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Delhi Missing People News: दिल्ली में लापता लोगों में 61 प्रतिशत महिलाएं, पुलिस आंकड़ों में फिर उजागर हुआ लैंगिक असंतुलन

Delhi Missing Persons News: दिल्ली में 61 प्रतिशत लापता महिलाएं, पुलिस रिपोर्ट ने फिर दिखाया लैंगिक असंतुलन
Delhi Missing Persons News: दिल्ली में 61 प्रतिशत लापता महिलाएं, पुलिस रिपोर्ट ने फिर दिखाया लैंगिक असंतुलन
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दिल्ली में लापता लोगों में महिलाएं 61 प्रतिशत, दिल्ली पुलिस के आंकड़ों ने खोली चिंता की नई परत

राजधानी दिल्ली में महिलाओं और किशोरियों के लापता होने के मामलों में कोई कमी नहीं आ रही है। दिल्ली पुलिस के ताजा आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2025 में अब तक दर्ज कुल लापता मामलों में 61 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। ये आंकड़े न केवल सामाजिक सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं, बल्कि राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा स्थिति की गंभीर तस्वीर भी पेश करते हैं।


आंकड़ों की तस्वीर: हर 10 लापता में 6 महिलाएं

दिल्ली पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 15 अक्टूबर 2025 तक कुल 19,682 लोग लापता हुए। इनमें से 11,917 महिलाएं (61 प्रतिशत) और 7,765 पुरुष (39 प्रतिशत) हैं। इनमें से 10,780 लोगों को ट्रेस किया गया है, जिनमें 6,541 महिलाएं और 4,239 पुरुष हैं।

लापता लोगों में 25 प्रतिशत यानी 4,854 बच्चे हैं, जबकि 75 प्रतिशत यानी 14,828 वयस्क हैं।


बच्चों में भी बेटियां सबसे ज्यादा लापता

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, बच्चों में लड़कियां सबसे अधिक प्रभावित वर्ग हैं। कुल लापता 4,854 बच्चों में से 72 प्रतिशत (3,509) लड़कियां और 28 प्रतिशत (1,345) लड़के हैं। वहीं वयस्कों में 57 प्रतिशत (8,408) महिलाएं और 43 प्रतिशत (6,420) पुरुष लापता हुए।

इस आंकड़े से स्पष्ट है कि नाबालिग और युवा लड़कियां दोनों ही समूह सबसे ज्यादा जोखिम में हैं।


उम्रवार विश्लेषण: किशोरियां सबसे ज्यादा असुरक्षित

दिल्ली पुलिस के अनुसार, 0 से 8 वर्ष आयु वर्ग के 304 बच्चों में 41 प्रतिशत (124) लड़कियां और 59 प्रतिशत (180) लड़के लापता हुए। इनमें से 60 प्रतिशत लड़कियां और 51 प्रतिशत लड़के बरामद कर लिए गए।

8 से 12 वर्ष के आयु वर्ग में कुल 383 बच्चे लापता हुए, जिनमें 33 प्रतिशत (127) लड़कियां और 67 प्रतिशत (256) लड़के शामिल थे। इस समूह में 72 प्रतिशत लड़कियां और 76 प्रतिशत लड़के ट्रेस कर लिए गए।

सबसे चिंताजनक स्थिति 12 से 18 वर्ष के किशोरों की रही। इस वर्ग में कुल 4,167 बच्चे लापता हुए, जिनमें 78 प्रतिशत (3,258) लड़कियां और 22 प्रतिशत (909) लड़के थे। पुलिस ने इनमें से 68 प्रतिशत लड़कियों और 72 प्रतिशत लड़कों को बरामद किया।

इससे स्पष्ट है कि किशोर आयु वर्ग, विशेषकर किशोरियां, सबसे अधिक संवेदनशील हैं।


पिछले वर्षों की तुलना: लैंगिक असंतुलन में कोई सुधार नहीं

यह प्रवृत्ति नई नहीं है। वर्ष 2024 में भी दिल्ली में कुल 24,893 लोग लापता हुए थे, जिनमें 59 प्रतिशत महिलाएं और लड़कियां थीं। 2023 और 2022 में यह आंकड़ा 58 प्रतिशत पर स्थिर रहा।

एक दशक (2015–2025) के विश्लेषण में पाया गया कि पिछले दस वर्षों में कुल 2.51 लाख लोग दिल्ली में लापता हुए, जिनमें 56 प्रतिशत (1,42,037) महिलाएं और 44 प्रतिशत (1,09,737) पुरुष थे।

यह लगातार लैंगिक असंतुलन दिखाता है — एक ऐसी सामाजिक वास्तविकता जो समय के साथ बदली नहीं, बल्कि और गहरी होती जा रही है।


विशेषज्ञों की चिंता: सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण भी जिम्मेदार

सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिला अधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं और किशोरियों के लापता होने के पीछे कई स्तरों पर कारण मौजूद हैं — घरेलू हिंसा, मानव तस्करी, रोजगार का झांसा, प्रेम प्रसंगों में फंसना और पारिवारिक दबाव जैसी स्थितियाँ मुख्य कारण मानी जाती हैं।

इसके अलावा, किशोरियों में सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग और गलत संगत में पड़ने जैसी प्रवृत्तियाँ भी जोखिम बढ़ा रही हैं।


पुलिस की चुनौती: हर मामले को जल्द ट्रेस करना लक्ष्य

दिल्ली पुलिस का कहना है कि लापता व्यक्तियों को ट्रेस करने के लिए आधुनिक तकनीक, सीसीटीवी नेटवर्क और साइबर मॉनिटरिंग का उपयोग किया जा रहा है। 2025 में अब तक 55 प्रतिशत मामलों का समाधान किया जा चुका है।

पुलिस का यह भी दावा है कि संवेदनशील आयु वर्ग, विशेषकर किशोरियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।


निष्कर्ष: आंकड़ों से झांकती असुरक्षा की हकीकत

दिल्ली जैसे महानगर में महिलाओं और किशोरियों का लगातार लापता होना समाज के लिए चेतावनी है। यह न केवल कानून व्यवस्था की चुनौती है, बल्कि सामाजिक जागरूकता और परिवारिक सुरक्षा व्यवस्था के प्रति गंभीर सवाल भी उठाता है।

राजधानी के ये आंकड़े बताते हैं कि जब तक लैंगिक संवेदनशीलता, महिला सुरक्षा और सामाजिक समर्थन प्रणाली एक साथ नहीं सुदृढ़ किए जाते, तब तक यह “मिसिंग” का ग्राफ थमने वाला नहीं।


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Aryan Ambastha

राष्ट्रभारत डॉट कॉम में लेखक एवं विचारक | वित्त और उभरती तकनीकों में गहरी रुचि | राजनीति एवं समसामयिक मुद्दों के विश्लेषक | कंटेंट क्रिएटर | नालंदा विश्वविद्यालय से स्नातक।

प्रौद्योगिकी, वित्त, राजनीति और समाज के आपसी संबंधों को समझने और व्याख्या करने का विशेष कौशल रखते हैं। जटिल विषयों को सरल, शोध-आधारित और संतुलित दृष्टिकोण के साथ पाठकों तक पहुँचाना इनकी पहचान है। संपर्क: aryan.ambastha@rashtrabharat.com