भी सुरक्षा के बारे में सतर्क किया गया है। दिल्ली पुलिस ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। हर स्कूल को अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने के लिए कहा गया है। बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर कड़ी पाबंदी लगाई गई है। सभी संस्थानों को तुरंत संदिग्ध ईमेल या फोन कॉल की जानकारी पुलिस को देने के निर्देश दिए गए हैं।
हाल की घटनाओं के संदर्भ में यह धमकी अधिक गंभीर
यह धमकी ऐसे समय में आई है जब दिल्ली को कुछ दिनों पहले एक बड़ी आतंकवादी घटना का सामना करना पड़ा था। पिछली घटना में एक हुंडई आई20 कार में विस्फोट हुआ था जिसमें कम से कम 13 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। इस विस्फोट में फरीदाबाद आतंक मॉड्यूल के एक प्रमुख सदस्य डॉ उमर मुहम्मद भी मारे गए थे, जो स्वयं कार चला रहे थे। इस घटना के बाद पूरी दिल्ली में सुरक्षा के स्तर को बढ़ा दिया गया था। ऐसे में यह नई धमकी एक नई चिंता का विषय बन गई है। पुलिस को यह भय है कि कहीं यह धमकी पिछली आतंकवादी घटना से जुड़ी तो नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी धमकियाँ अक्सर आतंकवादी तत्वों द्वारा भेजी जाती हैं ताकि सुरक्षा बलों को गुमराह किया जा सके या फिर किसी और जगह का ध्यान हटाया जा सके।
बड़े पैमाने पर स्कूलों को मिली थीं पहले भी धमकियाँ
यह घटना अलग-थलग नहीं है। पिछले कुछ समय में दिल्ली के कई स्कूलों को समान बम धमकी वाले ईमेल प्राप्त हुए हैं। हर बार पुलिस तुरंत सक्रिय हुई है और सभी मामलों में यह धमकियाँ झूठी साबित हुई हैं। लेकिन इस क्रम को जारी रहना एक बड़ी समस्या है क्योंकि इससे शिक्षा व्यवस्था में बाधा आती है। स्कूलों में घबराहट फैलती है। माता-पिता की चिंता बढ़ती है। समाज में एक भय का माहौल बनता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस ने सार्वजनिक को सतर्क रहने की अपील की है। जनता को कहा गया है कि किसी भी संदिग्ध ईमेल या फोन कॉल की तुरंत सूचना पुलिस को दें। साथ ही, अफवाहों पर ध्यान न देकर पुलिस की आधिकारिक घोषणाओं को ही माना जाए।
भविष्य की सुरक्षा रणनीति और सावधानियाँ
इन घटनाओं के बाद दिल्ली प्रशासन ने एक व्यापक सुरक्षा रणनीति तैयार करने का निर्णय लिया है। सभी शैक्षणिक संस्थानों, कानूनी परिसरों और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा। साइबर सिक्योरिटी टीमों को आतंकवादी गतिविधियों पर अधिक ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल और कॉलेजों को एक समन्वित सुरक्षा प्रणाली के तहत काम करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी दें। सुरक्षा विभाग ने कहा है कि ऐसी धमकियों को हल्के में नहीं लिया जा सकता, भले ही वे झूठी हों। प्रत्येक धमकी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। दिल्ली प्रशासन का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और शहर के निवासियों को पूर्ण सुरक्षा मिले।