AQI में भारी वृद्धि और शहर पर प्रदूषण की चादर
दिवाली की रात दिल्ली में पटाखों के चलते वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट दर्ज की गई। सुबह होते ही शहर धुएँ और प्रदूषण की मोटी चादर से घिर गया। सुबह 5:30 बजे AQI 346 पर पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
सुप्रीम कोर्ट की ‘ग्रीन पटाखों’ छूट के बावजूद प्रदूषण
सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष ‘ग्रीन’ पटाखों की अनुमति दी थी, लेकिन इसके बावजूद शहर में प्रदूषण स्तर बढ़ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, 38 में से 34 निगरानी स्टेशनों ने AQI को ‘रेड ज़ोन’ में दर्ज किया।
विशेष रूप से, वजीरपुर, द्वारका और अशोक विहार में AQI स्तर 400 से अधिक दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
PM2.5 और PM10 का स्तर सुरक्षित सीमा से कई गुना ऊपर
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के वास्तविक समय डेटा से पता चला कि कई स्टेशनों पर PM2.5 और PM10 का स्तर सुरक्षित सीमा से 15–18 गुना अधिक था।
शहरवासियों ने सोशल मीडिया पर दिल्ली को ‘गैस चेंबर’ बताया और गले में जलन, आंखों में जलन जैसी शिकायतें साझा कीं।
सख्त उपाय और प्रतिक्रिया
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज II को लागू किया ताकि बिगड़ती वायु गुणवत्ता से निपटा जा सके।
नागरिक और पर्यावरणविद सख्त पटाखा नियमों के पालन की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में वायु प्रदूषण और बढ़ने से रोका जा सके।
आपातकालीन सेवाओं की व्यस्तता
दिल्ली फायर सर्विस को दिवाली रात 7 बजे से अगले दिन सुबह 7 बजे तक 280 फायर संबंधित कॉल प्राप्त हुए। पटाखों के जश्न ने शहर की हवा को जहरीली धुंध में बदल दिया और दृश्यता लगभग शून्य तक कम हो गई।
सुबह धुंध और स्मॉग से जगी दिल्ली
21 अक्टूबर की सुबह, दिल्ली धुंध और स्मॉग की मोटी चादर में जागी। सुबह 8 बजे AQI 352 रिकॉर्ड किया गया। शहरवासियों ने अनुभव किया कि दिवाली का उत्सव किस तरह वायु प्रदूषण को चरम पर ले गया।