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दिल्ली हाई कोर्ट ने मीठे ORSL ड्रिंक्स पर FSSAI के प्रतिबंध पर लगाई रोक, कंपनी को मिली अंतरिम राहत

FSSAI Ban Sugary ORSL Drinks: दिल्ली हाई कोर्ट ने मीठे ORSL ड्रिंक्स पर लगे प्रतिबंध पर लगाई रोक, कंपनी को मिली अंतरिम राहत
FSSAI Ban Sugary ORSL Drinks: दिल्ली हाई कोर्ट ने मीठे ORSL ड्रिंक्स पर लगे प्रतिबंध पर लगाई रोक, कंपनी को मिली अंतरिम राहत (File Photo)
अक्टूबर 24, 2025

FSSAI के प्रतिबंध पर दिल्ली हाई कोर्ट की रोक

दिल्ली हाई कोर्ट ने FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) द्वारा मीठे ORSL ड्रिंक्स पर लगाए गए प्रतिबंध पर अंतरिम रोक लगा दी है।
कोर्ट का यह फैसला उपभोक्ता स्वास्थ्य और औद्योगिक हितों के बीच संतुलन बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

यह मामला उस समय चर्चा में आया जब FSSAI ने 14 अक्टूबर 2025 को ‘ORS’ लेबल का प्रयोग मीठे पेयों पर प्रतिबंधित कर दिया था।
यह निर्णय बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सिवरांजनी संतोष की आठ वर्ष लंबी मुहिम के बाद लिया गया था, जिन्होंने इन उत्पादों में अत्यधिक शर्करा की मात्रा पर सवाल उठाया था।


मामला क्या है?

डॉ. सिवरांजनी संतोष ने शिकायत की थी कि बाजार में बिकने वाले कई पेय पदार्थ, जो ‘ORS’ (Oral Rehydration Solution) नाम से बेचे जा रहे हैं, उनमें WHO मानकों से 10 गुना अधिक शक्कर पाई जाती है।
WHO के अनुसार, बच्चों में डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) के उपचार हेतु उपयोग किए जाने वाले ORS में सीमित मात्रा में ग्लूकोज होना चाहिए।

इन मीठे उत्पादों को “स्वास्थ्यवर्धक” बताकर बेचा जा रहा था, जिससे माता-पिता भ्रमित हो रहे थे और बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता था।


कोर्ट ने दी अंतरिम राहत

17 अक्टूबर 2025 को दिल्ली हाई कोर्ट ने JNTL Consumer Health कंपनी को राहत देते हुए आदेश दिया कि वह अपने ₹180 करोड़ मूल्य के ORS-labelled ड्रिंक्स का अस्थायी रूप से स्टॉक बेच सकती है, जब तक कि मामले की आगे की सुनवाई न हो जाए।

कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यह निर्णय अंतरिम राहत है, और मामले की सुनवाई के दौरान यह देखा जाएगा कि FSSAI का प्रतिबंध उचित है या नहीं।


FSSAI का पक्ष

FSSAI ने अदालत को बताया कि उसका उद्देश्य किसी कंपनी के व्यापारिक हितों को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना है।
प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने किसी भी कंपनी को मीठे पेयों की बिक्री के लिए व्यापक अनुमति नहीं दी है।

FSSAI के प्रवक्ता ने कहा,
“हमारा निर्णय वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है। मीठे पेयों को ORS के नाम पर बेचना उपभोक्ताओं को भ्रमित करता है और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।”


उद्योग जगत की प्रतिक्रिया

फूड और बेवरेज उद्योग ने कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही FSSAI से स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है।
उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी ब्रांड को वैज्ञानिक प्रमाणों के बिना “चिकित्सीय ORS” के रूप में बाजार में उतारा जा रहा है, तो उस पर कठोर कार्रवाई जरूरी है, लेकिन वैध उत्पादों को भी एक समान प्रतिबंध से नुकसान नहीं होना चाहिए।


उपभोक्ताओं में बनी भ्रम की स्थिति

इस पूरे विवाद ने उपभोक्ताओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है।
कई लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि बाजार में बिकने वाला ORSL असली चिकित्सा-मान्य ORS है या केवल एक मीठा एनर्जी ड्रिंक।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस भ्रम का फायदा कई कंपनियां उठा रही हैं, जिससे जनस्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।


स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

विशेषज्ञों का मानना है कि मीठे पेयों का अधिक सेवन बच्चों में मोटापा, मधुमेह और दांतों की समस्याएँ बढ़ा सकता है।
डॉ. सिवरांजनी ने कहा कि “FSSAI का कदम बच्चों के हित में उठाया गया था। उम्मीद है कि अदालत अंतिम निर्णय में सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देगी।”


आगे क्या होगा?

अब अदालत इस मामले की अगली सुनवाई में यह तय करेगी कि क्या मीठे ORSL ड्रिंक्स पर FSSAI का प्रतिबंध पूरी तरह लागू रहेगा या इसे संशोधित किया जाएगा।
वहीं, FSSAI ने कहा है कि वह अदालत के निर्णय का सम्मान करेगा, लेकिन जनस्वास्थ्य के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

दिल्ली हाई कोर्ट का यह फैसला फिलहाल व्यापारिक राहत और सार्वजनिक स्वास्थ्य के बीच एक अस्थायी संतुलन के रूप में देखा जा रहा है।
जहां एक ओर कंपनियों को अस्थायी रूप से राहत मिली है, वहीं FSSAI ने स्पष्ट किया है कि उसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से मान्य उत्पाद उपलब्ध कराना है।
आगामी सुनवाई इस विवाद का भविष्य तय करेगी और संभवतः भारत में स्वास्थ्य संबंधी पेय उत्पादों के मानकों पर नई बहस की शुरुआत भी करेगी।


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Aryan Ambastha

Writer & Thinker | Finance & Emerging Tech Enthusiast | Politics & News Analyst | Content Creator. Nalanda University Graduate with a passion for exploring the intersections of technology, finance, Politics and society. | Email: aryan.ambastha@rashtrabharat.com

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